अलर्ट होने की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि 'न्यूरोलॉजी क्लिनिकल प्रैक्टिस जर्नल' की रिपोर्ट के मुताबिक--पिछले 20 साल में युवाओं की याद्दाश्त काफी कमजोर हुई है...और इसकी सबसे बड़ी वजह हैं---तनाव और बिगड़ा लाइफस्टाइल अब ऐसे में तो अलर्ट होने की जरूरत है..ताकि फ्यूचर सेफ रहे..
लोगों ने अपनी जिंदगी में इतने goals बना लिए हैं..उनकी ख्वाहिशें इतनी ज्यादा हो गई हैं कि..उन्हें पूरा करने की धुन में हंसी कहीं खो जाती है..जिंदगी में छोटी सी भी हार उन्हें बर्दाश्त नहीं होती...और कब डिप्रेशन की गिरफ्त में आ जाते हैं..पता ही नहीं चलता...आपको आपसे बेहतर जज कोई और नहीं कर सकता है..सेल
स्टडी के मुताबिक 60% मोटे लोगों को चैन की नींद नहीं आती.. उन पर हार्ट अटैक-ब्रेन स्ट्रोक आने के साथ तमाम रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है...लेकिन अगर बढ़ते वज़न पर ब्रेक लगा ली तो समझिए 100 बीमारियों से जंग जीत ली फिर ना तो सोशल मीडिया पर सवाल पूछने पड़ेंगे और ना इंफ्लूएंसर्स के बताए उल्टे-सीधे नुस्खे आ
सेहत को लेकर रिपोर्ट अच्छी नहीं आ रही है...लाइफ स्टाइल बिगड़ रहा है...बीमारियां बढ़ रही हैं..WHO का इशारा भी इसी तरफ है...लोगों ने अगर वर्कआउट शुरु नहीं किया..खाने-पाने का पैटर्न ठीक नहीं है और अच्छी नींद से समझौता किया तो..2030 तक 70 परसेंट जान जाने की वजह..क्रॉनिक लाइफ स्टाइल बीमारियां होंगी..हमार
वज़न उठाते वक्त कमर ऐसे ना मोड़कर सीधी रखें...ऐसी ही रोज़मर्रा की छोटी छोटी गलती कब बड़ी परेशानी बन जाती हैं..पता ही नहीं चलता..इसलिए आज योगगुरू से ना सिर्फ जोड़ों को फ्लेक्सिबल बनवाएंगे..बल्कि ऐसी गलतियों से कैसे बचें..ये भी जानेंगे देखिए पूरा एपिसोड ...
ज्यादातर लोग ड्राइविंग करते मोबाइल फोन यूज करते हैं...नतीजा इससे होने वाले एक्सीडेंट से मौत के मामले चार गुना बढे हैं...सड़क दुर्घटना में मरने वाले 10% वे लोग होते हैं..जो उस वक्त मोबाइल पर होते हैं...देखिए इसमें कोई शक नहीं कि मोबाइल आने से काम करने का तरीका और जिंदगी आसान हुई है..लेकिन इसका बेजा इ
जंगली जानवरों के रिहायशी इलाकों में लगातार बढ़ते हमले चिंता का सबब बनते जा रहे हैं..कहीं ये पालतू जानवरों का शिकार कर रहे हैं.तो कहीं इंसानों की जान ले रहे हैं
पिछले 25 साल में जहां मोटर एक्सिडेंट से स्पाइल इंजरी के मामले 30 परसेंट थे..वो बढ़कर अब 45 परसेंट हो गए हैं.वैसे ही देश के 80% लोग कंधे..पीठ..कमर की किसी ना किसी परेशानी से जूझ रहे हैं...ऐसे में स्पाइनल हेल्थ का ख्याल रखना तो..बहुत ही जरुरी है...
एक ताज़ा स्टडी से पता चला है कि ये फास्टफूड खाने से हड्डियों को जंग लग रहा है..स्टडी की माने तो ऐसे खाने में शुगर-सॉल्ट का लेवल ज़्यादा होता है..जो बोन्स को नुकसान पहुंचाता है..
वजन घटाना हो..वजन बढ़ाना हो...बढ़ती उम्र के साथ हेल्दी रहना हो...तो एक ही सलाह दी जाती है--प्रोटीन शेक....लेकिन क्या वाकई ये प्रोटीन पाउडर सेहत की दुनिया का परम सत्य है..या बात कुछ और ही है...आखिर प्रोटीन पाउडर से इतना प्यार क्यों है ??
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन' ने पहली बार--सिटी हार्टबीट इंडेक्स रिपोर्ट जारी की है...हार्ट डिजीज की रोकथाम के उपाय अपनाने में..दुनिया के 50 शहरों में भारत के तीन शहर हैं
ब्लड प्रेशर अगर कंट्रोल में ना आए तो ये हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक की वजह बनकर इंसान की जान भी ले सकता है..हाइपरटेंशन लगातार बना रहे तो किडनी के मरीज़ भी बन जाते हैं..
लगातार तनाव रहे तो वो क्रोनिक स्ट्रेस में बदल सकता है.. जो आपको थायराइड जैसा घातक रोग भी दे सकता है दरअसल तनाव से रिलीज़ होने वाले कार्टिसोल हार्मोन से थायराइड ग्लैंड में स्वेलिंग आ जाती है.. थायरॉक्सिन हार्मोन का प्रोडक्शन डिस्टर्ब होता है..और लोग थायराइड के मरीज बन जाते हैं..
'देख के मौका..मार दे चौका'...बड़े काम का फंडा है...आजमा लिया तो कामयाबी पक्की...लेकिन जो बात अब मैं आपको बताने वाली हूं..उसे सुनकर चौंक जाएंगे....और वो ये कि--मौके पे चौका मारने में..इंसान की तरह वायरस-बैक्टीरिया भी उस्ताद है...चूक हुई नहीं कि बीमार होना तय मानिए
श्री कृष्ण की personality से हम सबको यही तो सीखने की जरूरत है...कि कैसे मुस्कुराते हुए अपनी जिम्मेदारियों को..अपने एंबिशन को..अपनी सेहत को..और रिश्तों को मैनेज करना है.
ये घर घर की कहानी है.. सिर्फ दो-ढाई साल के बच्चों के हाथ में भी मोबाइल मिल जाएगा..जिसके बिना बच्चा खाना तक नहीं खाता information, टेक्नॉलॉजी, AI के दौर में मोबाइल का इस्तेमाल ज़रूरी है..ये हम भी मानते हैं..लेकिन छोटे-छोटे बच्चों को मोबाइल देने की क्या ज़रूरत है..
बीमारियां तो कई हैं..लेकिन फिलहाल कैंसर एक अलग ही है..जिसके मामले देश-विदेश में तेज़ी से बढ़ रहे हैं..जो बच्चे,जवान, बुज़ुर्ग किसी को नहीं छोड़ता..लेकिन जो लेटेस्ट स्टडी आई है..उसके मुताबिक तो आज के वक्त में पुरुषों को इस जानलेवा रोग से ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है
शरीर को चाहिए--पूरी नींद..शुद्ध खानपान..एक्सरसाइज और सही रुटीन..इन चीजों को जितना अपनाएंगे..अपनी लाइफ स्टाइल का हिस्सा बनाएंगे..उतने ही फिट होंगे..हमारी इम्यूनिटी भी उतनी ही दमदार होगी.
और ये इसलिए भी जरूरी है कि बारिश के इस मौसम में--नॉर्मल इंसान का भी शुगर लेवल बढ़ जाता है...और जो लोग पहले से डायबिटिक हैं..उनके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने पर दाने-फुंसी निकलने लगती है..जो कई बार गंभीर रुप ले लेते हैं...तो चलिए आज ब्लड ग्लूकोज को बैलेंस करने के लिए योग करते हैं
Yoga, 02 August 2024 : योगगुरू करेंगे शिकागो में योगाभ्यास...देशवासियों का बनवाएंगे हेल्थ कार्ड
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