11 सितंबर, 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व धर्म महासभा में अपना भाषण दिया था। तब उनके शब्दों ने आने वाली पीढ़ियों के कई लोगों को प्रेरित किया। इनमें एक 17 साल के नरेंद्र मोदी भी शामिल थे।
स्वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है। 4 जुलाई 1902 को उनका देहावसान हावड़ा के बेलुर मठ में हो गया। स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं। एक किस्सा आज हम आपको बताने वाले हैं।
पीएम मोदी ने कहा, आज यदि भारत में लोकतंत्र है और सहिष्णुता है तो इसकी वजह है कि देश में हिंदू समाज बहुसंख्यक है। इन लोगों ने तो हिंदू आतंकवाद जैसी शब्दावली भी गढ़ दी थी। कांग्रेस के रवैये को देश की जनता माफ नहीं करेगी।
लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार अभियान खत्म होने के बाद पीएम मोदी ने कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान शुरू कर दिया है। पीएम मोदी 1 जून की शाम तक यहीं रहने वाले हैं।
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के चुनाव अभियान की समाप्ति के साथ पीएम मोदी की कन्याकुमारी यात्रा और पीएम मोदी का विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में ध्यान करने के कार्यक्रम के बीच इस 33 साल पुरानी तस्वीर को सोशल मीडिया पर आप वायरल होते देख सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर 45 घंटे का ध्यान करेंगे। इसके लिए वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वे 30 मई की शाम से एक 1 जून की शाम तक ध्यान करेंगे।
30 मई की शाम को लोकसभा चुनाव के प्रचार के थमने के बाद पीएम मोदी आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी जिले में प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाएंगे। हालांकि, कांग्रेस ने इस कार्यक्रम का विरोध किया है।
विवेकानंद रॉक मेमोरियल को भारत का सबसे आखिरी दक्षिणी छोर माना जाता है। जिस स्थान पर प्रधानमंत्री ध्यान लगाएंगे उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था।
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 57 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है। पीएम मोदी का ये कन्याकुमारी दौरा 30 मई से 1 जून तक का होगा। वह 2019 में आखिरी फेज की वोटिंग के पहले केदारनाथ गए थे। वोटों की गिनती से पहले उन्होंने केदारनाथ मंदिर में पूजा-पाठ किया था।
विवेकानंद हिन्दुस्तान के एक ऐसे संन्यासी रहे हैं, जिनके संदेश आज भी लोगों को उनका अनुसरण करने को मजबूर कर देते हैं लेकिन उनके जीवन से जुड़ी एक घटना शायद आप नहीं जानते होंगे।
दुनिया के सबसे बड़े यूथ आईकॉन एवं महान आध्यात्मिक गुरू स्वामी विवेकानंद की आज जयंती है। 12 जनवरी 1863 को उनका जन्म कलकत्ता में हुआ था। लेकिन क्या आपको पता है कि वो सन्यासी कैसे बन गए और किसने उन्हें स्वामी विवेकानंद का नाम दिया।
अमोघ लीला दास इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISCON) से जुड़े हुए हैं। विवेकानंद पर उनके बयान के बाद जब विरोध शुरू हुआ तब इस्कॉन ने उनपर महीने भर का प्रतिबंध लगा दिया था।
अमेरिकी तीर्थयात्रियों ने बताया कि यह एक ऐसा अनुभव है जिसे हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि पहाड़ों और पवित्र गुफा के अंदर उन्होंने जिस प्रकार की शांति का अनुभव किया, वह अनोखी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले सरकार के दौर में जहां भारत दुनिया की टॉप 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था, वहीं अब यह टॉप 5 में आ गया है।
आज स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती है और आज उनकी जयंती के मौके पर देश में National Youth Festival का शुभारंभ होने जा रहा है। PM Modi कर्नाटक के ट्विन सिटी हुबली और धारवाड़ में 26वें यूथ फेस्टिवल का उद्घाटन करेंगे। #pmmodi #pmmodilive
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद को सनातन संस्कृति व भारतीय अध्यात्म परंपरा को वैश्विक क्षितिज पर पुनर्स्थापित करने वाले महान संन्यासी के रूप में याद किया है।
स्वामी विवेकानंद हिन्दुस्तान के एक ऐसे संन्यासी रहे हैं, जिनके संदेश आज भी लोगों को उनका अनुसरण करने को मजबूर कर देते हैं लेकिन उनके जीवन से जुड़ी एक घटना शायद आप नहीं जानते होंगे।
अमेरिका के शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म संसद में दुनिया के सभी धर्मों के प्रतिनिधी आए थे और स्वामी विवेकानंद इसमें सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। स्वामीजी ने ऐसा यादगार भाषण दिया कि भारत की अतुल्य अध्यात्मिक विरासत और ज्ञान का डंका बज गया।
इस वर्ष, राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन 12 से 16 जनवरी तक कर्नाटक के हुबली में कर्नाटक सरकार के सहयोग से केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद के विचारों को पीएम नरेंद्र मोदी भी काफी अहमियत देते हैं और अपने भाषणों में उनका जिक्र करते हैं।
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