इलाके के व्यवसायी समुदाय को रिझाने के लिए बनर्जी ने कहा कि वह देश की पहली नेता हैं जिन्होंने 2016 में नोटबंदी का विरोध किया था।
अफगानिस्तान पर मंडरा रहे बड़े मानवीय संकट को रोकने के लिए विश्व संगठनों ने मानवीय सहायता जुटाना शुरू कर दिया है। इस बीच तालिबान नेतृत्व ने कहा है कि देश में आने वाली सहायता आपूर्ति उन्हें सौंप दी जानी चाहिए, क्योंकि वे इन्हें गरीबों, जरूरतमंदों और योग्य लोगों को प्रदान करने की जिम्मेदारी लेंगे।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, पाकिस्तानी मदरसों से निकले अपने युवा रंगरूटों से कहता है, "जब आप आत्मघाती हमलावर के रूप में शहीद होंगे, तो शराब की नदी के अलावा 'जन्नत' (स्वर्ग) में बॉलीवुड अभिनेत्रियां आपका स्वागत करेंगी।
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के चलते अफगान सिखों को वहां से निकलना पड़ा और वह नहीं जानते कि क्या कभी वापस जा पाएंगे या नहीं।
रिपब्लिकन सांसदों ने अफगानिस्तान से अमेरकी सेना की वापसी की प्रक्रिया को तबाही और अपमान बताया। कुछ डेमोक्रेट्स सांसदों ने कहा कि यह अभियान बेहतर तरीके से चलाया जा सकता था जबकि कई अन्य ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की।
बगराम जेल से रिहा हुए आतंकियों में केरल के वे 14 युवक भी थे जो इराक जाकर इस्लामिक स्टेट में शामिल होना चाहते थे।
जयशंकर ने कहा कि वैश्विक आम-सहमति बनाने के लिए देशों के छोटे-छोटे समूहों के बजाय एक बहुपक्षीय मंच हमेशा प्रभावशाली रहता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा हालात में व्यापक बदलाव और इसके परिणाम स्वरूप मानवीय जरूरतों में भी परिवर्तन देखा गया है।
अफवाहों को ज्यादा हवा तब मिल रही है जब अफगानिस्तान पहुंचे कतर के विदेश मंत्री के साथ अधिकतर तालिबान नेताओं ने मुलाकात की है लेकिन उन तालिबान नेताओं में मुल्ला बरादर दिखाई नहीं दिया है।
कुछ महिलाओं ने काबुल में इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (आईईए) के समर्थन में एक प्रदर्शन का आयोजन किया।
अफगानिस्तान के आसपास चीन की पूरी मानसिकता खतरों को सीमित करने और नियंत्रित करने के बारे में है, ना कि अपने प्रभाव का विस्तार करने या आर्थिक पुरस्कार प्राप्त करने का अवसर को लेकर है।
गुतारेस ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हम जो देख रहे हैं, उससे मैं बहुत चिंतित हूं।
अब जबकि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बन गई है, पाकिस्तानी नेता और मंत्री खुले तौर पर कह रहे हैं कि वे अपने लोगों को भेजकर शासन चलाने में तालिबान की मदद करेंगे।
एक ओर तो पाकिस्तान तालिबान की सरकार के लिए दुनिया भर से सपोर्ट की अपील कर रहा है और दूसरी ओर धमकी भी दे रहा है कि अगर दुनिया अफगानिस्तान की सरकार को सपोर्ट नहीं करेगा तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के लिए नव-घोषित कैबिनेट की सूची के अनुसार तालिबान ने खराब छवि के लोगों को छुपाने के लिए मंत्रालय में अच्छे लोगों की नियुक्ति की है।
कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान को अलग-थलग करने के गंभीर परिणाम होंगे और वो अफगान जनता, क्षेत्र तथा दुनिया के लिए सहायक नहीं होंगे।
दरअसल दरअसल अफगानिस्तान से राष्ट्रपति अशरफ गनी के भागने और काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक की करीब साढ़े नौ अरब डॉलर यानी 706 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति फ्रीज कर दी है।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने यह भी कहा कि एक समृद्ध और शांतिपूर्ण क्षेत्र के लिए सभी क्षेत्रीय हितधारकों के बीच करीबी सहयोग आवश्यक है।
पाकिस्तानी दुकानदारों ने कैमरे पर कबूल किया कि ये 'लूट का माल' है जिसे तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया था।
पंजशीर में तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई को गोली मारे जाने की खबर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबानियों ने पंजशीर में सालेह के भाई को गोली मार दी है। वहीं अमरुल्लाह सालेह का कुछ अता-पता नहीं है।
तालिबान की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह कल यानी 9/11 की 20वीं बरसी पर हो सकता है। 20 साल पहले कल ही के दिन अमेरिका के ट्विन टॉवर पर हमला हुआ था जिसे दुनिया 9/11 के नाम से जानती है।
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