पहले तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष संकल्प जताया था कि वे महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों में कटौती नहीं करेंगे। लेकिन तालिबान के एक अधिकारी ने बुधवार को इस कदम की पुष्टि की है।
रूस के हमले के बाद यूक्रेन में खड़े हुए संकट के बीच अब तालिबान के भी बयान दिया है। शुक्रवार को तालिबान ने यूक्रेन और रूस से संयम से काम लेने और शांति बनाए रखने की अपील की है। तालिबान ने दोनों ही देशों से लड़ाई की जगह बातचीत का रास्ता अपनाने के लिए कहा है।
वर्ष 1990 के दशक के अंत में पिछले तालिबान शासन के दौरान लड़कियों के स्कूल जाने और महिलाओं के काम करने पर रोक लगा दी गई थी।
शार्लट बेलिस पिछले साल अल जजीरा के लिए काम करते हुए अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से जुड़ी खबरों को दे रही थीं। इस दौरान उन्होंने तालिबान नेताओं से महिलाओं और लड़कियों से उनके सलूक के बारे में सवाल करके अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया था।
मोईद युसुफ ने कहा, संगठित आतंकवादी नेटवर्क अभी भी अफगानिस्तान में काम कर रहे हैं और अफगानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल अभी भी पाकिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है।
पाकिस्तान ने आतंकवादियों के आसान रास्ते को रोकने के लिये 2670 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने का लगभग 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है।
कुपोषण सबसे चिंताजनक है और सहायता संगठनों का कहना है कि आधी से अधिक आबादी खाद्यान्न संकट का सामना कर रही है।
तालिबान के साथ TTP के रिश्ते मजबूत हैं और दोनों पक्षों के बीच अलग-अलग बैक चैनल काम कर रहे हैं।
बता दें कि सीमा पर ‘अवैध’ तारबंदी को रोके जाने के मुद्दे पर अब तक पाकिस्तान सरकार की ओर से किसी ने औपचारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि OIC की बैठक तालिबान शासन को आधिकारिक मान्यता नहीं देती।
बयान में कहा गया, प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि दुनिया अफगानिस्तान से कट जाने की गलती नहीं दोहराएगी।
करजई और अब्दुल्ला ने गनी के साथ बैठक की तथा उनके बीच इस बात पर सहमति बनी कि सत्ता साझेदारी समझौते पर बातचीत के लिए 15 अन्य की सूची के साथ अगले दिन वे दोहा रवाना होंगे।
ग्रिफिथ्स ने कहा कि नकदी प्रवाह के मुद्दे को वर्ष के अंत तक सुलझा लिया जाना चाहिए।
एक ऑडियो संदेश में मुफ्ती नूर वली महसूद ने सीजफायर के खात्मे का ऐलान करते हुए लड़ाकों से कहा कि वे रात 12 बजे के बाद हमले शुरू कर दें।
विदेश कार्यालय के पूर्व कर्मचारी राफेल मार्शल मेल पर आने वाले संदेशों की निगरानी करने के कार्य से जुड़ा था।
तालिबान ने यह कदम संभवत: इसलिए उठाया है क्योंकि विकसित राष्ट्रों से मान्यता हासिल करने और सहायता बहाल करने के लिए इन मानदंडों को पूरा किया जाना जरूरी है।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने रिपोर्ट में कहा, "हत्याओं के स्वरूप से पूरे अफगानिस्तान में आतंक उत्पन्न हो गया है, क्योंकि पूर्व सरकार से जुड़ा कोई भी व्यक्ति सुरक्षित महसूस नहीं कर सकता है।"
ननगरहार प्रांत के सरकारी प्रवक्ता कारी हनीफ ने कहा कि त्राइली कस्बे की एक मस्जिद में बम रखा गया था। गौरतलब है कि ननगरहार प्रांत में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी सक्रिय हैं और वहां तालिबानी लड़ाकों को निशाना बनाते हुए आए दिन हमले किए जाते हैं।
तालिबान शासकों का कहना है कि उन्होंने अभी यह तय नहीं किया है कि वे अफगानिस्तान में फिल्मों को प्रदर्शित करने की अनुमति देंगे या नहीं।
पाकिस्तान पड़ोसी देश अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए इस्लामाबाद में अमेरिका, चीन और रूस के वरिष्ठ राजनयिकों की मेजबानी कर रहा है।
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