तालिबान ने इस बात को साफ किया है कि उन्हें अन्य देशों से अच्छे रिश्ते बनाने हैं ताकि वे अपने देश की टीम को खेलने के लिए भेज सकें और अन्य देशों की टीमों की मेजबानी भी कर सकें।
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद तालिबान ने दुनिया के अलग-अलग देशों के साथ संपर्क स्थापित करना शुरू कर दिया है।
साथ ही ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूद और वहां से निकलने की इच्छा रखने वाले अमेरिकियों की संख्या 100 के करीब होगी। सोमवार को निकासी अभियान समाप्त होने की पेंटागन की घोषणा के कुछ देर बाद विदेश मंत्री ने कहा कि काबुल में अमेरिकी दूतावास बंद रहेगा और खाली भी रहेगा।
तालिबान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये हम सबकी जीत है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान अमेरिका के साथ अच्छ संबंध चाहता है।
जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले से मौजूद 73 विमानों को अमेरिकी सैनिकों ने वहां से रवाना होने से पहले ही तकनीकी तौर पर बेकार कर दिया
तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया है। इस मौके पर तालिबान ने फायरिंग कर जश्न मनाया।
अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान ने पुष्टि की है कि पीआईए के विमान ने डब्ल्यूएचओ की चिकित्सकीय सामग्री की खेप की आपूर्ति की है। खान ने एक ट्वीट में कहा, 'डब्ल्यूएचओे की चिकित्सकीय सामग्री की खेप लेकर पीआईए का पहला मालवाहक विमान सोमवार को इस्लामाबाद से मजार-ए-शरीफ गया।'
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण किये जाने के बाद, भारत अपने नागरिकों को वहां से निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जबकि काबुल में होने वाली घटनाओं पर सावधानीपूर्वक नजर बनाये हुए है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का मुद्दा अफगानिस्तान को हल नहीं करना है बल्कि पाकिस्तानी सरकार द्वारा हल किया जाना चाहिए।
एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, एक अफगान पुलिस प्रमुख ने कहा है कि काबुल हवाई अड्डे के उत्तर-पश्चिम में आज एक रॉकेट हमले में एक बच्चे की मौत हो गई। तालिबान ने कहा कि अमेरिकी एयर स्ट्राइक में सुसाइड बॉम्बर की गाड़ी तबाह हो गई, तालिबान ने कहा कि सुसाइड बॉम्बर का टारगेट काबुल एयरपोर्ट था।
तालिबान ने बगलान प्रांत की अंदाराबी घाटी में एक लोक गायक की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक का नाम फवाद अंदाराबी है।
रशियन मीडिया के मुताबिक, काबुल रॉकेट हमले में 2 लोगों की मौत हो गई है जबकि 3 लोग घायल हो गए हैं। धमाके के बाद लोग छतों पर भगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। बम ब्लास्ट के बाद आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
एक तरफ तालिबानी नेता अफगानिस्तान में शांति की बात कर रहे हैं तो वहीं उनके लड़ाके जगह-जगह आतंक फैलाने का काम कर रहे हैं। अफगानिस्तान में तालिबान ने काबुल में अपने आतंकियों की संख्या बढ़ा दी है। तालिबान ने ये फैसला अफगानिस्तान के नांगरहार में ISIS के खुरासान ग्रुप के ठिकाने पर अमेरिका के हमले के बाद लिया है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन की अफगान नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका को जितनी बुरी स्थिति में डाला जा सकता था, वह उतनी खराब स्थिति में है।
इस्लामिक स्टेट के अफगानिस्तान में संबद्ध, जिन्हें इस्लामिक स्टेट खुरासान या आईएसआईएस-के कहा जाता है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
तालिबान के प्रवक्ता जुबिउल्लाह मुजाहिद ने यह भी कहा कि समूह जिसके हाथ में अब अफगानिस्तान की बागडोर है वह भारत को क्षेत्र में एक अहम हिस्सा मानता है। पाकिस्तान के एआरवाई समाचार चैनल ने बुधवार को मुजाहिद के हवाले से कहा, ‘‘हम क्षेत्र के एक अहम हिस्से भारत समेत सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं।
तालिबान के हाथ छह लाख हथियार, 75 हजार बख्तरबंद गाड़िया और 200 से ज्यादा एयरोप्लेन और चौपड़ लगे हैं जिसकी कीमत लगभग 85 अरब है। दरअसल 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 में से 33 प्रांतों पर कब्जा कर लिया।
काबुल पर तालिबान के कब्जा करने के बाद करीब एक लाख लोगों को देश से बाहर निकाला गया है जिनमें से अधिकतर को तालिबान की कई जांच चौकियों से गुजरना पड़ा।
अमेरिका ने भले ही अफगानिस्तान छोड़ दिया हो लेकिन तालिबान को बेहद खतरनाक बनाकर गया है। अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी ने कहा है कि बायडेन सरकार की गलती की वजह से तालिबान को 85 बिलियन डॉलर कीमत के अमेरिकी सेना के हथियार मिल गए हैं।
तालिबान नेता शहाबुद्दीन दिलवार ने अफगानिस्तान में एक नए शासन की स्थिरता पर संदेह जताने वाले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के जवाब में कहा है कि भारत को जल्द ही पता चल जाएगा कि तालिबान देश के मामलों को सुचारू रूप से चला सकता है।
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