अफगानिस्तान में तालिबान राज चल रहा है। तालिबान राज में लड़कियों का हाल सबसे बुरा है। अफगानिस्तान में 80 प्रतिशत लड़कियां शिक्षा से दूर हैं। यहां तालिबान शासन के तीन साल भी पूरे हो गए हैं।
भारत उन 10 क्षेत्रीय देशों में शामिल था, जिन्होंने सोमवार को काबुल में तालिबान द्वारा बुलाई गई राजनयिक प्रतिनिधियों की बैठक में भाग लिया। इस बैठक में भारत की तरफ से दो प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार जब से आई है, महिलाओं के अधिकार और उनकी स्वतंत्रता का हनन हुआ है। इसी कड़ी में तालिबान ने प्रतिबंध का एक और फरमान जारी किया है। यह फरमान बिना पुरुषों के रहने वाली महिलाओं के लिए है।
अफगानिस्तान में तालिबानियों की सरकार को भारत मान्यता नहीं देता है और न ही आगे देगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि तालिबान में समावेशी सरकार का गठन किया जाना चाहिए। तालिबानियों का शासन महिलाओं, बच्चों और अफगानी लोगों का कल्याण नहीं कर सकता।
भारत के पड़ोसी देश में महिलाओं की आबरू बिलकुल भी सुरक्षित नहीं रह गई है। महिलाओं और लड़कियों के साथ दुष्कर्म और अन्य लैंगिक हिंसा के मामले बढ़े हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकाम तालिबानी अधिकारी अफगानी महिलाओं को जेल भेज रहे हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान ने दमन का एक और कदम उठाया है। यदि महिलाएं टैक्सी में बैठीं तो ड्राइवर को भी सजा होगी। दरअसल, तालिबानी सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से अफगानिस्तान में लोगों खासकर महिलाओं की आजादी छीन गई है।
अफगानिस्तान में राज कर रहे तालिबानियों ने अब महिलाओं पर नई पाबंदी लगा दी है। महिलाओं को अब हरे-भरे बगीचे या रेस्टोरेंट में जाने की अनुमति नहीं होगी।
तालिबान के सर्वोच्च नेता ने भाई-भतीजावाद के खिलाफ एक फरमान जारी किया है। इस फरमान के तहत अफगानिस्तान के तालिबान प्रशासन में अधिकारियों को सरकारी पदों पर अपने रिश्तेदारों की भर्ती करने से रोक दिया है।
जब से अफगानिस्तान की सत्ता तालिबान के हाथों में आई है, तब से महिलाओं का जीना दूभर हो गया है। आए दिन तालिबान नए-नए बैन लगाता रहता है और महिलाओं के लिए तुगलकी फरमान जारी करता रहता है। मंगलवार को तालिबान ने यूनिवर्सिटी में लड़कियों की पढ़ाई पर बैन लगा दिया है।
Indian Projects in Afghanistan: तालिबान शासन आने के बाद से ही अफगानिस्तान में मानवीय संकट लगातार बढ़ रहा है। भारत यहां के आम लोगों को इस संकट से निकालने की बात कर रहा है।
Afghanistan Pakistan Fight: पाकिस्तान की अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान सरकार से बिलकुल नहीं बन रही है। दोनों देशों की सीमा पर लंबे वक्त से तनाव बना हुआ है। यहां गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिसके बाद सीमा क्रॉसिंग को बंद करना पड़ा है।
Mothers Selling Children: बल्ख प्रांत में रहने वाली इस महिला का कहना है कि उसे अत्यधिक गरीबी के कारण अपने बच्चे को मजबूरन बेचने का फैसला लेना पड़ा है। उसके पास खाने तक के लिए कुछ नहीं है।
Afghanistan Taliban regime: अफगानिस्तान में तालीबानी आतंकियों का शासन वहां की लड़कियों पर जुल्म ढा रहा है। तालिबान अफगानी लड़कियों के पढ़ने पर पाबंदी लगा दी है।
Former Afghan MP on Taliban: फाहिद ने कहा, ‘महिलाओं और लड़कियों का मौत का रास्ता चुनना इस बात का संकेत है कि अफगानिस्तान में उनके लिए जीवन कितना कठिन है। वे तालिबान के शासन में रहने के बजाय मौत को गले लगाना बेहतर विकल्प मान रही हैं।’
Taliban Military Parade: तालिबान के सैकड़ों लड़ाके अमेरिका में बनी एम-4 राइफल के साथ परेड में दिखाई दिए। इसके साथ ही तालिबान ने इंटरनेशल M1124 मैक्स प्रो एंटी माइन एंबुश प्रोटेक्ट वेहिकल की पूरी फ्लीट का प्रदर्शन किया। दरअसल अमेरिकी सेना जल्दबाजी में बीते साल अगस्त महीने में अफगानिस्तान से निकली थी।
Taliban Parade: यह कार्यक्रम काबुल के उत्तर में बगराम एयर बेस पर आयोजित किया गया था। अफगानिस्तान में संचालित दो दशकों के दौरान बगराम एयरफील्ड अमेरिकियों का सबसे बड़ा सैन्य मुख्यालय था। इसका उपयोग तालिबान के खिलाफ सैन्य अभियानों की योजना बनाने और समन्वय करने के लिए किया गया था।
India Taliban: एक साल पहले जब 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सरकार गिर गई थी और वहां तालिबान का शासन स्थापित हुआ था, तब भारत ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया था। अधिकारी आधी रात को दूतावास छोड़कर काबुल से नई दिल्ली आ गए थे।
One Year of Taliban: स्कूल का नया सत्र शुरू होने से पहले मार्च में उम्मीदें जगीं थीं जब तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि सभी को स्कूल जाने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन, 23 मार्च को फिर से स्कूल खोलने के दिन निर्णय अचानक उलट गया।
Taliban News: तालिबान के अफगानिस्तान में एक साल पूरे होने पर ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि तालिबान ने एक साल पहले अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने के सारे वादे तोड़े हैं।
भारत वह देश रहा है, जिसने अफगानिस्तान को सबसे ज्यादा मदद दी है। इस देश के विकास के लिए 2001 से अब तक भारत ने करीब 3 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। इस पैसे से कई स्कूल, सड़कें, बांध और अस्पताल बनाए गए हैं।
संपादक की पसंद