Sushma Swaraj Death anniversary: देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का नाम भारत की राजनिती एक अहम स्थान रखती थी। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई ऐसे कार्य किए जिनके कारण वो देशवासियों के दिलों पर राज करने लगी थी। एक कुशल वक्ता जिन्हें हर कोई सुनना चाहता था।
पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। सुषमा की बेटी बांसुरी ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू आ गए।
सुषमा स्वराज और उनके पति स्वराज कौशल आम तौर पर अपने पेशेवर जीवन की वजह से एक साथ कम ही दिखते थे, लेकिन जब भी दोनों एक साथ दिखते, दोनों के बीच का प्रेम दुनिया के सामने एक आदर्श के रूप में नजर आता।
राजनीतिक परिदृश्य में एक रिक्ति पैदाकर दुनिया से चल बसीं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 1999 में जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था तब से उनका कर्नाटक के साथ एक गहरा नाता बन गया था।
संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर बुधवार को दुख जताया और उनके साथ अपने मित्रवत संबंधों को याद करते हुए कहा कि सुषमा उस वक्त चली गईं जब उन्हें अभी सार्वजनिक जीवन में रहकर देश के लिए और योगदान देना था।
Sushma swaraj famous speech on sanskrit and Amitabh was overwhelmed जब सुषमा स्वराज ने बताया था संस्कृत का महत्व, खुद अमिताभ बच्चन भी चौंक उठे थे
थरूर ने आरोप लगाया कि सुषमा स्वराज ने भाषण भाजपा के मतदाताओं को ध्यान में रखकर दिया गया।
भारत ने शनिवार को चेतावनी दी कि मूलभूत सुधारों के अभाव में संयुक्त राष्ट्र के अप्रासंगिक हो जाने का खतरा है और कहा कि अगर यह विश्व निकाय अप्रभावी रहा तो बहुपक्षवाद खत्म हो जाएगा।
The meeting between Kulbhushan and his family was started in absence of the Deputy High Commissioner: Sushma Swaraj
Addressing the Upper House of Parliament, Swaraj said that the meeting was nothing like a humanitarian gesture as human rights of the family members were violated again and again and an environment of
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