अमेरिका और ताइवान के बीच होने वाले व्यापार समझौते को लेकर चीन की सरकार आग बबूला है। चीन ने ताइवान पर दबाव बनाने के लिए द्वीप पर बमवर्षक विमान और फाइटर जेट उतार दिए हैं। मगर अमेरिका इसे नजरअंदाज कर समझौते पर अडिग है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के जी-7 में शामिल होने से पहले योमिउरी शिंबुन को विशेष साक्षात्कार दिया है। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर, दक्षिण-चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागीरी, चीन-ताइवान तनाव, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा संकट जैसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत की है।
अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के संभावित उम्मीदवार बोल्टन ने ताइपे में ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा दलों को बीजिंग द्वारा की जाने वाली संभावित कार्रवाइयों से निपटने की आकस्मिक योजनाएं बनानी चाहिए।
ताइवान पर तकरार के बीच चीन अब फिलीपींस को किसी फांस में फंसाने से बच रहा है। इस तनावपूर्ण हालात में वह फिलीपींस से पंगा नहीं लेना चाहता। ड्रैगन को ऐसा करने पर अमेरिका का डर सता रहा है। इसलिए चीन ने अब फिलीपींस से रिश्ते सुधारने की पहल शुरू कर दी है।
अमेरिका ने चीन से कहा है कि वह ताइवान के खिलाफ सैन्य, कूटनीतिक, आर्थिक दबाव बंद कर करे। यह बात यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कही।
चीन ने आगाह करते हुए कहा कि ताइवान का समर्थन करने वाले ‘आग से खेल रहे हैं।‘ चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने अपने बयान में कड़े तेवर दिखाए।
चीन की इस मिलिट्री एक्सरसाइज के बाद अमेरिकी नौसेना ने ताइवान जलडमरूमध्य में अपना पहला युद्धपोत भेजा है। हाल ही में ताइवान के चारों ओर चीन ने व्यापक युद्ध अभ्यास किया था।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने मीडिया में एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उसे सुबह नौ बजकर 36 मिनट के आसपास उत्तर-पश्चिमी चीन में जियुकुआन अड्डे से प्रक्षेपण के बारे में पता चला है। बयान में कहा गया है कि उपग्रह ले जा रहे रॉकेट के कुछ हिस्से ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में गिरे।
ताइवान को लेकर चीन आक्रामक मुद्रा में है। चीन ने उत्तरी ताइवान के एक खास हिस्से में एयरस्पेस 16 से 18 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय लिया है। न्यूज एजेंसी रायटर के अनुसार इस अवध्णि में घरेलू फैलाइट्स नहीं उड़ पाएंगी।
चीन का कहना है कि ताइवान के आसपास उसका व्यापक स्तर पर किया गया सैन्य अभ्यास द्वीप राष्ट्र को ‘‘एक कड़ी चेतावनी’’ है। चीन का तीन दिवसीय व्यापक अभ्यास सोमवार को समाप्त हुआ।
चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के ‘ईस्टर्न थिएटर’ कमान ने ताइवान द्वीप के आसपास गश्त और अभ्यास के सभी कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। चीन ने कहा, ‘‘सैनिक लड़ने के लिए तैयार हैं।"
खबरों के मुताबिक चीन ने सोमवार को युद्ध अभ्यास के दौरान अप्रत्यक्ष रूप से ताइवान के आसमान में घेराबंदी की। इस दौरान चीन के दर्जनों लड़ाकू विमान ताइवान के हवाई क्षेत्र में युद्ध अभ्यास करते दिखे।
इस कटोरी की नीलामी के दौरान इसे बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। क्योंकि यह कटोरी 18वीं शताब्दी की है। इस कटोरी को योंगझेंग सम्राट के समय बनवाया गया था। बता दें कि योंगझेंग सम्राट थे जिन्होंने चीन पर 1722 से 1735 तक शासन किया था।
चीन फन फैलाने लगा है। बौखलाए चीन ने तीन ओर से ताइवान को घेर लिया है। 71 फाइटर जेट, 9 जहाज ताइावन के पास ही जंगी अभ्यास कर रहे हैं। वे हमले के लिए तैयार हैं। कंडीशन न बिगड़ जाए, इसे लेकर अमेरिका ने पूरी तरह इस इलाके पर नजर गड़ा रखी है।
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की हालिया अमेरिका यात्रा से भड़के चीन ने शनिवार को ताइवान जलडमरूमध्य की तरफ युद्धपोत और दर्जनों लड़ाकू विमान भेजे। इससे अफरातफरी मच गई। ऐसा पहली बार नहीं है, जब चीन ने ताइवान की ओर अपने लड़ाकू विमान भेजा हो। इसस पहले भी चीन ताइवान पर मानसिक दबाव बनाने के मकसद से ऐसा कर चुका है।
ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के अमेरिका की यात्रा से लौटने के बाद चीन ने सैन्य अभ्यास का ऐलान कर दिया।
ताइवान के मुद्दे को लेकर अमेरिका और चीन में लंबे समय से ठनी हुई है। ताजा मामले में जब ताइवान की राष्ट्रपति ने अमेरिका की यात्रा की तो इससे चीन के सीने में फिर से बदले की आग भड़क उठी। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन के इस दौरे से उठी एक चिंगारी ने चीन को आग बबूला कर दिया।
चीन को करारा जवाब देने से ताइवान अब अमेरिका में बनी एफजीएम 148 एंटी टंक गाइडेड मिसाइल का इंतजार कर रहा है। ये वो ही एंटी टैंक मिसाइल है, जिसने रूस और यूक्रेन की जंग में रूसी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। अब इसी हथियार से ताइवान चीन को जरूरत पड़ने पर मजा चखाना चाहता है।
चीन को इस बात की मिर्ची लगी कि वन चाइना पॉलिसी के तहत चीन नहीं चाहता है कि ताइवान के साथ कोई देश रिश्ता रखे और उसे देश का दर्जा दे। लेकिन अमेरिका ताइवान को तवज्जो देता है और अमेरिकी भरोसे पर ही ताइवान की राष्ट्रपति ने अमेरिका की यात्रा की है।
अमेरिका ने ताइवान की राष्ट्रपति से मुलाकात की। इससे चीन काफी बौखला गया है। चीन ने इस मुलाकात से पहले धमकी भी दी थी कि ताइवानी राष्ट्रपति से मुलाकात करके अमेरिका आग से खेल रहा है। लेकिन अमेरिका पर इन धमकियों का कोई असर नहीं पड़ा।
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