Taliban News: दो महीने पहले काबुल के करते परवान गुरुद्वारे पर इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) का हमला हुआ था। जिसमें इस पवित्र इमारत को काफी नुकसान पहुंचा। 40 लाख अफगानी रुपये की राशि से इस समय अफगान कारीगर दीवारों पर पेंटिंग करने, फर्श की टाइलें बिछाने और मुख्य हॉल को अंतिम रूप दे रहे हैं।
One Year of Taliban: स्कूल का नया सत्र शुरू होने से पहले मार्च में उम्मीदें जगीं थीं जब तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि सभी को स्कूल जाने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन, 23 मार्च को फिर से स्कूल खोलने के दिन निर्णय अचानक उलट गया।
तालिबान ने शुरुआत में इस हमले को अमेरिका की ओर से दोहा समझौते का उल्लंघन करने वाला दिखाने की कोशिश की। समझौते में यह भी कहा गया है कि अमेरिका पर हमले की मंशा रखने वाले को तालिबान शरण नहीं देगा।
भारत वह देश रहा है, जिसने अफगानिस्तान को सबसे ज्यादा मदद दी है। इस देश के विकास के लिए 2001 से अब तक भारत ने करीब 3 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। इस पैसे से कई स्कूल, सड़कें, बांध और अस्पताल बनाए गए हैं।
पाकिस्तान की सरकार चाहती है कि टीटीपी नेतृत्व सेना के खिलाफ हिंसा छोड़े, अपने संगठन को भंग करे और अपने क्षेत्र में लौट आए। पाकिस्तानी मौलवियों ने टीटीपी नेताओं के आगे इस्लाम और कुरान तक का हवाला दिया है।
अनस हक्कानी को तत्कालीन अफगानिस्तान सरकार के इशारे पर साल 2014 में कतर में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे अफगानिस्तान में प्रत्यर्पित कर दिया गया। अब अनस ने इस पूरे घटनाक्रम को गैरकानूनी बताया है।
Taliban Coal News: महंगी बिजली से परेशान पाकिस्तान सरकार अफगानिस्तान से सस्ता कोयला मंगाना चाहती थी। इसकी भनक लगते ही तालिबान ने कोयले के दाम 30 फीसदी बढ़ा दिए।
Afghanistan News: इससे पहले गुरुवार को अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक जिले में विस्फोट हुआ था, जिसमें पांच तालिबानी सदय्य और एक नागरिक मारे गए थे।
तालिबान के आचरण और नैतिकता मंत्री खालिद हनफी ने कहा, हम चाहते हैं कि हमारी बहनें सम्मान और सुरक्षा के साथ रहें।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बृहस्पतिवार को एक क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान अफगानिस्तान का पुरजोर समर्थन किया, जबकि देश में तालिबान नेताओं द्वारा किये जा रहे मानवाधिकार हनन का कोई जिक्र नहीं किया।
अफगानिस्तान के तालिबान शासक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच नकदी के संकट से जूझ रहे अपने देश में राजस्व उगाही के एक स्रोत के तौर पर इस खनिज संपदा के दोहन के लिए चीन से आस लगा रहे हैं।
साल 2021 में ऐसी कई बड़ी घटनाएं हुई जो वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बनी। एक देश में लोकतांत्रिक सरकार को हटाया गया तो दूसरे देश में लंबे समय से चले आ रहे विदेशी शासन का खात्मा हुआ और सबसे नया गणराज्य अस्तित्व में आया। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने वहां की सत्ता पर कब्जा हासिल कर लिया।
महिला अधिकारों पर आमिर अल मोमीन की तरफ से जारी किए गए फरमान में सभी संबंधित संगठनों, उलेमा-ए-करम और जनजातीय बुजुर्गों से यह अपील की गई है कि वे जमीनी स्तर पर इस फरमान की तामील कराएं।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने रिपोर्ट में कहा, "हत्याओं के स्वरूप से पूरे अफगानिस्तान में आतंक उत्पन्न हो गया है, क्योंकि पूर्व सरकार से जुड़ा कोई भी व्यक्ति सुरक्षित महसूस नहीं कर सकता है।"
तालिबान ने कंधार प्रांत में सरकारी स्वामित्व वाले आवासीय परिसर के निवासियों को जाने के लिए तीन दिन का समय दिया। संपत्ति पिछली सरकार द्वारा सिविल सेवकों को वितरित की गई थी।
पूर्ववर्ती सोवियत संघ ने अफगानिस्तान में 10 साल तक युद्ध लड़ा था, जिसका अंत 1989 में वहां से रूसी सैनिकों की वापसी के साथ हुआ। मॉस्को ने हाल के वर्षों में तालिबान के और अन्य पक्षों के साथ वार्ता की मेजबानी कर अफगानिस्तान के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय वार्ता में एक सशक्त मध्यस्थ के रूप में वापसी की है।
पुनीत सिंह चंडोक ने आगे कहा कि 'उन्होंने साथ ही गुरुद्वारे से सटे सांसद नरिंदर सिंह खालसा के पूर्व आवास और कार्यालय पर भी छापेमारी की है।
आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद अगस्त के आखिरी सप्ताह में अघोषित दौरे पर काबुल गए थे और तालिबान के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी।
इस महीने की शुरुआत में मंत्रियों के चयन के दौरान भी मंत्रिमंडल में किसी महिला को शामिल नहीं किया गया था। इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई थी।
पिछले शासन के मुकाबले उदारता दिखाने के तमाम वादों के बावजूद तालिबान ने आम जनता पर सख्ती दिखाना नहीं छोड़ा है।
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