अपनी क्रूरता के कारनामों के लिए तालिबानी दुनिया भर में बदनाम हैं। इस बार तालिबानियों ने 2 लोगों को इतनी खौफनाक सजा दी है कि वह फिर चर्चा में आ गए हैं। तालिबानियों ने किसी को यह भी नहीं बताया कि उन दोनों का आखिर अपराध क्या था?
Former Afghan MP on Taliban: फाहिद ने कहा, ‘महिलाओं और लड़कियों का मौत का रास्ता चुनना इस बात का संकेत है कि अफगानिस्तान में उनके लिए जीवन कितना कठिन है। वे तालिबान के शासन में रहने के बजाय मौत को गले लगाना बेहतर विकल्प मान रही हैं।’
Taliban Military Parade: तालिबान के सैकड़ों लड़ाके अमेरिका में बनी एम-4 राइफल के साथ परेड में दिखाई दिए। इसके साथ ही तालिबान ने इंटरनेशल M1124 मैक्स प्रो एंटी माइन एंबुश प्रोटेक्ट वेहिकल की पूरी फ्लीट का प्रदर्शन किया। दरअसल अमेरिकी सेना जल्दबाजी में बीते साल अगस्त महीने में अफगानिस्तान से निकली थी।
Taliban Parade: यह कार्यक्रम काबुल के उत्तर में बगराम एयर बेस पर आयोजित किया गया था। अफगानिस्तान में संचालित दो दशकों के दौरान बगराम एयरफील्ड अमेरिकियों का सबसे बड़ा सैन्य मुख्यालय था। इसका उपयोग तालिबान के खिलाफ सैन्य अभियानों की योजना बनाने और समन्वय करने के लिए किया गया था।
US Afghanistan: कर्नल ने उन शरणार्थियों को भी अनुमति नहीं दी, जिनके पास अमेरिकी पासपोर्ट था, यह कहते हुए कि दस्तावेज जाली हो सकते हैं। बसों में मौजूद शरणार्थियों की जिंदगी बचाने की अंतिम कोशिश के रूप में उत्तरी कैरोलिना के सीनेटर थॉम टिलिस को फोन लगाया गया।
India Taliban: एक साल पहले जब 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सरकार गिर गई थी और वहां तालिबान का शासन स्थापित हुआ था, तब भारत ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया था। अधिकारी आधी रात को दूतावास छोड़कर काबुल से नई दिल्ली आ गए थे।
One Year of Taliban: स्कूल का नया सत्र शुरू होने से पहले मार्च में उम्मीदें जगीं थीं जब तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि सभी को स्कूल जाने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन, 23 मार्च को फिर से स्कूल खोलने के दिन निर्णय अचानक उलट गया।
अफगानिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला मुहम्मद हसन अखुन्द ने कहा कि हम पिछली सरकारों के अधिकारियों से देश लौटने की अपील करते हैं और हम उन्हें पूर्ण सुरक्षा देंगे।
गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट के पास कारों में सवार होकर एवं पैदल लोगों ने मार्च निकाला एवं उनके हाथों में अफगान ध्वज के सम्मान में लंबे काले, लाल एवं हरे बैनर थे।
जहां एक ओर पूरी दुनिया अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के अत्याचार की ख़बरें देख रही हैं, वहीं भारत के कुछ लोगों ने तालिबान का समर्थन किया है। इसी मुद्दे पर देखिये बड़ी बहस मुक़ाबला में अजय कुमार के साथ।
जहां एक ओर पूरा विश्व अफगानिस्तान पर चल रहे अत्याचार को देख रहा है,वहीं दो अफगानी महिलाओं ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए अपना दर्द बयां किया। देखिए पूरी रिपोर्ट।
जहां एक ओर अफगानिस्तान में तालिबान का अत्याचार बढ़ता जा रहा हैं, वहीं भारत में तालिबान के हमदर्दों की कमी देखने को नहीं मिल रही है। मशहूर शायर और कवि मुनव्वर राणा ने इंडिया टीवी से बात करते हुए तालिबान का खुलेआम समर्थन किया।
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