मध्य सीरिया में इस्लामिक स्टेट फॉर ईराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) समूह द्वारा दो विभिन्न स्थानों पर बिछाई गई सुरंगों में सोमवार को जबरदस्त विस्फोट हो गया। इन विस्फोटों में 10 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य लोग घायल हो गए। सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार सुरंगों में विस्फोटक लगाया गया था।
इस्लामिक स्टेट ऑफ ईराक एंड सीरिया(आइएसआइएस) आतंकियों की पनाहगाह बने सीरिया को अब अरब लीग में वापस लाने की मांग उठने लगी है। अरब के एक वरिष्ठ सांसद सीरिया को अरब लीग में वापस लाने के लिये राष्ट्रपति बशर असद से रविवार को बातचीत करने के लिए दमिश्क पहुंचे हैं। यह यात्रा बगदाद में एक लघु शिखर सम्मेलन के बाद हुई।
तुर्की में एक बार फिर से भूकंप के दो बड़े झटके महसूस किए गए हैं।अबतक तीन लोगों की मौत और 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। भूकंप के बाद 32 आफ्टर शॉक्स की भी जानकारी मिली है।
तुर्की और सीरिया में आए पहले भूकंप के 15 दिन बाद एक बार फिर धरती डोल उठी है। सोमवार को तुर्की में तेज भूकंप के झटके फिर महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। फिलहाल जानमाल के नुकसान का पता नहीं चल पाया है। भूकंप आने के बाद से ही तुर्की में फिर से अफरातफरी मच गई है।
तुर्की और सीरिया में भूकंप पीड़ितों की सहायता करने गई भारतीय टीम करीब 13 दिनों तक राहत, बचाव और चिकित्सा कार्यों को अंजाम देने के बाद आज स्वदेश लौट आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट करके सेना के जवानों के साहसपूर्ण कार्य की तारीफ की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तुर्की में भूकंप के 14 दिन बाद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए 10 करोड़ डॉलर मदद देने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि गत 6 फरवरी को दक्षिणी तुर्की और उत्तरी सीरिया में आये विनाशकारी भूकंप से अब तक 44 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
इजराइल ने रविवार तड़के सीरिया की राजधानी दमिश्क पर मिसाइल अटैक किया है। इस हमले में 15 लोगों की मौत की खबर है। साथ ही कई लोग घायल हुए हैं। इस हमले में एक रिहाइशी इलाके को निशाना बनाया गया।
तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप के 13 दिन बाद भी चमत्कार दिखना जारी है। बचाव दलों ने तुर्की और सीरिया में छह फरवरी को आये भूकंप के मलबे से और भी जीवित लोगों को बाहर निकाला है, जबकि लोगों के जीवित मिलने की संभावना घटती जा रही है। भूकंप के बाद शनिवार को हुए घटनाक्रम इस प्रकार हैं:- हेते में तीन लोगों को बचाया गया।
इस बीच, तुर्की और सीरिया में विनाशकारी 7.8 तीव्रता के भूकंप के एक हफ्ते बाद, राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाया जा रहा है। रविवार को मलबे के नीचे 147 घंटों के बाद एक 10 वर्षीय लड़की को बचाया गया था।
"नौ दिन चले अढ़ाई कोस"...यह मुहावरा तो आपने बहुत बार सुना होगा। मगर आज जो घटना हम आपको बताने जा रहे हैं, उसके बारे में सुनकर होश उड़ जाएंगे। तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को अब 9 दिन हो चुके हैं। एक पल में प्रकृति के प्रकोप ने बहुत सारी जिंदगियां छीन लीं और देखते ही देखते सबकुछ तबाह हो गया।
तुर्की और सीरिया में सोमवार को आये भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या रविवार को 33,179 हो गई, जबकि 92,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
इस जलजले में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हजार हो गई है। तुर्की में भारतीय सेना के जवान और एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी के साथ अपने काम में जुटी हुई है। चिकित्सकों का दल भी घायलों के समुचित इलाज क लिए कमर कसे हुए है।
तुर्की में राहत और बचाव में जुटे एनडीआरएफ के जवानों ने एक ढही हुई इमारत के मलबे से आठ साल की बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला।
तुर्की और सीरिया में भूकंप की तबाही को देखते हुए पीड़ितों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सीरिया में तत्काल युद्ध विराम का आग्रह किया है। इसके बाद अमेरिका ने प्रतिबंधों को स्थगित कर दिया है।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अभी भी चमत्कार होने का सिलसिला जारी है। आज तबाही के 100 घंटे बीत जाने के बाद भी राहत और बचाव दलों ने 6 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला है। यह देखकर हर कोई हैरान रह गया। कुदरत के कहर के बाद उसका ऐसा करिश्मा देखना अद्भुद है।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में मदद करने के मामले में भारत सबसे आगे निकल चुका है। लिहाजा तुर्की और सीरिया भारत की इस मदद के मुरीद हो गए हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तेइप एर्दोगन ने तो यह तक कह दिया कि वैसे तो हमारे बहुत दोस्त बनते थे, लेकिन जो "मुसीबत के वक्त काम आए वही असली दोस्त है।"
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अब तक 21 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सीरिया में इसी त्रासदी के दौरान एक गर्भवती मां मलबे के नीचे दबकर अपनी जान गवां बैठी। मगर वह इसी वक्त एक बच्ची को जन्म दे गई। यह नवजात भी मलबे में दबी थी। इस नवजात के माता-पिता और भाई-बहन भूकंप में मारे जा चुके हैं।
विनाशकारी भूकंप से अब तक 21000 लोगों की मौत हो चुकी है। मलबे के नीचे बड़ी संख्या में लोगों के दबे हुए शव निकाले जा रहे हैं। इसी बीच भारत ने सबसे पहले तुर्की को मदद के लिए 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत मदद पहुंचाई है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में भारत तुर्की का सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ है। सेना के कई विमान और भारी मात्रा में दवाएं, राहत सामग्री व चिकित्सक और राहत दल पहले दिन से ही तुर्की में मानवता की मदद कर रहे हैं।
तुतुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 17,000 से ज्यादा हो गई है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने गुरुवार को कहा कि उनके देश में मरने वालों की संख्या 14,000 से ज्यादा हो गई है, जबकि 63,000 से ज्यादा घायल हुए हैं।
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