76 प्रतिशत भारतीय प्रतिभागी यह महसूस करते हैं कि महामारी ने उन्हें अपने खर्चों के बारे में सोचने को मजबूर किया है। वहीं वैश्विक स्तर पर ऐसा सोचने वाले लोगों का प्रतिशत 62 के स्तर पर है।
लिंक्डइन द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि सर्वे में यह सामने आया है कि परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स और मीडिया तथा दूरसंचार क्षेत्र के पेशेवर अपने कार्यस्थल पर लौटने को लेकर ज्यादा सहज नहीं दिखते हैं।
कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को चले गए प्रवासी कामगारों में से करीब दो-तिहाई गांवों में कौशल आधारित रोजगार के अभाव में या तो शहरों को लौट चुके हैं अथवा लौटना चाहते हैं।
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कल (2 जुलाई, गुरुवार) से 12 जुलाई (रविवार) तक मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर और बागपत में घर-घर सर्वे होगा।
इसमें लोगों की सामान्य जानकारी जैसे नाम, उम्र, पता और मोबाइल नंबर हासिल करने के साथ ही एसएस कोरोना एप पर प्रत्येक व्यक्ति की यात्रा का विवरण और वे आरोग्य सेतु इस्तेमाल करते हैं या नहीं, संक्रमण के लक्षण हैं या नहीं आदि जानकारी डाली जाएगी।
सर्वे के मुताबिक 64 प्रतिशत उपभोक्ता आनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता देंगे
सर्वे में उम्मीद जताई गई है कि सरकार के तेज फैसलों से रिकवरी भी तेज हो सकती है
सर्वे के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग और बेहतर सेवा की वजह से लोगों की शॉपिंग की आदतें बदली
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाए जाने की चल रही चर्चाओं के बीच पता चल है कि पूर्वी भारत के 74.9 प्रतिशत लोगों के घरों में आवश्यक वस्तुएं देश के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कम है।
covid-19 को लेकर इस तरह की आशा और उम्मीद रखने वालों में वियतनाम (92%), ब्राजील (85%) और मैक्सिको (84 प्रतिशत) का स्थान ऊपर है।
देश में करीब 22 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्हें इस बात की आशंका है कि वह या फिर उनके परिजन कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। आईएएनएस/सी-वोटर द्वारा इस बाबत कराए गए दूसरे सर्वे में यह बात सामने आई है।
पिछले साल औसतन 8.2 फीसदी की बढ़त हुई थी
उद्योग जगत इस साल के पहले 6 महीने में जमकर नौकरियां बांटने जा रहा है
करीब 33 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नोटबंदी का सबसे बड़ा नकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था की सुस्ती के रूप में सामने आया है।
पाकिस्तान के सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेता हर वक्त भले ही कश्मीर का राग छेड़ते रहें लेकिन पाकिस्तान की जनता के लिए यह सबसे बड़ा मुद्दा नहीं है।
हरियाणा और महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले न्यूज एजेंसी आईएएनएस और सी-वोटर ने लोगों के बीच सर्वेक्षण किया।
कई शहरों में किये गये एक सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है कि भारत में कम से कम 75 प्रतिशत युवाओं ने 21 साल की उम्र पूरी होने से पहले ही शराब का सेवन कर लिया। शराब के सेवन के लिये कानूनी उम्रसीमा 21 साल है।
क्रिकेट से लंबे समय से दूर होने के बावजूद धोनी को लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। इस बात का खुलासा हाल ही में हुए एक सर्वे में हुआ है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण, 2018 के अनुसार पाकिस्तान में आधे से अधिक इतने गरीब परिवार हैं कि वे दिन में दो बार खाना तक नहीं खा सकते। इससे देश में कुपोषण देखने को मिल रहा है।
भारत के लोग अभी भी टैक्स बचाने और निवेश के लिए बीमा खरीदते हैं, हालांकि अब धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता आ रही है वे मानने लगे हैं कि बीमा का मतलब सुरक्षा होता है।
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