दारुल उलूम देवबंद के मुख्य मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने सऊदी अरब से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि सऊदी अरब सरकार अपने इस फैसले पर फिर से विचार करें क्योंकि तबलीगी जमात पर लगाए गए आरोप बेबुनियादी हैं। दारुल उलूम देवबंद ने पहली बार सऊदी अरब सरकार के फैसले पर अपना विरोध जताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के बीच तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर बड़ी संख्या में किसानों के जमावड़े पर बृहस्पतिवार को चिंता व्यक्त करते हुए केन्द्र से जानना चाहा कि क्या वे कोरोना संक्रमण के प्रसार से सुरक्षित हैं।
रांची की एक अदालत ने तीन माह की सजा और 2200 रुपये के जुर्माने के साथ रिहा कर दिया।
गृह मंत्रालय ने लिखित जवाब में कहा कि बिना मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी का पालन किए भीड़ लंबी अवधि के लिए बंद परिसर में इकट्ठा हुई, जिसके कारण कई लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया।
तबलीगी जमात केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूरे एक्शन में दिख रही है। तब्लीगी जमात मामले में ED द्वारा देश भर में कुल 20 लोकेशन पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने मार्च में निजामुद्दन मरकज में शिरकत करने वाले 400 विदेशी जमातियों को राहत दी है।
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज में हिस्सा लेनेवाले 200 विदेशी (इंडोनेशियाई) नागिरकों को आज जमानत दे दी।
केन्द्र ने इस मामले में न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा था कि उपलब्ध सूचना के अनुसार 11 राज्यों ने तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों के खिलाफ 205 प्राथमिकी दर्ज की हैं और अभी तक 2,765 विदेशियों को काली सूची में शामिल किया गया है।
राजधानी दिल्ली की एक कोर्ट ने गुरुवार को 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत दे दी। ये सभी तब्लीगी जमात से जुड़े हैं और इनपर वीजा नियमों के उल्लंघन का मामला है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस से कोविड-19 को लेकर लागू बंद के दौरान तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए कुछ विदेशी नागरिकों की याचिका पर जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट में आज तबलिगी जमात से जुड़े एक अहम मुद्दे को लेकर सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट में गृह मंत्रालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई है
उच्चतम न्यायालय तबलीगी जमात की गतिविधियों में कथित रूप से शामिल होने के लिये भारत आये 35 देशों के करीब 2500 नागरिकों को काली सूची में रखने के सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर 29 जून को विचार करेगा।
तबलीगी जमात के मुखिया और दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मामले में आरोपी मौलाना साद ने जाकिर नगर स्थित अबू बकर मस्जिद में जूमे की नमाज अदा की।
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने शुक्रवार को तबलीगी जमात के 9 विदेशी सदस्यों को जमानत दे दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये 9 जमाती वे लोग हैं जो मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान और किर्गिजस्तान के नागरिक हैं।
अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवार को कहा, ''जो भी हमारे यहां पूर्व में जमात के लोगों पर कार्रवाई की गयी थी, लगभग सबको छोड़ दिया गया है।''
केंद्र सरकार ने तबलीगी जमात से जुड़े 2,200 से ज्यादा विदेशी जमातियों को ब्लैकलिस्ट कर उन पर 10 साल के लिए बैन लगा दिया है।
लाहाबाद उच्च न्यायालय ने योगी आदित्यनाथ सरकार को तबलीगी जमात के सदस्यों और ऐसे अन्य लोगों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है जिन्होंने अपनी क्वारंटाइन अवधि को पूरा कर लिया है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश के कुछ चुटकी भर लोग हैं, जो भारत को बदनाम करने की जहरीली साजिश से भरे हुए हैं। इन लोगों को न तो कोई इमान है न धर्म है।
निजामुद्दीन मरकज मामले में विदेशी जमातियों के खिलाफ आज फिर दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।
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