निशिकांत दुबे ने संसद में कहा कि आज की नई थ्योरी है कि सस्टेनेबल इकोनोमिक वेलफेयर आम आदमी का हो रहा है या नहीं हो रहा। GDP से ज्यादा जरूरी है कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट, हैपिनेस हो रहा है की नहीं।
यूबीएस कहना है कि सरकार द्वारा जिन ढांचागत सुधारों को आगे बढ़ाया जा रहा है, उनसे आने वाले समय में देश के लिए सतत् वृद्धि का आधार तैयार होगा।
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