ताइवान के तटीय इलाकों में बौखलाए चीन ने सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। चीन की यह बौखलाहट ताइवान के उपराष्ट्रपति के अमेरिका दौरे के बाद बढ़ी है।
चीन ने एक बार फिर अमेरिका को धमकाया है कि वह ताइवान को लेकर आग से खेल रहा है। जानिए कि असल में, ताइवान और चीन का झगड़ा क्या है? क्या है वन चाइना पॉलिसी, जिस पर चीन चल रहा है। अमेरिका और ताइवान की दोस्ती पर चीन क्यों भड़कता है?
चीन ने कहा कि वह 'ताइवान की स्वतंत्रता' चाहने वाले अलगाववादियों के किसी भी नाम और किसी भी कारण से अमेरिका में प्रवेश करने का दृढ़ता से विरोध करता है। साथ ही अमेरिका के बीच किसी भी प्रकार के आधिकारिक संपर्क का दृढ़ता से विरोध करता है।
जापानी रक्षामंत्री इनो तोशिरो ने चेतावनी दी है कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो उनका देश ताइपे की मदद करेगा।
ताइवान अगले हफ्ते होने वाले सालाना युद्धाभ्यास की तैयारी कर ही रहा था कि इतने में चीन ने उसे धमकाने के मकसद से कई लड़ाकू विमान भेज दिए।
अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन की संबंधों को सामान्य करने की कोशिशों के तहत बीजिंग यात्रा के बीच चीन ने ताइवान के हवाई और जल क्षेत्र में लड़ाकू विमान एवं युद्धपोत भेजे हैं।
ताइवान के मुंबई में कार्यालय के खोलने के ऐलान से चीन भड़क सकता है। चीन शुरू से ही ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है।
कंपनियां अपने उत्पादन केंद्रों को चीन से यूरोप, अमेरिका और भारत जैसे देशों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।
ताइवान के आसपास चीनी सेना की बढ़ती मौजूदगी के कारण प्रमुख ताइवानी कंपनियां अपने उत्पादन केंद्रों को चीन से यूरोप, अमेरिका और भारत जैसे देशों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।
चीन ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास और संप्रभुता का हवाला देते हुए नया विदेशी कानून पेश किया है। इससे पश्चिमी देश भी परेशान हो गए हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा यह कानून लाए जाने का एजेंडा ताईवान और दूसरे देशों द्वारा प्रतिबंधों के दौरान अपने देश का बचाव करने का उपाय प्रतीत हो रहा है।
रूस और चीन की दोस्ती से दुनिया परेशान है। हाल ही में ताइवान की समुद्री सीमा में जब रूसी जंगी जहाज दिखे, तो ताइवान सकते में आ गया। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागिरी और अब रूस के जंगी जहाज के दिखाई देने से ताइवान सहित दक्षिण चीन सागर के देशों की नींद उड़ गई है।
चीन अपनी जासूसी की आदतों से बाज नहीं आ रहा है। अमेरिका और चीन के बीच इसी बात को लेकर रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। अमेरिका ने चीन के एक जासूसी गुब्बारे को मार भी गिराया था। मगर अब जापान, ताईवान जैसे एशियाई देशों में चीन ने अपना जासूसी गुब्बारा छोड़कर सनसनी मचा दी है।
चीन की बल पूर्वक कार्रवाई की मंशा को देखते हुए ताईवान ने ड्रैगन को अगाह किया है। ताईवान के विदेश मंत्री जौशीह जोसेफ वू ने कहा कि रूस भी यूक्रेन को हल्के में ले रहा था, लेकिन उसे मुश्किल हो रही है। वही हाल चीन का भी करेंगे। इसलिए चीन कुछ करने से पहले सोच-समझक कर कदम उठाए।
अपनी हरकतों से पड़ोसी मुल्कों को परेशान करनेवाले चीन को ताइवान ने करारा जवाब दिया है। ताइवान की सीमा में दाखिल 10 लड़ाकू विमानों को वहां की वायुसेना ने भागने पर मजबूर कर दिया।
अमेरिका और ताइवान के बीच होने वाले व्यापार समझौते को लेकर चीन की सरकार आग बबूला है। चीन ने ताइवान पर दबाव बनाने के लिए द्वीप पर बमवर्षक विमान और फाइटर जेट उतार दिए हैं। मगर अमेरिका इसे नजरअंदाज कर समझौते पर अडिग है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के जी-7 में शामिल होने से पहले योमिउरी शिंबुन को विशेष साक्षात्कार दिया है। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर, दक्षिण-चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागीरी, चीन-ताइवान तनाव, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा संकट जैसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत की है।
अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के संभावित उम्मीदवार बोल्टन ने ताइपे में ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा दलों को बीजिंग द्वारा की जाने वाली संभावित कार्रवाइयों से निपटने की आकस्मिक योजनाएं बनानी चाहिए।
ताइवान पर तकरार के बीच चीन अब फिलीपींस को किसी फांस में फंसाने से बच रहा है। इस तनावपूर्ण हालात में वह फिलीपींस से पंगा नहीं लेना चाहता। ड्रैगन को ऐसा करने पर अमेरिका का डर सता रहा है। इसलिए चीन ने अब फिलीपींस से रिश्ते सुधारने की पहल शुरू कर दी है।
अमेरिका ने चीन से कहा है कि वह ताइवान के खिलाफ सैन्य, कूटनीतिक, आर्थिक दबाव बंद कर करे। यह बात यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कही।
चीन ने आगाह करते हुए कहा कि ताइवान का समर्थन करने वाले ‘आग से खेल रहे हैं।‘ चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने अपने बयान में कड़े तेवर दिखाए।
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