भारतीय शेयर बाजार में लगभग डेढ़ महीने से गिरावट का दौर चल रहा है और ऐसी परिस्थितियों में स्विगी का बाजार में बढ़त के साथ लिस्ट होना और फिर बढ़त लेकर हरे निशान में बंद होना ही अपने आप में एक बड़ी बात है।
Swiggy IPO listing : स्विगी के आईपीओ को निवेशकों से अच्छा रिस्पांस मिला और यह 3.59 गुना भरकर बंद हुआ था। आईपीओ में 16 करोड़ शेयरों की तुलना में 57.53 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिली थीं।
रेस्टोरेंट पार्टनर को शुरुआती ऑर्डर के लिए भुगतान मिलेगा। अगर वह ऑर्डर कैंसिल हो जाता है और नया कस्टमर उसे क्लेम करता है तो उसे राशि का एक हिस्सा डिस्काउंट मिलेगा। जो पार्टनर फ़ूड रेस्क्यू फ़ीचर में भाग नहीं लेना चाहते हैं, वे अपने पार्टनर ऐप और डैशबोर्ड का उपयोग करके आसानी से ऑप्ट-आउट कर सकते हैं।
नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) की शिकायत के बाद दोनों कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया था। सीसीआई की जांच में पाया गया कि दोनों कंपनियां अनुचित व्यापारिक प्रथाओं में लिप्त हैं जिसमें कुछ भागीदार रेस्टोरेंट को कथित रूप से तरजीह देना भी शामिल है।
स्विगी के आईपीओ में 4,499 करोड़ रुपये की नई पेशकश के साथ-साथ कंपनी के विक्रय शेयरधारकों की ओर से 175,087,863 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि जांच में पाया गया है कि दोनों संस्थाएं प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों (anti-competitive activities) में लिप्त थीं, जिनमें कथित तौर पर कुछ रेस्तरां भागीदारों को तरजीह देना भी शामिल है।
खाने-पीने की चीजों का ऑनलाइन ऑर्डर लेने और डिलीवरी करने वाली कंपनी स्विगी ने अपने इस आईपीओ के तहत 1 रुपये की फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर के लिए 371 से 390 रुपये का प्राइस बैंड फिक्स किया था।
स्विगी के आईपीओ में 4,499 करोड़ रुपये के नए ऑफर के साथ-साथ कंपनी के विक्रय शेयरधारकों की तरफ से 175,087,863 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी शामिल है।
एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को QIB कैटेगरी के लिए रिजर्व किए गए 8,69,23,475 शेयरों में से सिर्फ 3,496 शेयरों के लिए ही आवेदन आए। NII कैटेगरी का भी ऐसा ही हाल रहा।
Swiggy IPO: कंपनी ने एंकर राउंड में करीब 5085 करोड़ रुपये जुटाए हैं। बुधवार सुबह कंपनी का शेयर ग्रे मार्केट में 390 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले 12 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड करता दिखा।
स्विगी ने अपने आईपीओ के तहत QIB के लिए 75 प्रतिशत, रिटेल निवेशकों के लिए 10 प्रतिशत और NII के लिए 15 प्रतिशत कोटा रिजर्व किया है। 8 नवंबर को आईपीओ बंद होने के बाद सोमवार, 11 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा।
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी ने अपने आईपीओ के तहत प्रत्येक शेयर के लिए 371 रुपये से 390 रुपये का प्राइस बैंड फिक्स किया है। आईपीओ के लिए अप्लाई करने वाले कंपनी के कर्मचारियों को प्रत्येक शेयर पर 25 रुपये की छूट दी जाएगी।
स्विगी आईपीओ में कर्मचारियों के लिए 750,000 इक्विटी शेयर रिजर्व हैं। कंपनी मंगलवार, 12 नवंबर को रिफंड शुरू करेगी, जबकि रिफंड के बाद उसी दिन शेयर आवंटियों के डीमैट खाते में जमा कर दिए जाएंगे।
कंपनी के 11,300 करोड़ रुपये के आईपीओ में ताजा निर्गम की हिस्सेदारी 4,500 करोड़ रुपये है, जबकि 6,800 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) की जाएगी।
फूड डिलीवरी करने वाली प्रमुख कंपनी स्विगी 6 नवंबर, 2024 को अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लॉन्च कर सकती है। कंपनी आईपीओ के लिए 11.3 बिलियन डॉलर (करीब 95,000 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन पर सूचीबद्ध होने की योजना बना रही है।
जोमैटो ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि किन शहरों में प्लेटफॉर्म फीस में कितनी वृद्धि की गई है। कंपनी ने कहा कि प्लेटफॉर्म फीस में इस तरह के बदलाव एक नियमित व्यावसायिक प्रक्रिया है और ऐसा समय-समय पर किया जाता है।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने आईपीओ से पहले बल्क ऑर्डर के लिए नई सर्विस एक्सएल फ्लीट लॉन्च की है। इससे पहले 10 मिनट में डिलीवरी के लिए बोल्ट सर्विस लॉन्च की थी।
बोल्ट के तहत बर्गर, गर्म पेय पदार्थ, ठंडे पेय पदार्थ, नाश्ते के सामान और बिरयानी जैसे लोकप्रिय व्यंजन पेश किए जाते हैं, जिन्हें बनाने में कम-से-कम समय लगता है। स्विगी ने कहा कि यह आइसक्रीम, मिठाई और स्नैक्स जैसे पैकिंग के लिए तैयार व्यंजनों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
स्विगी इस साल के आखिर में अपने आईपीओ की तैयारी कर रही है और कई महीनों से पब्लिक मार्केट में आने की तैयारी कर रही है। वित्त वर्ष 2024 में, स्विगी का राजस्व 36% बढ़ा, जो वित्त वर्ष 23 में 8,265 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 11,247 करोड़ रुपये हो गया।
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