चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पेलोसी की प्रस्तावित यात्रा के बारे में सवालों के जवाब देते हुए अमेरिका को सख्त चेतावनी दी।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध भीषण हो गया है। इस जंग के बीच चीन भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसने युद्ध के बीच ताइवान के आकाश में 9 चीनी विमानों ने घुसपैठ की है। जानिए ड्रेगन की मंशा क्या है, आखिर क्यों हैं ताइवान के साथ चीन के तल्ख रिश्ते। क्या है वन नेशन की चाइना पॉलिसी, इसे विस्तार समझिए।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर इस मिसाइल समझौते को मंजूरी मिलने की जानकारी दी।
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने इस बयान पर ‘दुख’ व्यक्त करते हुए कहा कि वह तुरंत अपने राजनयिक कर्मचारियों को वापस बुलाएगा।
अमेरिकी सांसद ऐसे समय में यात्रा पर यहां आए हैं, जब ताइवान और चीन के बीच तनाव अत्यधिक बढ़ गया है।
अमेरिका ने कहा कि पोत का जलडमरूमध्य से होकर गुजरना एक मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
शी जिनपिंग ने कहा कि चीन का उदय ‘इतिहास की अपरिहार्य प्रवृत्ति’ है और इसे रोका नहीं जा सकता।
चीन सैन्य अभ्यास करके और द्वीप के निकट विमान भेजकर ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग के अपने खतरों को बढ़ा रहा है।
ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है जबकि अमेरिका उसे 1979 में ही अलग देश की मान्यता दे चुका है। ताइवान में पूरी तरह से स्वतंत्र सरकार चलती है और चीन रह रहकर ताइवान को धमकाता रहता है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान और चीन के पुन: एकीकरण की जोरदार वकालत करते हुए पिछले सप्ताह कहा था कि ‘ताइवान का मुद्दा’ सुलझाया जाएगा और ‘शांतिपूर्ण एकीकरण’ दोनों पक्षों के हितों में है।
शी ने एक आधिकारिक उत्सव के मौके पर बीजिंग के ग्रेट हॉल में कहा कि चीन के पुन:एकीकरण के रास्ते में ‘ताइवन स्वतंत्रता’ बल मुख्य बाधक है।
ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में इतने विमानों की आवाजाही के बाद अमेरिका भड़क गया है और उसने चीन को चेतावनी दे दी है। अमेरिका ने इस मामले पर चीन से उसकी उकसाने वाली सैन्य गतिविधियों को रोकने के लिए कहा है।
चीन ने अपनी ताकत दिखाने के लिए गुरुवार को ताइवान की ओर 19 लड़ाकू विमान भेजे। इससे पहले स्वशासित द्वीप ने ऐलान किया था कि उसकी मंशा 11 सदस्यीय प्रशांत व्यापार समूह में शामिल होने की है, जिसमें सम्मिलित होने के लिए चीन ने भी आवेदन किया है।
चीन ने लिथुआनिया से कहा था कि यदि उसने कार्यालय खोलने की अनुमति दी तो उसे इसका अंजाम भुगतना पड़ सकता है।
अमेरिका और ताइवान तटरक्षक बलों के अधिकारियों ने चीन द्वारा स्व-शासित द्वीप के लोकतंत्र को अलग-थलग करने के प्रयासों के बावजूद सहयोग और संचार में सुधार पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की।
लिथुआनिया द्वारा देश में ताइवान को उसके नाम से प्रतिनिधि कार्यालय खोलने की इजाजत देने से भड़के चीन ने मंगलवार को वहां से अपने राजदूत को वापस बुला लिया।
चीन ने मंगलवार को ताइवान की तरफ 28 लड़ाकू विमान भेजे। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि चीन के लड़ाकू विमान पिछले साल से लगभग रोजाना ही ताइवान की तरफ उड़ान भर रहे हैं।
चीन ने बुधवार को हाल ही में ताइवान स्ट्रेट से होकर अमेरिकी नौसेना के एक जहाज के गुजरने का विरोध किया और इसे उकसावे वाला कदम करार दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापानी प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के बीच वार्ता के दौरान अमेरिकी-जापान गठजोड़ के प्रदर्शन पर पलटवार करते हुए चीन ने इसे ‘विभाजन का विडंबनापूर्ण प्रयास’ करार दिया।
व्हाइट हाउस ने कहा कि जो बाइडन प्रशासन चीन के साथ धैर्य के साथ आगे बढ़ रहा है और उसे कोई जल्दबाजी नहीं है।
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