अफगानिस्तानी तालिबानियों ने महिलाओं को कंधार में फिर काम शुरू करने की अनुमति देने पर विचार करने की बात कही है। अफगानिस्तान के एक बड़े सहायता संगठन के प्रमुख ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा की स्वात घाटी पर तालिबान का दोबारा कब्जा हो गया है। 'पाकिस्तान मिलिट्री मॉनिटर' ने बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने बहुत तेजी से स्वात में कब्जा जमाया है।
तालिबान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान के कानून इस्लामी नियमों और दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं और बड़ी संख्या में अफगान नागरिक इन नियमों को मानते हैं।
श्रीलंका और पड़ोसी पाकिस्तान के बाद अब तालिबान शासित अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में भी भूचाल आने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले कई महीनों से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अफगानी मुद्रा में गिरावट का दौर जारी है। इससे तालीबानियों को कुछ सूूझ नहीं रहा है। वैसे अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में ज्यादातर आतंकवाद का ही पैसा लगा है।
वीडियो में करीब एक दर्जन युवा थार कार से सड़क पर स्टंट करते हुए देखे जा रहे हैं। युवकों के हाथ में हथियार हैं और वह हुड़दंग मचाते हुए दिख रहे हैं।
अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति दिन-व-दिन बदतर होती जा रही है, जिसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी निंदा होती रही है। अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने तालिबान के इस रवैये पर गहरी चिंता जाहिर की है।
अफगानिस्तान के पश्चिमी शहर हेरात में तालिबान ने वीडियो गेम खेलने से लेकर संगीत सुनने तक पर प्रतिबंध लगा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सदाचार को बढ़ावा देने और बुराई पर लगाम लगाने के उद्देश्य से यह प्रतिबंध लगाया गया है। जो बिना किसी चेतावनी के लगाया गया है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी है कि अगर काबुल पाकिस्तान विरोधी आतंकवादियों पर लगाम नहीं लगाता है, तो वह अफगानिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर हमला करेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तानी हुक्मरानों को स्पष्ट संदेश दिया था कि वह अपनी जमीन पर आतंकवाद न पाले।
तालिबान के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि ‘अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के काम करने से उन्हें कोई ऐतराज नहीं हैं, लेकिन उनके देश यानी अफगानिस्तान की महिलाएं वैश्विक निकाय में काम नहीं कर सकेंगी। प्रवक्ता ने कहा कि ‘ अफगानिस्तान की महिलाओं के लिए ये फरमान हमारा आंतरिक मामला है।
अफगानिस्तान में राज कर रहे तालिबानियों ने अब महिलाओं पर नई पाबंदी लगा दी है। महिलाओं को अब हरे-भरे बगीचे या रेस्टोरेंट में जाने की अनुमति नहीं होगी।
पाकिस्तान अब तक जिस तालिबान को पालता आया था, अब वही उसके लिए काल बन गया है। लगातार पाकिस्तान में तालिबान आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा है और लोगों की जान ले रहा है। पाकिस्तान की सरकार तालिबान के आगे बेबस हो चुकी है। एक बार फिर तालिबान के आतंकियों ने दो पाकिस्तानी सैनिकों को बम विस्फोट करके उड़ा दिया है।
रमजान का हवाला देकर तालिबानियों ने रेडियो की आवाज खामोश करवा दी। इस आदेश के पीछे तालिबान का आरोप है कि महिला रेडियो स्टेशन पवित्र रमजान माह के दौरान बजाया जा रहा था। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महिला रेडियो स्टेशन ने तालिबान के इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
तालिबान के सुप्रीम लीडर मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने अफगानिस्तान के बाहर शरिया कानून लागू करने का अपना खतरनाक मंसूबा जगजाहिर किया है। दरअसल तालिबान जबसे सत्ता में आया है। वह अपनी व्यवस्था चलाने का एक बेहतरीन ढांचा नहीं बना सकता है। तालिबान के नेताओं में आम सहमति नहीं है, जिसके कारण आए दिन उनके बीच मारपीट होती रहती है
तालिबान के सर्वोच्च नेता ने भाई-भतीजावाद के खिलाफ एक फरमान जारी किया है। इस फरमान के तहत अफगानिस्तान के तालिबान प्रशासन में अधिकारियों को सरकारी पदों पर अपने रिश्तेदारों की भर्ती करने से रोक दिया है।
कंधार शहर में एक शख्स ने तालिबान का नाम लेकर महिलाओं के बैग और गहने लूट लिए। आरोपी को एक महिला से 10 हजार डॉलर का सोना चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था।
एजाज श्रीनगर का रहने वाला था और जनवरी में उसे गृह मंत्रालय ने आतंकी घोषित किया था। बताया जा रहा है कि तालिबान के एक्शन में इस आतंकी की मौत हुई है। भारत ने तालिबान से यह पूरा मामला उठाया था।
तालिबान ने एक बार फिर विवादित फरमान दिया है। तालिबान को ऐसा लगता है कि मुस्लिम आबादी को कंट्रोल करने के लिए इन गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसी वजह से उसने घर-घर जाकर ये चेतावनी जारी कर दी है कि इन दवाओं का किसी भी सूरत में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
आतंक की आग में झुलसता पाकिस्तान, गरीबी की गर्त में गिड़गिड़ाता पाकिस्तान, महंगाई की मार से मुर्झाता पाकिस्तान और आर्थिक तंगी से तबाह होता पाकिस्तान को अब कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। दो वक्त की रोटी को मोहताज पाकिस्तान को तालिबानी आतंकियों ने अपने चंगुल में ऐसा जकड़ा है कि वह उससे निकल पाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा।
ताबड़तोड़ आतंकी हमलों ने पाकिस्तान को हलकान कर दिया है। पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में स्थित पुलिस मुख्यालय पर शुक्रवार को घातक फिदायीन हमला भी तालीबानी आतंकवादियों ने किया था। पाकिस्तानी तालिबान ने एक संक्षिप्त बयान जारी करके इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कैदियों को मुक्त कराने आए आंतकवादियों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर फायरिंग करना शुरू कर दिया। इससे अफरातफरी मच गई। पाकिस्तान के सुरक्षा बलों की इससे आतंकियों के साथ मुठभेड़ हो गई।
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