पाकिस्तान ने जिन आतंकवादियों को भारत को चोट पहुंचाने के लिए पाला था, आज उन्होंने ही उसे बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।
पाकिस्तान में आए दिन आतंकवादी हमले आम बात हो गए हैं। कब और कहां राह चलते आतंकवादी हमले हो जाएं, इस बारे में कुछ कहना मुश्किल हो गया है। इधर आइएसआइएस के 4 महिला आतंकियों को पाकिस्तान पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। ये सभी महिला आतंकी पाकिस्तान तबाही मचाने की फिराक में आई थीं।
पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान एक बार फिर सिर उठाने लगा है और इसी कड़ी में आतंकी संगठन के एक आत्मघाती हमलावर ने बन्नू जिले में 9 पाकिस्तानी सैनिकों की जान ले ली।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने एक बार फिर पाकिस्तान को उसकी हैसियत दिखाई है। इस बार पाकिस्तान की आर्मी की ताकत पर ही तालिबान ने सवाल उठा दिए हैं। साथ ही टीटीपी पर पाकिस्तान के आरोपों पर जवाब में अफगान सरकार ने कहा कि उनकी धरती पर आतंकवाद नहीं पल रहा है, पाकिस्तान गलत आरोप न लगाए।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद से जब युवतियों और महिलाओं पर प्रतिबंध के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने महिलाओं की स्वतंत्रता से जुड़े हर सवाल को खारिज कर दिया और कहा कि महिलाओं पर प्रतिबंध की यथास्थिति बनी रहेगी।
तालिबान में महिलाओं और लड़कियों को उच्च शिक्षा हासिल करने का अधिकार पहले ही छीना जा चुका है। इससे उनकी पढ़ाई-लिखाई चौपट हो चुकी है। अफगानिस्तान विश्वविद्यालय का कहना है कि वह लड़कियों को दाखिला दे सकता है, मगर यदि तालिबानी नेता अपने प्रतिबंध को हटा लें, तब।
तालिबान महिलाओं की शिक्षा को लेकर लगातार फरमान जारी कर रहा है। कॉलेज-यूनिवर्सिटी जाने पर पाबंदी लगाने के बाद उनसे लड़कियों को कक्षा 6 तक की पढ़ाई का हुक्म जारी किया था, जिसे और कम दिया है। अब उसने 10 साल की लड़कियों को भी स्कूल में दाखिल होने पर रोक लगा दी है।
अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा कि देश के वरिष्ठ राजनयिकों के एक समूह ने तालिबान के प्रतिनिधियों और तकनीकी पेशेवरों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में मानवीय संकट और विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
अफगानिस्तान में तालिबान ने दमन का एक और कदम उठाया है। यदि महिलाएं टैक्सी में बैठीं तो ड्राइवर को भी सजा होगी। दरअसल, तालिबानी सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से अफगानिस्तान में लोगों खासकर महिलाओं की आजादी छीन गई है।
पाकिस्तानी तालिबान यानी टीटीपी अब पाकिस्तान में और ज्यादा मजबूत हो गए हैं। यह बड़ा खुलासा यूएनएससी की रिपोर्ट में हुआ है।
तालिबान द्वारा देशभर में ब्यूटी सैलून बंद करने के आदेश के बाद दर्जनों अफगान महिलाओं ने बुधवार को प्रतिबंध का विरोध किया।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर आरोप लगाया कि वह टीटीपी को पालती पोसती है। उसके इशारे पर ही पाकिस्तानी तालिबानी पाकिस्तान में आतंकी हमले करते हैं। इस पर अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है।
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान के हक्कानी और कंधारी दो गुट आपस में भिड़ गए हैं। आलम यह है कि दोनों एकदूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते हैं।
तालिबानियों ने अफगानी महिलाओं की जिंदगी को नरक बना रखा है। अक्सर एक के बाद एक महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने वाले फरमान जारी किए जा रहे हैं। महिलाओं की शिक्षा, नौकरी, पहनावे पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है। अब तालिबानियों ने महिलाओं के उस शौक पर भी खंजर चला दिया है, जिससे वह सुंदर दिखती हैं।
जिस तालिबान की पाकिस्तान ने तरफदारी की, आज वही तालिबान पाकिस्तान को आंख दिखा रहा है। तालिबान की सरकार ने पाकिस्तान को दो टूक कहा है कि वह डूरंट रेखा को नहीं मानता है। यह महज एक ‘रेखा‘ है।
ऐसा माना जा रहा है कि अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने और अफगान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों तथा स्वतंत्रता पर नियंत्रण करने के बाद से इस तरह का यह पहला मामला है।
घुसपैठियों, ड्रग्स या हथियारों को इस ओर भेजने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सशस्त्र बलों को सतर्क रहना होगा।
पहले पाकिस्तान के रास्ते गेहूं भेजा था, लेकिन इस बार कंगाल पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए भारत ने अपने दोस्त ईरान के रास्ते अफगानिस्तान को भेजकर अपना गेहूं भेजने का वादा पूरा किया है।
मुस्लिम देश अब आपस में ही भिड़ रहे हैं। ईरान-ईराक के बाद अब पाकिस्तान-अफगानिस्तान और अफगानिस्तान-ईरान में भी जंग शुरू हो गई है। अफगानिस्तान-ईरान की जंग में तालिबानियों ने 2 ईरानी सैनिकों को मार डाला।
अफगानिस्तानी तालिबानियों ने महिलाओं को कंधार में फिर काम शुरू करने की अनुमति देने पर विचार करने की बात कही है। अफगानिस्तान के एक बड़े सहायता संगठन के प्रमुख ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
संपादक की पसंद