बेंगलुरु मुख्यालय वाली एरलाइन देश में अपनी सेवाएं शुरू करने के सात साल बाद भी सिर्फ घरेलू उड़ानों तक सीमित है।
चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अब तीन महीने से कुछ ही अधिक समय बचे हैं, ऐसे में विनिवेश प्रक्रिया के पूरा होने की संभावना बहुत कम है।
घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिये नमक से लेकर साफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाले टाटा समूह के अलावा कई कंपनियों ने प्रारंभिक बोलियां लगायी हैं।
एसपी ग्रुप ने शीर्ष अदालत में टाटा से अलग होने की योजना पेश करते हुए कहा था कि उसकी टाटा संस में 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 1.75 लाख करोड़ रुपये है।
शापूरजी पालोनजी समूह ने कहा कि टाटा से अलग होने की योजना के तहत मूल्यांकन में किसी तरह के विवाद को समाप्त करने के लिए सूचीबद्ध संपत्तियों में प्रो-राटा के आधार पर विभाजन किया जा सकता है। समूह ने कहा कि टीसीएस में टाटा की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत है। क्योंकि टाटा संस में उसकी 18.37 प्रतिशत की हिस्सेदारी है इसके हिसाब से टीसीएस में उसका हिस्सा 13.22 प्रतिशत बैठता है।
साइरस मिस्त्री को टाटा संस से अक्टूबर 2016 में बर्खास्त किए जाने के बाद से एसपी समूह और टाटा के बीच कानूनी जंग जारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मिस्त्री की फर्मों और शापूरजी पलोनजी ग्रुप को टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी के शेयरों के खिलाफ पूंजी जुटाने, गिरवी रखने या शेयरों के संबंध में कोई और कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है।
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सस्ती विमानन सेवा देने वाली एयर एशिया इंडिया को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 123.35 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। वर्ष 2018 की इसी अवधि में कंपनी का नुकसान 166.15 करोड़ रुपये था।
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात की
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि एयर इंडिया के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। सरकार ने एयरलाइन में पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया है।
टाटा संस और साइरस मिस्त्री विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) की याचिका रद्द करने के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के फैसले पर रोक लगा दी है।
उच्चतम न्यायालय ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने के एनसीएलएटी के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी।
टाटा समूह और साइरस मिस्त्री विवाद पर एनसीएलएटी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए NCLAT के आदेश पर रोक लगा दी है यानी साइरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के चेयरमैन नहीं बन पाएंगे।
टाटा संस और साइरस मिस्त्री विवाद के बीच साइरस मिस्त्री ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि टाटा समूह में किसी भी भूमिका में लौटने में उनकी कोई रुचि नहीं है।
टीसीएस ने एनसीएलटी के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें उसने साइरस पालोनजी मिस्त्री को कंपनी के निदेशक के रूप में फिर से बहाल करने का आदेश दिया था।
एनसीएलएटी ने टाटा-मिस्त्री मामले में कंपनी पंजीयक (आरओसी) की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित कर दी है।
प्रतिस्पर्धी घरेलू विमानन बाजार में एयरएशिया इंडिया अपने पैर जमाने के लिये जहां एक तरफ संघर्ष कर रही है वहीं कंपनी के संचालन में टाटा समूह का दबदबा बढ़ रहा है और अधिकांश वरिष्ठ पदों पर समूह से जुड़े कार्यकारी काबिज हो गए हैं।
टाटा संस ने कहा कि सपूरजी पलोनजी ग्रुप का निवेश केवल 69.57 करोड़ रुपए है।
प्राइवेट कंपनी बनने के बाद कंपनी को महत्वपूर्ण फैसलों के लिए शेयरधारकों की मंजूरी की जरूरत नहीं रह गई थी।
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