इस बीच, तुर्की और सीरिया में विनाशकारी 7.8 तीव्रता के भूकंप के एक हफ्ते बाद, राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाया जा रहा है। रविवार को मलबे के नीचे 147 घंटों के बाद एक 10 वर्षीय लड़की को बचाया गया था।
"नौ दिन चले अढ़ाई कोस"...यह मुहावरा तो आपने बहुत बार सुना होगा। मगर आज जो घटना हम आपको बताने जा रहे हैं, उसके बारे में सुनकर होश उड़ जाएंगे। तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को अब 9 दिन हो चुके हैं। एक पल में प्रकृति के प्रकोप ने बहुत सारी जिंदगियां छीन लीं और देखते ही देखते सबकुछ तबाह हो गया।
तुर्की और सीरिया में सोमवार को आये भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या रविवार को 33,179 हो गई, जबकि 92,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
इस जलजले में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हजार हो गई है। तुर्की में भारतीय सेना के जवान और एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी के साथ अपने काम में जुटी हुई है। चिकित्सकों का दल भी घायलों के समुचित इलाज क लिए कमर कसे हुए है।
तुर्की में राहत और बचाव में जुटे एनडीआरएफ के जवानों ने एक ढही हुई इमारत के मलबे से आठ साल की बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला।
तुर्की और सीरिया में भूकंप की तबाही को देखते हुए पीड़ितों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सीरिया में तत्काल युद्ध विराम का आग्रह किया है। इसके बाद अमेरिका ने प्रतिबंधों को स्थगित कर दिया है।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अभी भी चमत्कार होने का सिलसिला जारी है। आज तबाही के 100 घंटे बीत जाने के बाद भी राहत और बचाव दलों ने 6 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला है। यह देखकर हर कोई हैरान रह गया। कुदरत के कहर के बाद उसका ऐसा करिश्मा देखना अद्भुद है।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में मदद करने के मामले में भारत सबसे आगे निकल चुका है। लिहाजा तुर्की और सीरिया भारत की इस मदद के मुरीद हो गए हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तेइप एर्दोगन ने तो यह तक कह दिया कि वैसे तो हमारे बहुत दोस्त बनते थे, लेकिन जो "मुसीबत के वक्त काम आए वही असली दोस्त है।"
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अब तक 21 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सीरिया में इसी त्रासदी के दौरान एक गर्भवती मां मलबे के नीचे दबकर अपनी जान गवां बैठी। मगर वह इसी वक्त एक बच्ची को जन्म दे गई। यह नवजात भी मलबे में दबी थी। इस नवजात के माता-पिता और भाई-बहन भूकंप में मारे जा चुके हैं।
विनाशकारी भूकंप से अब तक 21000 लोगों की मौत हो चुकी है। मलबे के नीचे बड़ी संख्या में लोगों के दबे हुए शव निकाले जा रहे हैं। इसी बीच भारत ने सबसे पहले तुर्की को मदद के लिए 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत मदद पहुंचाई है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में भारत तुर्की का सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ है। सेना के कई विमान और भारी मात्रा में दवाएं, राहत सामग्री व चिकित्सक और राहत दल पहले दिन से ही तुर्की में मानवता की मदद कर रहे हैं।
तुतुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 17,000 से ज्यादा हो गई है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने गुरुवार को कहा कि उनके देश में मरने वालों की संख्या 14,000 से ज्यादा हो गई है, जबकि 63,000 से ज्यादा घायल हुए हैं।
सीरिया के सराकिब शहर के अहमद इदरीस से भूकंप ने सब कुछ छीन लिया है। उनके परिवार के 25 लोगों की इस भूकंप की वजह से मौत हुई है। मरने वालों में इदरीस की बेटी, दामाद, बेटे और पोता शामिल है।
तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए भूकंप की वजह से हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। हॉस्पिटल घायलों से पटे पड़े हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के रोंगटे खड़े कर देने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं। तबाही का ऐसा तांडव देखकर हर किसी का कलेजा फटा जा रहा है और आत्मा रो रही है। तुर्की और सीरिया में भूकंप के अब 3 दिन हो चुके हैं। इसके बावजूद चमत्कारिक रूप से काफी संख्या में लोगों को जिंदा निकाला जा रहा है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें एक भारतीय नागरिक के लापता होने की जानकारी है जो वहां कारोबार से जुड़े कामों के लिये गया था।
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के बाद अब तक का सबसे बड़ा चमत्कार नजर आया है। बचाव और राहत दल ने मलबे के नीचे दबी 2 माह की बच्ची को रेस्क्यू किया है। राहत दल भी इस बच्ची को जिंदा देखकर हैरान रह गया। मौके पर भारी संख्या में राहत और बचाव दलों के साथ स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।
इस हादसे के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और अन्य अधिकारियों तुर्की के साथ एकजुटता दिखाने के लिए भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा करना चाहते थे।
सीरिया में भूकंप से मची भीषण तबाही के बाद उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को एक ध्वनि संदेश में शोक संवेदना जताई है। किम जोंग ने कहा है कि जल्द ही लोगों का जीवन स्थिर होगा।
आधुनिक समय में विज्ञान और तकनीक की मदद से हम चांद तक पहुंच चुके हैं लेकिन भूकंप से पहले उसका अनदजा नहीं लगाया जा सकता है। भूकंप से भारी तबाही होती है लेकिन अगर हम कुछ बातों का ख्याल रखें तो नुकसान को कम या रोका भी जा सकता है।
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