हेप्टाथलन खिलाड़ी स्वप्ना बर्मन ने कहा है कि उनके लिए टोक्यो ओलम्पिक-2020 क्वालीफाई करना अब मुश्किल हो गया है क्योंकि उन्हें टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) से हटा दिया गया है।
एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हेप्टाथलन खिलाड़ी स्वप्ना बर्मन ने शुक्रवार को कहा कि वह तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
एशियाई खेलों के बाद जर्मनी के विश्वप्रसिद्ध स्पोर्ट्सवियर ब्राण्ड एडिडास ने स्वप्ना को विशेष जूते देने का वादा किया था।
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली हेप्टाथलीट स्वप्ना बर्मन दर्द और दरिद्रता के बीच रहते हुए सफलता की इबारत लिखने में कामयाब हुईं।
एशियाई खेलों में हेप्टाथलन का स्वर्ण पदक जीतने वाली स्वप्ना बर्मन ने शुक्रवार को कहा कि उनका लक्ष्य 2020 में टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतना है और वह इसके लिए कड़ी ट्रेनिंग करेंगी।
एशियाई खेलों में हेप्टाथलन का स्वर्ण पदक जीतने वाली स्वप्ना बर्मन को पीठ की सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
स्वप्ना बर्मन का नाम आज सुर्खियों में है। एशियाई खेलों में भारत के लिए हेप्टाथलन का स्वर्ण जीतने के बाद मिली शोहरत और इज्जत से स्वप्ना अभिभूत हैं लेकिन जकार्ता जाने से पहले उनके लिए हालात बिल्कुल अलग थे। 2013 में बिस्तर पर पड़ने से पहले उनके पिता रिक्शा चालक थे। उनकी मां चाय बागानों में पत्तियों तोड़ा करती थीं। दोनों पैरों में 6 उंगलियों से साथ पैदा हुईं स्वप्ना के पास प्रॉपर जूते पहनने के लिए नहीं थे। वे देश के लिए दांत में दर्द लिए दौड़ीं।
हालांकि, यह सब परेशानियां स्वप्ना बर्मन को ऐतिहासिक एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक जीतने से रोक नहीं पाईं। वे इस उपलब्धि को हासिल करने वाली पहले भारतीय हेप्टाएथलीट बनीं। एसियाड में बर्मन की सफलता की कहानी साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
एशियाई खेलों के लिए जी-जान से तैयारी में जुटी बंगाल की इस एथलीट को एक समय उसके दोस्तों तक ने नकार दिया था।
स्वप्ना एशियाई खेलों में हेप्टाथलान में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी है।
स्वप्ना के दोनो पावों में 6-6 अंगुलियां हैं
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