ताइवान में पिछले दिनों सुरक्षा संवाद समिति में भारतीय सेना के तीन पूर्व सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। यह बात चीन को बेहद नागवार गुजरी है। चीन ने भारतीय अधिकारियों की मौजूदगी को एक-चीन नीति का उल्लंघन माना है। चीन ने भारत को ताइवान से सीमित संबंध ही रखने की अपील की है।
भारत के बाद अब फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम और ताइवान ने भी चीन के नये नक्शे को खारिज कर दिया है। सभी देशों ने इसे चीन की हड़प नीति और बदनीयत का हिस्सा बताया है। चीन विस्तारवादी नीति के चलते ताईवान को भी अपना हिस्सा बताता है। जबकि ताईवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है।
चीन ने भारत के दो राज्यों-अरुणाचल प्रदेश और अक्सा चिन पर अपना दावा पेश किया है। नया मैप जारी कर चीन ने भारत के दो राज्यों को ही नहीं, ताइवान और साउथ चाइना सी को भी अपना बता दिया है।
ताइवान में देश का पहला हिंदू मंदिर स्थापित किया गया है। मंदिर की स्थापना के बाद काफी संख्या में हिंदुओं ने वहां पूजा अर्चना की और मंदिर के सामने तस्वीरें भी खिंचवाई। इसके बाद इस खुशी को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया। ताइवान में हिंदू मंदिर खोले जाने से चीन की चिंता बढ़ना लाजमी है।
ताइवान ने अपने रक्षा क्षेत्र में चीन के 20 सैन्य विमानों के घुसने का आरोप लगाया है। ये चीनी फाइटर जेट और ड्रोन पिछले 24 घंटे से ताइवान के हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहे हैं। ताइवान ने इसका कड़ा विरोध जाहिर किया है। मगर चीन की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
चीन की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए अमेरिका ने एक बार फिर ताइवान को सैन्य सहायता बढ़ाई है। बाइडेन प्रशासन ने ताइवान को 500 मिलियन डॉलर की राशि के नए हथियार देने के डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण अफ्रीका में मुलाकात हुई.. ये मुलाकात BRICS सम्मेलन के आखिरी दिन मीटिंग के दौरान हुई। ये कोई औपचारिक मुलाकात नहीं थी.. लेकिन दोनों नेता चलते-चलते एक दूसरे से बात करते दिखे.. इस दौरान पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति को कहा क
ताइवान के तटीय इलाकों में बौखलाए चीन ने सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। चीन की यह बौखलाहट ताइवान के उपराष्ट्रपति के अमेरिका दौरे के बाद बढ़ी है।
चीन ने एक बार फिर अमेरिका को धमकाया है कि वह ताइवान को लेकर आग से खेल रहा है। जानिए कि असल में, ताइवान और चीन का झगड़ा क्या है? क्या है वन चाइना पॉलिसी, जिस पर चीन चल रहा है। अमेरिका और ताइवान की दोस्ती पर चीन क्यों भड़कता है?
चीन ने कहा कि वह 'ताइवान की स्वतंत्रता' चाहने वाले अलगाववादियों के किसी भी नाम और किसी भी कारण से अमेरिका में प्रवेश करने का दृढ़ता से विरोध करता है। साथ ही अमेरिका के बीच किसी भी प्रकार के आधिकारिक संपर्क का दृढ़ता से विरोध करता है।
जापानी रक्षामंत्री इनो तोशिरो ने चेतावनी दी है कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो उनका देश ताइपे की मदद करेगा।
ताइवान अगले हफ्ते होने वाले सालाना युद्धाभ्यास की तैयारी कर ही रहा था कि इतने में चीन ने उसे धमकाने के मकसद से कई लड़ाकू विमान भेज दिए।
अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन की संबंधों को सामान्य करने की कोशिशों के तहत बीजिंग यात्रा के बीच चीन ने ताइवान के हवाई और जल क्षेत्र में लड़ाकू विमान एवं युद्धपोत भेजे हैं।
ताइवान के मुंबई में कार्यालय के खोलने के ऐलान से चीन भड़क सकता है। चीन शुरू से ही ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है।
कंपनियां अपने उत्पादन केंद्रों को चीन से यूरोप, अमेरिका और भारत जैसे देशों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।
ताइवान के आसपास चीनी सेना की बढ़ती मौजूदगी के कारण प्रमुख ताइवानी कंपनियां अपने उत्पादन केंद्रों को चीन से यूरोप, अमेरिका और भारत जैसे देशों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।
चीन ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास और संप्रभुता का हवाला देते हुए नया विदेशी कानून पेश किया है। इससे पश्चिमी देश भी परेशान हो गए हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा यह कानून लाए जाने का एजेंडा ताईवान और दूसरे देशों द्वारा प्रतिबंधों के दौरान अपने देश का बचाव करने का उपाय प्रतीत हो रहा है।
रूस और चीन की दोस्ती से दुनिया परेशान है। हाल ही में ताइवान की समुद्री सीमा में जब रूसी जंगी जहाज दिखे, तो ताइवान सकते में आ गया। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागिरी और अब रूस के जंगी जहाज के दिखाई देने से ताइवान सहित दक्षिण चीन सागर के देशों की नींद उड़ गई है।
चीन अपनी जासूसी की आदतों से बाज नहीं आ रहा है। अमेरिका और चीन के बीच इसी बात को लेकर रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। अमेरिका ने चीन के एक जासूसी गुब्बारे को मार भी गिराया था। मगर अब जापान, ताईवान जैसे एशियाई देशों में चीन ने अपना जासूसी गुब्बारा छोड़कर सनसनी मचा दी है।
चीन की बल पूर्वक कार्रवाई की मंशा को देखते हुए ताईवान ने ड्रैगन को अगाह किया है। ताईवान के विदेश मंत्री जौशीह जोसेफ वू ने कहा कि रूस भी यूक्रेन को हल्के में ले रहा था, लेकिन उसे मुश्किल हो रही है। वही हाल चीन का भी करेंगे। इसलिए चीन कुछ करने से पहले सोच-समझक कर कदम उठाए।
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