रतन टाटा की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक टाटा नैनो का उद्देश्य मध्यम वर्ग को आराम देना था। 2000 के दशक की शुरुआत में, इस परियोजना का मकसद मध्यम वर्ग के भारतीयों को एक सुरक्षित और सस्ती चार पहिया वाहन प्रदान करना था।
टाटा दुनिया की सबसे सस्ती कहे जाने वाली अपनी नैनो हैचबैक को एक बार फिर नए अवतार में लेकर आ सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बहुत जल्द टाटा नैनो का इलेक्ट्रिक वर्जन मार्केट में नजर आ सकता है।
रतन टाटा अपने पर्सनल असिस्टेंट शांतनु नायडू के साथ मॉडिफाइड टाटा नैनो इलेक्ट्रिक (Modified Tata Nano Electric) कार से Taj Hotel पहुंचे थे।
टाटा मोटर्स ने जनवरी, 2008 में ऑटो एक्सपो में नैनो को लॉन्च किया था। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक नैनो का उत्पादन और बिक्री अप्रैल, 2020 से बंद हो जाएगा
छले साल जनवरी-सितंबर के दौरान टाटा मोटर्स ने घरेलू बाजार में 297 इकाई का उत्पादन किया, जबकि 299 कार बेची।
टाटा मोटर्स की छोटी कार नैनो का उत्पादन इस साल जनवरी से बंद है। वहीं फरवरी से कंपनी ने एक भी नैनो कार नहीं बेची है। कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह जानकारी दी है।
शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा कि आलोच्य महीने में एक भी नैनो नहीं बिकी। टाटा मोटर्स अब तक इस बात पर कायम रही है कि नैनो के भविष्य को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है।
सिर्फ उत्पादन ही नहीं बल्कि जनवरी के दौरान Tata Nano की सेल और एक्सपोर्ट भी शून्य ही दर्ज किया गया है
Tata Motors की तरफ से जारी किए गए उत्पादन आंकड़ों के मुताबिक बीते अगस्त के दौरान कंपनी ने 9 टाटा नैनो गाड़ियां बनाई हैं और 10 गाड़ियों की बिक्री की है
एक तरफ देश में कारों की बिक्री के रिकॉर्ड बन रहे हैं तो दूसरी तरफ टाटा मोटर्स की एक कार ऐसी भी है जो उसकी मजबूती बन चुकी है। 10 साल पहले लॉन्च हुई टाटा नैनो की मांग लगभग खत्म हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कंपनी इसके प्रोजेक्ट को बंद नहीं कर रही और मजबूरी में इक्का-दुक्का कार का उत्पादन कर रही है
अब आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि टाटा मोटर्स ने अपनी टाटा इंडिका और टाटा इंडिगो कार का उत्पादन भारत में बंद कर दिया है। वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत से टाटा मोटर्स ने अपनी इंडिया हैचबैक और इंडिगो सेडान की एक भी यूनिट का उत्पादन नहीं किया है।
घरेलू मार्केट में तो Tata Motors इक्का-दुक्का Nano कार बेच देती है लेकिन विदेशी बाजारों में इसका मार्केट इतना खराब हो चुका है कि एक महीने में एक गाड़ी का भी एक्सपोर्ट नहीं हो पाया है
Nano को रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट समझा जाता है और 10 साल पहले उन्होंने ही इसे लॉन्च किया था। लेकिन उनका यह सपना 10 साल में ही टूटता लग रहा है
रिपोर्ट्स के मुताबिक कभी टाटा मोटर्स के सबसे लोकप्रिय कॉर मॉडल्स रह चुके टाटा इंडिका और टाटा इंडिगो के उत्पादन को भी बंद किया जा सकता है
टाटा मोटर्स की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक दिसंबर के दौरान नैनो के निर्यात में करीब 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है
नवंबर के दौरान कंपनी ने सिर्फ 135 नैनो गाड़ियों का प्रोडक्शन किया है जबकि पिछले साल नवंबर के दौरान कंपनी ने 674 नैनो गाड़ियां बनाई थी
टाटा मोटर्स के मुताबिक बीते सितंबर में उसने सिर्फ 58 टाटा नैनों का उत्पादन किया है जबकि पिछल साल सितंबर में 847 नैनो का उत्पादन किया था।
CNG कारें एक अच्छा विकल्प हैं। फैक्ट्री फिटेड सीएनजी होने से आपकी कार की वॉरंटी भी खत्म नहीं होती, वहीं CNG रिफिलिंग भी आसान नहीं होती।
टाटा नैनो को बाजार में बनाए रखने के लिए कंपनी को नैनो में निवेश करना होगा और इसके खर्चीले और घाटे में चल रहे प्रोजेक्ट टाटा मोटर्स पैसा लगाती नहीं दिख रही
आरसी भार्गव ने आज कहा कि छोटी कार Tata Nano सिर्फ एक या दो वजह से असफल नहीं रही, बल्कि यह पूरी तरह ग्राहकों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पाई।
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