ताइवान और इंडोनेशिया के बाद अब अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में भी भूकंप आया है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप की तीव्रता 4.8 मापी गई है। हालांकि अभी तक किसी नुकसान की सूचना नहीं है।
ताइवान में आए भूकंप के बाद सैकड़ों लोग अब भी लापता है। दो भारतीय नागरिकों के भी लापता होने की बात सामने आई थी। लेकिन, अब विदेश मंत्रालय ने लापता भारतीयों के बारे में अहम जानकारी दी है।
ताइवान में बुधवार को आए भूकंप के बाद बचाव कार्य जारी है। बचावकर्मी ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिए लोगों की तलाश कर रहे हैं। राष्ट्रीय दमकल एजेंसी के मुताबिक करीब 150 लोग लापता हैं।
ताइवान में बुधवार 25 साल में सबसे अधिक तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप की वजह से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है। इस कठिन समय में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताइवान के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाई है।
ताइवान दुनिया के सबसे परिष्कृत कंप्यूटर चिप्स और अन्य उच्च-प्रौद्योगिकी वस्तुओं का अग्रणी निर्माता है जो भूकंपीय घटनाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। बिजली ग्रिड के कुछ हिस्सों को बंद कर दिया गया, जिससे संभवतः आपूर्ति शृंखला में बाधा उत्पन्न हुई और वित्तीय नुकसान हुआ।
ताइवान में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद दो कोयला खदानों में 70 मजदूरों के फंसे होने की खबर सामने आ रही है। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ताइवान के अधिकारियों का कहना है कि द्वीप में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद एक खदान में 64 और दूसरी में 6 मजदूर फंसे हैं।
ताइवान में भूकंप के बाद अब चीन को भी बड़ा झटका लगा है। चीन में आए प्रलयकारी तूफान से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है और कई दर्जन लोग घायल भी हुए हैं।
ताइवान में आए भूकंप की वजह से करीब 50 यात्रियों से भरी बस नेटवर्क टूटने से लापता हो गई है। बस में सवार यात्रियों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। इससे सुरक्षा एजेंसियां परेशान हैं। अभी काफी संख्या में लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।
ताइवान दो टेक्टोनिक प्लेट्स के करीब स्थित है। यहां पर भूकंप आना सामान्य बात है। ताइवान में साल 1900 से अब तक 96 बार जानलेवा भूकंप आ चुके हैं। यहां हर साल हजारों की संख्या में भूकंपीय गतिविधियां दर्ज की जाती हैं।
ताइवान में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर ताइवन में आए भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई है। कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच फोन पर बातचीत हुई है। दोनों नेताओं के बीच ताइवान, आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा हुई। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आने वाले हफ्तों में चीन की यात्रा भी करेंगे।
चीन ने एक बार फिर ताइवान पर दादागिरी दिखाई है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ताइवान के आसपास 32 चीनी युद्धक विमानों का पता चला है।
भारतीयों पर टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ने के बाद ताइवान के श्रम मंत्रालय ने भी ह्सु के कमेंट्स को लेकर माफी मांगी और कहा कि मंत्री की टिप्पणी का अभिप्राय भेदभाव से नहीं था। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी मंगलवार को एक बयान में भारतीय श्रमिकों की भर्ती के संबंध में ताइवान की सरकारी एजेंसियों की टिप्पणी के लिए माफी मांगी।
चीन ने ताइवान के नए राष्ट्रपति के मई में कार्यभार संभालने से पहले ताइपे पर भारी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ताइवान जलडमरूमध्य के पास चीन ने अपने फाइटर प्लेन और युद्धक पोत की तैनाती कर दी है। साथ ही तटरक्षकों की गश्त को भी बढ़ा दिया है। इससे ताइवान परेशान है।
" चीन की इस गतिविधि से पहले 14 फरवरी को यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख के लिए अमेरिकी नामित एडमिरल सैमुअल पापारो ने चेतावनी दी थी कि चीन जल्द ही ताइवान पर आक्रमण को छिपाने के लिए सैन्य अभ्यास का उपयोग करने की क्षमता हासिल कर सकता है।
भारत और ताइवान अब दोस्ती के नए मुकाम पर पहुंच रहे हैं। दोनों देशों के बीच एक अहम समझौता होने से भारतीय श्रमिकों के लिए अब ताइवान का आवागमन करना और वहां रहना आसान हो जाएगा। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और आपसी रिश्ते को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ताइवान में भारत की मजबूत होती पकड़ से चीन परेशान है।
चीन और ताइवान के बीच तनातनी जारी है। इसी बीच ताइवान ने एक बार फिर बड़ा दावा किया है कि ताइवान के आसपास चीन के 7 फाइटर जेट और 4 नौसैनिक जहाज मंडराते देखे गए। यही नहीं, चीनी जासूसी गुब्बारा भी देखा गया, हालांकि बाद में वो गायब हो गया। इससे चीन की आक्रामता का पता चलता है।
ताइवान में लाई-चिंग-ते के राष्ट्रपति बनने के बाद ही चीन ने इस देश से अपने संबंधों को तोड़ लिया था। अब चीन एक अन्य द्वीप देश पर बुरी नजर डालने लगा है। ताइवान की तरह यह भी एक द्वीप देश है और क्षेत्रफल में ताइवान से भी छोटा है। इस छोटे से देश का नाम नाउरू है, जिससे चीन ने अब अपने राजनयिक संबंधों को बहाल कर लिया है।
ताइवान में चीन विरोधी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से ड्रैगन बौखला गया है। चीन लगातार ताइवान के आसपास सैन्य गतिविधियों को अंजाम देने में जुटा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार उसने राष्ट्रपति चुनावों के बाद पहली बार सीमा क्षेत्र में इतनी बड़ी चीनी सैन्य गतिविधियां देखी हैं।
मालदीव में भारत विरोधी सरकार आने पर चीन जितना खुश हुआ था, ताइवान ने उसे उतना ही बड़ा झटका दे दिया है। चीन जिन्हें नहीं चाहता था, वो ही ताइवान के नए राष्ट्रपति चुनकर आ गए हैं, उनका नाम है लाई चिंग ते। भारत के लिए यह बहुत खुशखबरी है।
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