चीन के घोर प्रतिद्वंदी ताइवान में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान शुरू हो गया है। वहीं इस मतदान पर ना सिर्फ चीन बल्कि अमेरिका भी अपनी नजर बनाए हुए है। बता दें कि चीन और ताइवान में काफी लंबे समय से विवाद चला आ रहा है।
चीनी सेना ने वॉशिंगटन में अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के साथ सैन्य वार्ता की। इस दौरान चीनी रक्षा मंत्रालय ने साफ कहा कि वह ताइवान मुद्दे पर समझौता नहीं करेगा। चीनी सेना ने अमेरिका से ताइवान को हथियार सप्लाई बंद करने का भी आग्रह किया।
ताइवान में तेज भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 रही। भूकंप का केंद्र 10 किमी (6.21 मील) की गहराई पर था। चीन में भी सोमवार की रात पिछले 9 सालों का सबसे तेज भूकंप आया था जिसमें अबतक 148 लोगों की जान चली गई।
ताइवान के इलाके में चीन का जासूसी बैलून देखा गया है। इस घटना से हड़कंप मच गया है। ताइवान ने चीन को बड़ी धमकी दी है। ताइवान बोला हम जासूसी बैलून को उड़ा देंगे। इससे पहले अमेरिका में भी जासूसी बैलून नष्ट किया गया था, जिस पर बवाल मचा था।
चीन लगातार ताइवारन को घेर रहा है। चक्रवाती तूफान से जूझने वाले ताइवान की ओर चीन ने जंगी सैन्य विमान और तीन शिप भेजे हैं। चीन की इस हरकत पर ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से भी बयान आया है।
ताइवान में शक्तिशाली तूफान को देखते हुए सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऐहतियात के तौर पर ताइवान सरकार ने उड़ानों को रद्द कर दिया है। वहीं कई इलाकों में स्कलों की छुट्टी कर दी है।
चीन के आए दिन ताइवान को धमकी देने के बीच ताइवान ने भी चीन से टक्कर लेने की ठान ली है। वह लगातार अपनी रक्षा जरूरतों को बढ़ा रहा है। इसी बीच ताइवान की पहली स्वदेशी पनडुब्बी बनाई है। इसकी लागत 1.54 बिलियन डॉलर है। ताइवान के इस स्वदेशी पनडुब्बी को बनाने की खबर से चीन को मिर्ची लग गई है। उसने खिसियाते हुए बयान दिया है।
ताइवान में किसी देश के नेता की एंट्री होते ही चीन भड़क उठता है। इसीलिए अमेरिका के साथ चीन का तनाव चरम पर रहता है। अमेरिकी नेता चीन की हर चेतावनियों को दरकिनार कर ताइवान की यात्रा करते हैं। इस बार ऑस्ट्रेलियाई सांसदों के ताइवान दौरे से चीन बौखला गया है।
वहीं इससे पहले मोरक्को के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 2000 की संख्या को पार कर चुका है। मोरक्को के गृह मंत्रालय के अनुसार अब तक 2012 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। इस दुखद प्राकृतिक हादसे में हजारों लोग घायल हैं।
ताइवान की हवाई सीमा के करीब अपने लड़ाकू विमानों को भेजकर जंग की हलचल बढ़ा दी। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को अलर्ट जारी किया है इस मामले में। चीन ने एक दो नहीं बल्कि 103 फाइटर जेट भेजे हैं। इससे इलाके में तनाव काफी बढ़ गया है।
ताइवान को चीन हमेशा से अपने क्षेत्र के रूप में देखता है। हाल के वर्षों में ताइवान ने द्वीप के पास चीनी सैन्य गतिविधियों में बढ़ोतरी की शिकायत की है। बीजिंग बार-बार इस क्षेत्र पर अपनी संप्रभुता के दावों पर जोर देना चाहता है।
ताइवान में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार टेरी गौ ने फॉक्सकॉन कंपनी के पद से इस्तीफा देकर अपनी दावेदारी को और मजबूत कर दिया है। फॉक्सकॉन आइफोन बनाने के लिए दुनिया भर में मशहूर है। टेरी गौ चीन के प्रमुख आलोचक माने जाते हैं। ऐसे में चीन उनकी उम्मीदवारी और राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं को लेकर अभी से परेशान है।
ताइवान में पिछले दिनों सुरक्षा संवाद समिति में भारतीय सेना के तीन पूर्व सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। यह बात चीन को बेहद नागवार गुजरी है। चीन ने भारतीय अधिकारियों की मौजूदगी को एक-चीन नीति का उल्लंघन माना है। चीन ने भारत को ताइवान से सीमित संबंध ही रखने की अपील की है।
भारत के बाद अब फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम और ताइवान ने भी चीन के नये नक्शे को खारिज कर दिया है। सभी देशों ने इसे चीन की हड़प नीति और बदनीयत का हिस्सा बताया है। चीन विस्तारवादी नीति के चलते ताईवान को भी अपना हिस्सा बताता है। जबकि ताईवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है।
चीन ने भारत के दो राज्यों-अरुणाचल प्रदेश और अक्सा चिन पर अपना दावा पेश किया है। नया मैप जारी कर चीन ने भारत के दो राज्यों को ही नहीं, ताइवान और साउथ चाइना सी को भी अपना बता दिया है।
ताइवान में देश का पहला हिंदू मंदिर स्थापित किया गया है। मंदिर की स्थापना के बाद काफी संख्या में हिंदुओं ने वहां पूजा अर्चना की और मंदिर के सामने तस्वीरें भी खिंचवाई। इसके बाद इस खुशी को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया। ताइवान में हिंदू मंदिर खोले जाने से चीन की चिंता बढ़ना लाजमी है।
ताइवान ने अपने रक्षा क्षेत्र में चीन के 20 सैन्य विमानों के घुसने का आरोप लगाया है। ये चीनी फाइटर जेट और ड्रोन पिछले 24 घंटे से ताइवान के हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहे हैं। ताइवान ने इसका कड़ा विरोध जाहिर किया है। मगर चीन की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
चीन की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए अमेरिका ने एक बार फिर ताइवान को सैन्य सहायता बढ़ाई है। बाइडेन प्रशासन ने ताइवान को 500 मिलियन डॉलर की राशि के नए हथियार देने के डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं।
ताइवान के तटीय इलाकों में बौखलाए चीन ने सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। चीन की यह बौखलाहट ताइवान के उपराष्ट्रपति के अमेरिका दौरे के बाद बढ़ी है।
चीन ने एक बार फिर अमेरिका को धमकाया है कि वह ताइवान को लेकर आग से खेल रहा है। जानिए कि असल में, ताइवान और चीन का झगड़ा क्या है? क्या है वन चाइना पॉलिसी, जिस पर चीन चल रहा है। अमेरिका और ताइवान की दोस्ती पर चीन क्यों भड़कता है?
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