क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक बयान में कहा कि अगर महिला खेलों को लेकर तालिबान के नजरिये संबंधी रिपोर्ट में सच्चाई है तो 27 नवंबर से होने वाला यह टेस्ट नहीं खेला जायेगा।
‘ इस प्रशासन से कोई नहीं, न तो राष्ट्रपति और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा दल से कोई यह मानेगा कि तालिबान वैश्विक समुदाय का सम्मानित एवं महत्त्वपूर्ण सदस्य है। उन्होंने किसी भी तरह से अपनी साख ऐसी नहीं बनाई है और न ही हमने ऐसा कभी कहा है।
गुरुवार को सीए ने बयान जारी कर साफ किया तालिबान के महिला क्रिकेट के बारे में विचारों को जानने के बाद वे अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच नहीं खेलेंगे।
लैंगिक समानता के लिए संयुक्त राष्ट्र इकाई, संयुक्त राष्ट्र महिला ने अफगानिस्तान में सरकार के संस्थानों से महिला मंत्रालय को हटाने के तालिबान के फैसले की आलोचना की है।
शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि प्रयासों के केंद्र में अफगान लोगों की भलाई होनी चाहिए, जो 40 वर्षों से अधिक समय से संघर्ष के कारण भारी नुकसान झेल रहे हैं।
इस समूह के पांचवें सदस्य मोहम्मद नबी उमरी को हाल में पूर्वी खोस्त प्रांत का गवर्नर नियुक्त किया गया। तालिबान फाइव नेताओं को 2014 में ओबामा प्रशासन ने रिहा किया था। फाजिल और नूरी पर 1998 में शिया हजारा, ताजिक और उज्बेक समुदायों के नरसंहार का आदेश देने का आरोप है।
नवंबर 2020 में, 25 महिला क्रिकेटरों को अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) द्वारा केंद्रीय अनुबंध में शामिल किया गया था।
तालिबान की 33 सदस्यीय अंतरिम सरकार में 12 लोग ऐसे हैं जिन्हें ग्वांतानामो बे स्थित अमेरिकी जेल में कैद करके रखा गया था।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारुख अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान में तालिबान एक अच्छी हुकूमत चलाएंगे और लोगों से इंसाफ करेंगे। उन्होंने कहा कि तालिबान को सभी के साथ दोस्ताना रिश्ते बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
एक अधिकारी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सहित विभिन्न आतंकवादी समूहों की गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी जिनकी अफगानिस्तान में मजबूत उपस्थिति है।
अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने के लिए संघर्ष की खातिर प्रतिबद्ध है।
फॉक्स न्यूज़ के एक रिपोर्टर के मुताबिक पंजशीर में हुए तालिबानी हमले में पाकिस्तान का बहुत बड़ा हाथ है। दावा यह है कि पाकिस्तानी आर्मी तालिबान की मदद कर रही है।
फारुक अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान में तालिबान एक अच्छी हुकूमत चलाएंगे और लोगों से इंसाफ करेंगे।
कश्मीर के नेता फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने तालिबान की तारीफ की है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि उन्हें तालिबान से अच्छी सरकार की उम्मीद है।
आतंकी मुल्ला हसन अखुंद की लीडरशिप में बनाया गया ये कैबिनेट 33 आतंकियों का है, जिसमें 30 मंत्री पश्तून समुदाय के हैं। हक्कानी नेटवर्क से 4 आतंकियों को मंत्री बनाया गया है जबकि हजारा समुदाय को मौका नहीं मिला है।
अफगानिस्तान में आखिरकार तालिबान की सरकार का गठन हो गया। इस कैबिनेट जहां मुल्ला हसन अखुंद प्रधानमंत्री होंगे वहीं उनके साथ-साथ दो उपप्रधानमंत्री भी होंगे। देखिए पूरी रिपोर्ट।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर 15 अगस्त को कब्जा करने के करीब तीन सप्ताह बाद मंगलवार को तालिबान ने अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया। तालिबान ने मंगलवार को कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। मंत्रिमंडल में अमेरिका नीत गठबंधन और अफगान सरकार के सहयोगियों के खिलाफ 20 साल तक चली जंग में दबदबा रखने वाली तालिबान की शीर्ष हस्तियों को शामिल किया गया है।
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को रिपब्लिकन सांसदों के उन दावों को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि अमेरिका द्वारा सैनिकों और राजनयिकों को निकालने के बाद मजार-ए-शरीफ में बंधक जैसी स्थिति है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर 15 अगस्त को कब्जा करने के करीब तीन सप्ताह बाद मंगलवार को तालिबान ने अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया। तालिबान ने मुल्ला हसन अखुंद को नई सरकार में प्रधानमंत्री बनाने का ऐलान किया है।
तालिबान ने मंगलवार को कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है।
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