दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि आप हमें कड़े फैसले के लिए मजबूर न करें। दिल्ली को प्रतिदिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के अवमानना के नोटिस और दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी के मामले में अधिकारियों को अदालत में मौजूद रहने के निर्देश देने के खिलाफ तत्काल सुनवाई की केंद्र की याचिका पर विचार करने पर सहमति दे दी
कोरोना महामारी के सबसे घातक सप्ताह में, भारत ने पिछले सात दिनों में 26 लाख से अधिक नए मामले और लगभग 23,800 मौतें दर्ज कीं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 3 मई की मध्यरात्रि या उससे पहले दो दिनों के भीतर दिल्ली के अस्पतालों के ऑक्सीजन मुद्दे को सुधारने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत सरकार से कोरोना टीकों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के मूल्य निर्धारण के संबंध में अपनाए गए आधार और औचित्य को समझाने को कहा |
सुप्रीम कोर्ट देश में COVID-19 स्थिति से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रहा है। कल CJI SA Bobde ने इस पर जवाब मांगा था कि शीर्ष अदालत को इस मामले से समान रूप से नहीं निपटना चाहिए, जिसके मद्देनजर कई उच्च न्यायालयों ने अपने-अपने राज्यों में COVID-19 संबंधित मुद्दों को लेकर मुकदमा दायर किया।
सुप्रीम कोर्ट ने देश की वर्तमान कोरोना स्थिति के बारे में संज्ञान लिया, जिसमें ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण, लॉकडाउन आदि शामिल थे, और केंद्र को कोरोना प्रबंधन पर एक राष्ट्रीय योजना पेश करने को कहा।
कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को एक 'तूफान' की तरह मारा, जिसने देश के स्वास्थ्य ढांचे पर भारी दबाव डाला हुआ है। इसने ऑक्सीजन और बेड की अभूतपूर्व मांग को भी जन्म दिया है, जिससे देश भर के अस्पतालों में गंभीर कमी हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उस समय कदम रखा जब देश भर में छह उच्च न्यायालय ऑक्सीजन से संबंधित संकट, बेड और अस्पतालों में वायरल रोधी दवा रेमेडिसविर से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर से भारत में हाहाकार मचा हुआ है। इस वक्त देश के सभी कोविड अस्पताल भरे हुए हैं, कोरोना टेस्टिंग सेंटर्स पर लाइन लगी हुई है। कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी है। जिस वजह से मरीज और उनके परिजन परेशान है। देश में कोरोना की ऐसी पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच सोमवार को सुबह अपने निर्धारित समय से एक घंटा देरी से चलेगी। संक्रमित हुए न्यायाधीश अपने आवासों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों का संचालन करेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक याचिका की अनुमति देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब की रोपड़ जेल से गैंगस्टर से विधायक मुख्तार अंसारी की हिरासत को उत्तर प्रदेश में बांदा जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया।
त्तर प्रदेश के बाहुबली मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश में भेजने का आदेश दिया है। फिलहाल मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल में बंद है और उत्तर प्रदेश सरकार आरोप लगाती रही है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार में उसे संरक्षण दिया जा रहा है। इसी मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के हित में फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते के अंदर मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह की याचिका पर कोई फैसला देने से किया इंकारऔर उन्हें उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहते हैं।
एक और चौंकाने वाले खुलासे में यह बात सामने आई है कि रश्मि शुक्ला ने अगस्त 2020 में ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट के बारे में सीएम उद्धव ठाकरे को लिखा और उनसे कार्रवाई करने का आग्रह किया। देवेंद्र फडणवीस, जिन्होंने आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के मामले में भी हंगामा किया, ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के गृह आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों से अवगत कराने के लिए दिल्ली में गृह सचिव की नियुक्ति की मांग की है।
महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर के पत्र के बाद वहां की राजनीति में आए तूफान के बाद परमबीर सिंह ने एक और बड़ा कदम उठाया है। परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और अपनी याचिका में महाराष्ट्र के गृह मंत्री के कथित भ्रष्टाचार की सबूत नष्ट होने से पहले जांच की मांग की है।
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया।
नए कृषि कानूनों पर चल रहे विरोध का हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति की आज पहली बैठक होगी। बैठक में तय होगा कि किसानों से कैसे बातचीत की जाए। आगे की रणनीति तैयार करने के लिए भी कमेटी कोई बड़ा फैसला ले सकती है। यह बैठक दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट में होगी।
किसान संगठनों की गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के विरोध में लगाई गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पायी है। आज सुनवाई शुरू होते ही CJI ने दिल्ली पुलिस को कहा गया कि ये मामला लॉ एंड आर्डर का है, इस मामले से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस के सारे अधिकार हैं, इसके बारे में फैसला पुलिस लेगी। न्यायालय ने कहा कि दिल्ली में किसे प्रवेश देना चाहिए इस बारे में फैसला करने का पहला अधिकार पुलिस को है।
नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच चल रही खींचतान के बीच सोमवार (18 जनवरी) को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। 26 जनवरी के दिन किसान संगठनों की दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
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