हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से कहा गया कि स्विस अधिकारियों ने अदानी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और प्रतिभूति जालसाजी की जांच के तहत कई स्विस बैंक खातों में $310 मिलियन से अधिक की धनराशि को फ्रीज कर दिया है।
भारत घूमने आई एक विदेशी महिला ने अपने भारत भ्रमण को लेकर अपने इंस्टाग्राम पर कुछ फोटोज़ और वीडियोज़ शेयर की और उन्होंने पोस्ट में लिखा कि, "भारत की यात्रा ना करें..."।
स्विस बैंकों में कथित तौर पर जमा भारतीयों के कालेधन को लेकर वर्षों से देश में हंगामा होता रहा है। कई बार के राष्ट्रीय चुनावों में भी काला धन एक बड़ा मुद्दा रहा है। मगर मोदी सरकार के दौरान स्विस बैंकों में जमा होने वाले काले धन पर क्या एक्शन हुआ, ये रिपोर्ट आपको हैरान कर देगी।
दरअसल, भारत ने स्विट्जरलैंड के साथ मुक्त व्यपार समझौता किया है। इसके चलते भारत ईएफटीए ब्लॉक के साथ अपने व्यापार समझौते के तहत कलाई घड़ियों, चॉकलेट, बिस्किट और दीवार घड़ियों जैसे स्विस उत्पादों पर Custom duty को समाप्त कर देगा।
मोदी सरकार टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों पर लगातार सख्ती बरत रही है। स्विस बैंक की ओर से खाताधारकों का डेटा मिलने से सरकार को कदम उठाने में आसानी होगी। इससे टैक्स चोर आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। वहीं, देश के बाहर कालाधन भेजना आसान नहीं होगा।
लेहमन ने संस्थान की विफलताओं के लिए मंगलवार को शेयरधारकों से माफी मांगी और कहा कि इसके चलते पहुंचे आघात और उनके रोष को वह समझते हैं।
स्विस ओपन में शानदार जीत के साथ पीवी सिंधु और किदांबी श्रीकांत दूसरे राउंड में पहुंच चुके हैं।
स्टार शटलर लक्ष्य सेन स्विस ओपन के पहले राउंड में बाहर हो गए हैं।
Swiss National Bank: इस बैंक के बारें में कौन नहीं जानता है। काला धन का केन्द्र कहा जाने वाला बैंक ना जाने कितने हजार करोड़ रुपये भारत का इन बैंको में जमा है। आपको पता है कि इन बैंको में कैसे पैसे जमा होते हैं।
Black Money in Swiss Bank:भारत में कालेधन का मुद्दा लंबे समय से छाया रहा है। कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। स्विस में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से लेकर योग गुरु बाबा रामदेव तक ने बड़ा आंदोलन किया था।
ये स्विस बैंक क्या है? क्या मैं भी इस बैंक में अपना खाता खुलवा सकता हूं? अगर हां, तो मुझे कितना पैसा रखना होगा? क्या मुझे यहां पैसे रखने के लिए बैंक को पैसे देने होंगे?
स्विस बैंक भारत को स्विट्जरलैंड के साथ स्वत: सूचना विनिमय समझौते के तहत अपने नागरिकों, कंपनियों के स्विस बैंक खाते के विवरण का तीसरा सेट मिला आज प्राप्त हुआ है।
स्विटरजरलैंड तीसरी बार भारत के साथ बैंक खातों का विवरण साझा करेगा। इससे पहले वह सितंबर 2019 और सितंबर 2020 में ऐसी ही जानकारी साझा कर चुका है।
भारतीय लोगों और कंपनियों का स्विस बैंकों में जमा धन 2020 में 13 साल के उच्चस्तर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक या 20,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों का फंड 2019 के अंत में 89.9 करोड स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपये) था। यह 2020 में बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (20,700 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया।
मोदी सरकार को काले धन के खिलाफ लड़ाई में एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच कालेधन की सूचना संधि के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई) की नई व्यवस्था के तहत अपने नागरिकों के स्विस बैंक खातों की दूसरी सूची स्विट्जरलैंड सरकार से हासिल हो गई है।
भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों (भारत में स्थित शाखाओं के जरिये जमा सहित) का स्विस बैंकों में जमा धन 2019 में 5.8 प्रतिशत घटकर 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपए) रह गया।
लगातार दूसरे साल स्विस बैंक में भारतीयों का धन घटा
कोरोना वायरस के कारण वैश्विक हवाई यातायात लॉकडाउन लागू होने से दूसरे देशों के भारत में फंसे लोगों को उनके देश में पहुंचाने के लिए स्विस फेडरेशन डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन अफेयर्स (FDFA) की ओर से SWISS ने एक विशेष उड़ान, LX154 को ज्यूरिख से मुंबई और नई दिल्ली के लिए भेजा है।
स्विस बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों की जांच के घेरे में एक शाही घराना भी आ चुका है।
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