बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले पर अब समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र के अध्यक्ष अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा है कि इस मामले में जो भी अधिकारी आरोपी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई शख्स आरोपी है तो केवल इस आधार पर उसका घर गिराना कानून का उल्लंघन है।
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की सरकारें बुलडोजर एक्शन पर ज्यादा जोर देती हैं। इस बुलडोजर एक्शन पर रोक की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलेमा-ए-हिंद समेत कई लोगों ने इस मसले पर याचिका डाली हुई है।
यूपी के 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। ऐसे में जो कैंडिडेट्स इस परीक्षा में शामिल हुए थे, उनकी नजरें फैसले पर टिकी हुई हैं।
पंजाब में फगवाड़ा, अमृतसर, पटियाला, जालंधर, लुधियाना नगर निगमों और 42 नगर परिषदों का 5 साल का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इस समय को पूरा हुए काफी समय बीत गया है। लेकिन सरकार ने अभी तक चुनाव नहीं करवाए हैं।
जज संजीव खन्ना का आज सीजेआई के तौर पहला दिन रहा। सोमवार को ही संजीव खन्ना को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश की शपथ दिलाई। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंच कर मामलों की सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में गैर सरकारी संगठन ने कहा कि देश में मौजूद कई नशामुक्ति केंद्रों से एकत्र आंकड़ों के अनुसार, हर पांच में से एक मरीज 16 से 19 साल के बीच का है।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि त्योहार होने के कारण बिहार में मतदान की तारीख आगे बढ़नी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी धर्म ऐसी आदतों का समर्थन नहीं करता है, जिनकी वजह से प्रदूषण फैलता है। पटाखों पर बैन को लेकर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह बात कही।
दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले न्यायमूर्ति खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति देव राज खन्ना के बेटे और शीर्ष न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एच आर खन्ना के भतीजे हैं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को 18 जनवरी 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज महापर्व छठ के चलते चुनाव टालने की मांग कर रही है। पार्टी का कहना है कि त्योहार के बाद 20 नवंबर को मतदान हो। हालांकि, चुनाव आयोग 13 नवंबर को मतदान कराना चाहता है।
देश के 50वें CJI के तौर पर तैनात डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 को पूरा होगा मगर उनका अंतिम कार्य दिवस 8 नवंबर था। इस मौके पर एक विदाई समारोह आयोजित किया गया जहां अगले CJI जस्टिस संजीव खन्ना ने भाषण देते हुए उनके योगदान की सराहना की।
डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि उनकी मां ने उन्हें एक बार उनके नाम का अर्थ समझाया था। वहीं, अपने पिता को लेकर उन्होंने कहा कि पिता ने इसलिए पुणे में एक घर खरीदा था ताकि कभी उन्हें समझौता न करना पड़े।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा मिलेगा या नहीं, इस बात को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 1967 के अजीज बाशा फैसले को पलट दिया है।
मदरसे चलाने वालों को इस मौके का इस्तेमाल आधुनिक शिक्षा की शुरुआत के लिए करना चाहिए ताकि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे आगे चलकर अच्छे कालेजों में प्रवेश पा सकें, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, वकील और आईटी प्रोफेशनल्स बन सकें।
आज सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मदरसा एक्ट को लेकर बड़ा फैसले सुनाया....सुप्रीम कोर्ट ने इलहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें हाईकोर्ट ने यूपी के मदरसा एक्ट को असंवैधानिक करार दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मदरसा एक्ट को लेकर बड़ा फैसला दिया है जिससे इसमें पढ़ने वाले छात्रों को बड़ी राहत मिली है। इस फैसले पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मदरसों ने देश को कई IAS IPS दिए हैं।
आज सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मदरसों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट 2004 को संवैधानिक करार दिया। मुस्लिम लीडर्स और मौलानाओं का तर्क था कि अगर मदरसे खत्म कर दिए गए तो मजहब से जुड़ी तालीम नहीं मिल पाएगी।
यूपी के 16 हजार मदरसे चलते रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मदरसों को बड़ी राहत दी है लेकिन मदरसों में कामिल और फाजिल की डिग्री नहीं मिल सकेगी। यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक ये डिग्रियां नहीं दे सकेंगे।
UP Madarsa Act: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट को संवैधानिक करार दिया है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी मदरसा एक्ट को असंवैधानिक ठहराया था।
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