स्वामी जी..कई बार, बीमारियों की वजह से बच्चों की हाइट कम रह जाती है...तो कई बार बचपन में भी ओबेसिटी की गिरफ्त में आने से असर लंबाई पर पड़ता है..
एक स्टडी आई थी जिसके मुताबिक ज़्यादातर लोग सेम रूटीन की एक्सरसाइज़ करके बोर हो जाते हैं और छोड़ देते हैं..इसलिए हर दिन फिज़िकल एक्टिविटी में कुछ नया करने से इंटरेस्ट बना रहता है...एक तो खराब लाइफस्टाइल.. उपर से लोगों के वर्कआउट छोड़ देने की वजह से बीमारियों का हमला बढ़ गया है..
गर्मी का दौर शुरु हो गया है...सुबह में ही, सूरज की तेज-चमकदार रोशनी हाल बेहाल करने लगी है...दिन चढ़ने के साथ तीखी धूप का तो कहना ही क्या....तभी तो येलो अलर्ट जारी करना पड़ा है...पिछले 15 साल में ऐसा दूसरी बार है, जब अप्रैल महीने में दिल्ली वाले हीट वेव का सामना कर रहे हैं....
पारा अप्रैल में ही 40 डिग्री पार कर गया है...बच्चे क्या इस मौसम में...अगर बड़े भी लापरवाही करेंगे तो उन्हें भी अंजाम भुगतना पड़ सकता है..गर्मी के बढ़ते ही खासकर हीट स्ट्रोक से तो सबसे ज्यादा सावधान बचने की ज़रूरत हैं...लेकिन ये हीट स्ट्रोक आता कैसे है....
देश में 60% से ज्यादा लोगों की आंखों से नींद गायब है...रिपोर्ट के मुताबिक 35% लोग ही ऐसे हैं जो 8 घंटे की पूरी नींद ले पा रहे हैं.....और इसकी बड़ी वजह है--टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल....रोज..घंटों..लैपटॉप, कम्प्यूटर, मोबाइल पर वक्त बिताने की वजह से ब्रेन को सही समय पर नींद के सिग्नल नहीं मिल पाते
किडनी की बीमारी...जो एक साइलेंट टाइम बम की तरह होती है...जब तक बम ब्लास्ट ना हो..तब तक टिक टिक की आवाज़ तक नहीं आती..और किडनी हमारे शरीर का ऐसा ऑर्गन है..जो उम्र के साथ कमज़ोर पड़ने लगता है..
खराब खानपान और सेडेंटरी लाइफस्टाइल का यही हाल रहा तो जर्नल लैसेंट के मुताबिक अगले 25 साल में 44 करोड़ से भी ज्यादा लोग मोटे होंगे..वज़न अनकंट्रोल यानि 100 बीमारियां हमले को तैयार लेकिन अगर आज से बल्कि अभी से योग की आदत अपना ली...
किसने सोचा था..कोरोना के कोहराम में इंडिया टीवी पर योग का एक शो ऐसा बनेगा..जिसके साथ जुड़कर देश ही नहीं..दुनियाभर के लोग, ना सिर्फ उस जानलेवा वायरस को हराएंगे, बल्कि शरीर के हर दुश्मन पर फतह पाएंगे...
अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन एजिंग' के साइंटिस्ट्स के मुताबिक--मसूड़ों को बीमार बनाने वाले बैक्टीरिया अल्जाइमर की वजह भी बनते हैं...इतना ही नहीं, जिन लोगों में ओरल हाइजीन की समस्या ज्यादा होती हैं उनमें स्ट्रेस-एंग्जायटी और डिप्रेशन ज्यादा देखी जाती है
गुड मॉर्निंग...चेहरे पर काला चश्मा..और सिर के ऊपर ये छतरी देखकर..कहीं आपके मन में, ये सवाल तो नहीं आ रहा कि--भाई सुबह-सुबह इनका क्या काम ?..ये छतरी और काला चश्मा क्यों ?...अगर आप ऐसा सोच रहे हैं..तो जवाब जानने से पहले,सलाह मान लीजिए..और umbrela-shades-साफा-स्कार्फ निकाल लीजिए....
दिल का रिश्ता है लोरी...बच्चे की पहली सुकुन की नींद है लोरी..मां की ममता का भाव है लोरी..अपनेपन का पहला एहसास है लोरी..लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी काम का दबाव और वक्त की कमी ने..माता-पिता और बच्चों के बीच के इस कुदरती ताने-बाने को तोड़ दिया है...लोरी की जगह मोबाइल ने ले ली है...
स्वामी रामदेव ने कहा कि हम व्यापार नहीं, उपचार और उपकार का अनुष्ठान कर रहे हैं। हम सांस्कृतिक अतीत के साथ विकास के आयाम गढ़ रहे हैं।
बहुत से लोग ऐसे हैं. जो पैरों में दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं. पैर में भी अलग-अलग जगह पर चुभन-दर्द, कई बार गाउट की वजह से,तो कई बार गठिया या कई दूसरी परेशानी की वजह से, तो आज इसके बारे में भी समझें और परेशानी को दूर करें.
एक और ताज़ा स्टडी की बात कर लेते हैं.....इस नई रिसर्च के मुताबिक ज़्यादा चीनी खाना भी किडनी के लिए खतरनाक है...क्योंकि शुगर की ओवरडोज़ की वजह से किडनी में सिस्ट बनने लगते
सेहत के लिहाज से, मोटापा, हेल्थ एक्सपर्ट्स के लिए भी बड़ा सिरदर्द बन गया है...'नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे' के मुताबिक---अगर इसे कंट्रोल नहीं किया गया, तो देश को भारी कीमत चुकानी होगी...
स्वामी रामदेव ने अमेरिकी टेक मिलेनियर और एंटी-एजिंग विशेषज्ञ ब्रायन जॉनसन को हरिद्वार स्थित अपने पतंजलि योगग्राम में आमंत्रित किया है। योग गुरु ने कहा कि एंटी-एजिंग के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण योग, आयुर्वेद और प्रकृति में निहित है।
एक नई स्टडी के मुताबिक लोग बिना डॉक्टरी सलाह के दवाइयां ले रहे हैं. खासकर इस मौसम में बुखार-जुकाम होने पर लोग बिना सलाह के दवाई ले लेते हैं, जिसकी वजह से 19% किडनी के बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
फरवरी का महीना खत्म होने वाला है, फरवरी-मार्च के महीने में वायरल इंफेक्शन सबसे ज्यादा होता है. सर्दी-जुकाम, बुखार, सिरदर्द घर घर में दिखने लगते हैं, इन्हें किन उपायों से रोका जा सकता है?
जन का सही रेंज में रहना सेहतमंद होने का पैरामीटर माना जाता है. अगर कोई कोई भी व्यक्ति थोड़ा सा भी ओवरवेट है, लेकिन चुस्ती-फुर्ती में कोई कमी नहीं है. हीमोग्लोबीन लेवल सही है, बीमार ना हो, तो भी ये चिंता की बात है.
हाथों की मजबूत पकड़ को अच्छी सेहत का संकेत माना जाता है, वहीं पकड़ कमजोर होना, हाथों में कंपन छोटी-बड़ी समस्याओं का इंडिकेशन है, जिसकी अनदेखी रिस्क बढ़ा सकता है.
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