अफगानिस्तान और तालिबान को जानने वाले लोग बताते हैं कि जो भी सरकार बनेगी वह ज्यादा दिन तक चल नहीं पाएगी।
बता दें कि पिछले महीने काबुल पर कब्जे के बाद से खबरे आ रही हैं कि तालिबान पत्रकारों की पिटाई कर रहा है और उन्हें धमकी दे रहा है।
मुल्ला हसन वर्तमान में तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई रहबरी शूरा या नेतृत्व परिषद का प्रमुख है, जो शीर्ष नेता के अनुमोदन के अधीन समूह के सभी मामलों पर सरकारी मंत्रिमंडल की तरह कार्य करता है।
मंगलवार को जब अफगानिस्तान में पाकिस्तान तथा तालिबान के विरोध में प्रदर्शन हो रहे थे तो उस समय Tolo News का कैमरामैन अपने कैमरे से उसे कवर कर रहा था
बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर VHP के रुख को लेकर पूछ गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि VHP राजनीतिक दल नहीं है।
सालेह ने 15 अगस्त को तालिबान के राजधानी के द्वार पर पहुंचने पर राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के बाद खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया था।
तालिबान राज में महिलाओं पर जुल्म कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। राजधानी काबुल सहित कई शहरों से अबतक महिलाओं के प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं।
'सामना' के संपादकीय में उनकी टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा गया है, "भले ही जावेद अख्तर एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं और कट्टरता के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन उनका आरएसएस की तुलना तालिबान से करना पूरी तरह से गलत है।"
AFP ने जानकारी दी है कि Resistance Forces ने बयान जारी कर तालिबान से लड़ाई रोकने और पीछे हटने के लिए कहा है। कहा जा रहा है कि पंजशीर में हुई संघर्ष में Resistance Forces को भारी नुकसान हुआ है।
अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों ने एक प्रांतीय शहर में एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी है।
तालिबान के लड़ाकों ने शुक्रवार रात देश भर में हवा में गोलियां चलाईं, जिसमें अफगानिस्तान के आसपास 70 से अधिक लोग मारे गए।
केरल बीजेपी चीफ के सुरेंद्रन ने कहा कि राज्य में नेता दूध और शहद देकर धार्मिक उग्रवाद का पोषण कर रहे हैं।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने शनिवार को कहा कि तालिबान एक ऐसी सरकार बनाने के लिये संघर्ष कर रहा है जो समावेशी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य हो। तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर काबिज होने के बाद दूसरी बार, काबुल में नयी सरकार के गठन की घोषणा स्थगित की है। मुजाहिद ने कहा, ''नयी सरकार और कैबिनेट सदस्यों के बारे में घोषणा अब अगले सप्ताह की जाएगी।''
तालिबान ने अपनी सरकार के गठन को फिलहाल कुछ दिनों के लिए टाल दिया है। हालांकि यह तय हो गया है कि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान की सरकार का नेतृत्व करेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पॉलिटिको ने संवेदनशील लेकिन गैर खुफिया संदेश तथा अन्य लिखित दस्तावेज प्राप्त किए हैं।
विदेश सचिव ने कहा, "उनके साथ (तालिबान) हमारी बातचीत बहुत सीमित रही है। ऐसा नहीं है कि हमारी कोई ठोस बातचीत हुई है। लेकिन अभी तक जो भी बातचीत हुई है उसमें कम से कम तालिबान यह संकेत देते दिखाई दिया है कि वे इससे निपटने में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएंगे।"
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, तालिबान का कहना है कि अमरुल्लाह सालेह पंजशीर घाटी के कुछ कमांडरों के साथ भाग गए लेकिन सालेह का कहना है कि वो पंजशीर में रहकर तालिबानी ताकत का विरोध कर रहे हैं।
राना के वकील ने पीठ के समक्ष दलील दी कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता क्योंकि यह उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और आपराधिक मामला दर्ज करके इसे दबाया नहीं जा सकता है।
भारत की मेजबानी में डिजिटल तरीके से यह बैठक हुई जिसमें भारत ने सीमापार आतंकवाद तथा लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों की गतिविधियों का मुद्दा भी उठाया जिन्हें राजकीय समर्थन प्राप्त है एवं जो शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं।
तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि समूह, काबुल में ईरानी नेतृत्व की तर्ज पर सरकार गठन का ऐलान करने के लिए तैयार है जिसमें समूह के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुनजादा अफगानिस्तान में सर्वोच्च प्राधिकारी होंगे। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है।
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