चीन ने ताइवान के नए राष्ट्रपति के मई में कार्यभार संभालने से पहले ताइपे पर भारी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ताइवान जलडमरूमध्य के पास चीन ने अपने फाइटर प्लेन और युद्धक पोत की तैनाती कर दी है। साथ ही तटरक्षकों की गश्त को भी बढ़ा दिया है। इससे ताइवान परेशान है।
" चीन की इस गतिविधि से पहले 14 फरवरी को यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख के लिए अमेरिकी नामित एडमिरल सैमुअल पापारो ने चेतावनी दी थी कि चीन जल्द ही ताइवान पर आक्रमण को छिपाने के लिए सैन्य अभ्यास का उपयोग करने की क्षमता हासिल कर सकता है।
भारत और ताइवान अब दोस्ती के नए मुकाम पर पहुंच रहे हैं। दोनों देशों के बीच एक अहम समझौता होने से भारतीय श्रमिकों के लिए अब ताइवान का आवागमन करना और वहां रहना आसान हो जाएगा। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और आपसी रिश्ते को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ताइवान में भारत की मजबूत होती पकड़ से चीन परेशान है।
चीन और ताइवान के बीच तनातनी जारी है। इसी बीच ताइवान ने एक बार फिर बड़ा दावा किया है कि ताइवान के आसपास चीन के 7 फाइटर जेट और 4 नौसैनिक जहाज मंडराते देखे गए। यही नहीं, चीनी जासूसी गुब्बारा भी देखा गया, हालांकि बाद में वो गायब हो गया। इससे चीन की आक्रामता का पता चलता है।
ताइवान में लाई-चिंग-ते के राष्ट्रपति बनने के बाद ही चीन ने इस देश से अपने संबंधों को तोड़ लिया था। अब चीन एक अन्य द्वीप देश पर बुरी नजर डालने लगा है। ताइवान की तरह यह भी एक द्वीप देश है और क्षेत्रफल में ताइवान से भी छोटा है। इस छोटे से देश का नाम नाउरू है, जिससे चीन ने अब अपने राजनयिक संबंधों को बहाल कर लिया है।
ताइवान में चीन विरोधी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से ड्रैगन बौखला गया है। चीन लगातार ताइवान के आसपास सैन्य गतिविधियों को अंजाम देने में जुटा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार उसने राष्ट्रपति चुनावों के बाद पहली बार सीमा क्षेत्र में इतनी बड़ी चीनी सैन्य गतिविधियां देखी हैं।
मालदीव में भारत विरोधी सरकार आने पर चीन जितना खुश हुआ था, ताइवान ने उसे उतना ही बड़ा झटका दे दिया है। चीन जिन्हें नहीं चाहता था, वो ही ताइवान के नए राष्ट्रपति चुनकर आ गए हैं, उनका नाम है लाई चिंग ते। भारत के लिए यह बहुत खुशखबरी है।
ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव में चीन के कट्टर विरोधी उम्मीदवार को जीत मिली है। इससे चीन के खेमे में खलबली मच गई है। चीन की ओर से घोषित कट्टर अलगाववादी और मौजूदा ताइवान के उपराष्ट्रपति लाइ-चिंग ते ने यह चुनाव जीत लिया है। उन्हें चीन का सबसे कट्टर विरोधी माना जाता है।
चीन के घोर प्रतिद्वंदी ताइवान में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान शुरू हो गया है। वहीं इस मतदान पर ना सिर्फ चीन बल्कि अमेरिका भी अपनी नजर बनाए हुए है। बता दें कि चीन और ताइवान में काफी लंबे समय से विवाद चला आ रहा है।
चीनी सेना ने वॉशिंगटन में अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के साथ सैन्य वार्ता की। इस दौरान चीनी रक्षा मंत्रालय ने साफ कहा कि वह ताइवान मुद्दे पर समझौता नहीं करेगा। चीनी सेना ने अमेरिका से ताइवान को हथियार सप्लाई बंद करने का भी आग्रह किया।
ताइवान में तेज भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 रही। भूकंप का केंद्र 10 किमी (6.21 मील) की गहराई पर था। चीन में भी सोमवार की रात पिछले 9 सालों का सबसे तेज भूकंप आया था जिसमें अबतक 148 लोगों की जान चली गई।
ताइवान के इलाके में चीन का जासूसी बैलून देखा गया है। इस घटना से हड़कंप मच गया है। ताइवान ने चीन को बड़ी धमकी दी है। ताइवान बोला हम जासूसी बैलून को उड़ा देंगे। इससे पहले अमेरिका में भी जासूसी बैलून नष्ट किया गया था, जिस पर बवाल मचा था।
चीन लगातार ताइवारन को घेर रहा है। चक्रवाती तूफान से जूझने वाले ताइवान की ओर चीन ने जंगी सैन्य विमान और तीन शिप भेजे हैं। चीन की इस हरकत पर ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से भी बयान आया है।
ताइवान में शक्तिशाली तूफान को देखते हुए सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऐहतियात के तौर पर ताइवान सरकार ने उड़ानों को रद्द कर दिया है। वहीं कई इलाकों में स्कलों की छुट्टी कर दी है।
चीन के आए दिन ताइवान को धमकी देने के बीच ताइवान ने भी चीन से टक्कर लेने की ठान ली है। वह लगातार अपनी रक्षा जरूरतों को बढ़ा रहा है। इसी बीच ताइवान की पहली स्वदेशी पनडुब्बी बनाई है। इसकी लागत 1.54 बिलियन डॉलर है। ताइवान के इस स्वदेशी पनडुब्बी को बनाने की खबर से चीन को मिर्ची लग गई है। उसने खिसियाते हुए बयान दिया है।
ताइवान में किसी देश के नेता की एंट्री होते ही चीन भड़क उठता है। इसीलिए अमेरिका के साथ चीन का तनाव चरम पर रहता है। अमेरिकी नेता चीन की हर चेतावनियों को दरकिनार कर ताइवान की यात्रा करते हैं। इस बार ऑस्ट्रेलियाई सांसदों के ताइवान दौरे से चीन बौखला गया है।
वहीं इससे पहले मोरक्को के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 2000 की संख्या को पार कर चुका है। मोरक्को के गृह मंत्रालय के अनुसार अब तक 2012 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। इस दुखद प्राकृतिक हादसे में हजारों लोग घायल हैं।
ताइवान की हवाई सीमा के करीब अपने लड़ाकू विमानों को भेजकर जंग की हलचल बढ़ा दी। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को अलर्ट जारी किया है इस मामले में। चीन ने एक दो नहीं बल्कि 103 फाइटर जेट भेजे हैं। इससे इलाके में तनाव काफी बढ़ गया है।
ताइवान को चीन हमेशा से अपने क्षेत्र के रूप में देखता है। हाल के वर्षों में ताइवान ने द्वीप के पास चीनी सैन्य गतिविधियों में बढ़ोतरी की शिकायत की है। बीजिंग बार-बार इस क्षेत्र पर अपनी संप्रभुता के दावों पर जोर देना चाहता है।
ताइवान में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार टेरी गौ ने फॉक्सकॉन कंपनी के पद से इस्तीफा देकर अपनी दावेदारी को और मजबूत कर दिया है। फॉक्सकॉन आइफोन बनाने के लिए दुनिया भर में मशहूर है। टेरी गौ चीन के प्रमुख आलोचक माने जाते हैं। ऐसे में चीन उनकी उम्मीदवारी और राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं को लेकर अभी से परेशान है।
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