बता दें कि तालिबान ने बीते 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
इलाके के व्यवसायी समुदाय को रिझाने के लिए बनर्जी ने कहा कि वह देश की पहली नेता हैं जिन्होंने 2016 में नोटबंदी का विरोध किया था।
इस आदेश के खिलाफ सैकड़ों अफगानों ने सोमवार को प्रदर्शन किया और कहा कि उन्हें नहीं पता कि अब वे कहां जाएंगे और यह भी कहा कि उन्होंने यहां बसने के लिए वर्षों पहले पूर्व अफगान सैनिकों को पैसे दिए थे।
अफगानिस्तान पर मंडरा रहे बड़े मानवीय संकट को रोकने के लिए विश्व संगठनों ने मानवीय सहायता जुटाना शुरू कर दिया है। इस बीच तालिबान नेतृत्व ने कहा है कि देश में आने वाली सहायता आपूर्ति उन्हें सौंप दी जानी चाहिए, क्योंकि वे इन्हें गरीबों, जरूरतमंदों और योग्य लोगों को प्रदान करने की जिम्मेदारी लेंगे।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, पाकिस्तानी मदरसों से निकले अपने युवा रंगरूटों से कहता है, "जब आप आत्मघाती हमलावर के रूप में शहीद होंगे, तो शराब की नदी के अलावा 'जन्नत' (स्वर्ग) में बॉलीवुड अभिनेत्रियां आपका स्वागत करेंगी।
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के चलते अफगान सिखों को वहां से निकलना पड़ा और वह नहीं जानते कि क्या कभी वापस जा पाएंगे या नहीं।
रिपब्लिकन सांसदों ने अफगानिस्तान से अमेरकी सेना की वापसी की प्रक्रिया को तबाही और अपमान बताया। कुछ डेमोक्रेट्स सांसदों ने कहा कि यह अभियान बेहतर तरीके से चलाया जा सकता था जबकि कई अन्य ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की।
क्या आप जानते है कि पाकिस्तान में एक ऐसा मदरसा है जहां से पढ़कर तालिबान के टॉप लीडर्स निकले हैं और यह खूखार तालिबानी नेता अब अफगानिस्तान में बनी नई सरकार के कैबिनेट में भी शामिल हैं...इस मदरसे का नाम है 'दारुल उलूम हक़्क़ानिया'.....
बगराम जेल से रिहा हुए आतंकियों में केरल के वे 14 युवक भी थे जो इराक जाकर इस्लामिक स्टेट में शामिल होना चाहते थे।
बगराम जेल अफगानिस्तान का वह जेल है जहां अमेरिका ने अल क़ायदा और ISIS के बड़े-बड़े आतंकियों को कैद कर रखा था। लेकिन तालिबान के सत्ता में आते ही ये सारे क़ैदी जेल से छूट गए। देखिए इंडिया टीवी पर बगराम जेल की एक्सक्लूसिव तस्वीरें।
जयशंकर ने कहा कि वैश्विक आम-सहमति बनाने के लिए देशों के छोटे-छोटे समूहों के बजाय एक बहुपक्षीय मंच हमेशा प्रभावशाली रहता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा हालात में व्यापक बदलाव और इसके परिणाम स्वरूप मानवीय जरूरतों में भी परिवर्तन देखा गया है।
भारत अभी दुनिया के सबसे बड़े मुद्दे अफगानिस्तान पर चर्चा कर रहा है, तो वहीं आज बीजेपी के भूपेंद्र पटेल गुजरात के नए सीएम भी बना दिए गए। ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम मोदी सितंबर में कई बड़े फैसले भी ले सकते हैं। आखिर क्या है पीएम मोदी का सितंबर प्लान? जानिए इस रिपोर्ट में।
तालिबान के मसले पर एक मीटिंग चल रही है। इस पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बड़ी बात कही है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि भारत अफगानिस्तान को अनाज देने के तैयार है लेकिन उस पर तालिबान का कब्ज़ा नहीं होना चाहिए।
अफगानिस्तान के उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर का एक ऑडियो संदेश सामने आया है जिसमें मुल्ला बरादर ने कहा है कि वह जिंदा है और घायल भी नहीं हुआ था। तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने अपने ट्विटर हेंडल से यह ऑडियो जारी किया है। देखिए कुरुक्षेत्र सौरव शर्मा के साथ।
हालांकि मुल्ला बरादर को लेकर अभी भी शक जताया जा रहा है और सवाल खड़े हो रहे हैं कि तालिबान ने ऑडियो क्यों जारी किया है तथा क्यों मुल्ला बरादर खुद सामने नहीं आया है।
अफवाहों को ज्यादा हवा तब मिल रही है जब अफगानिस्तान पहुंचे कतर के विदेश मंत्री के साथ अधिकतर तालिबान नेताओं ने मुलाकात की है लेकिन उन तालिबान नेताओं में मुल्ला बरादर दिखाई नहीं दिया है।
कुछ महिलाओं ने काबुल में इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (आईईए) के समर्थन में एक प्रदर्शन का आयोजन किया।
अफगानिस्तान के आसपास चीन की पूरी मानसिकता खतरों को सीमित करने और नियंत्रित करने के बारे में है, ना कि अपने प्रभाव का विस्तार करने या आर्थिक पुरस्कार प्राप्त करने का अवसर को लेकर है।
गुतारेस ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हम जो देख रहे हैं, उससे मैं बहुत चिंतित हूं।
अब जबकि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बन गई है, पाकिस्तानी नेता और मंत्री खुले तौर पर कह रहे हैं कि वे अपने लोगों को भेजकर शासन चलाने में तालिबान की मदद करेंगे।
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