रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य वार्ता के दौरान किम जोंग उन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को खुला समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इससे NATO और अमेरिका चिंतित हो गए हैं।
इमरान खान ने अपने समर्थकों को “करो या मरो” का आदेश जारी किया था, जिसमें पीटीआई समर्थकों को अपने शहरों में विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया गया था। पीटीआई के वरिष्ठ नेता सलमान अकरम राजा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “यह विरोध पूरे पाकिस्तान में फैलेगा और हर नागरिक इसका हिस्सा बनेगा।
भारत के पड़ोसी देश भूटान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जमकर हिंदुस्तान की तारीफ की है। भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे ने भारत को आर्थिक महाशक्ति और ग्लोबल साउथ की आवाज बताते हुए यूएनएससी में स्थाई सदस्यता का प्रबल हकदार बताया है।
भारत का दोस्त रूस अब एक मामले में पाकिस्तान का साथ देने जा रहा है। रूस के उप प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री और आर्मी चीफ असीम मुनीर से मिलने के बाद यह ऐलान किया है। इससे पाकिस्तान गदगद हो गया है।
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता का बयान खालिस्तानियों के अलग देश की मांग को जायज ठहराता है।
अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय हिंदुओं की भूमिका हर बार काफी अहम रहती है। इस बार हिंदू किसके सपोर्ट में होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी थीं। अब हिंदू संगठन ने अपने पत्ते खोल दिए हैं।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया है। ओबामा ने कहा कि कमला हैरिस अमेरिका की बेहतरीन महिला राष्ट्रपति साबित होंगी।
अगर अमेरिका यूक्रेन को सहयोग करना बंद कर दे तो कीव का क्या होगा, क्या जेलेंस्की तब रूस से मोर्चा ले पाएंगे, क्या यूक्रेन रूस के सामने जंग में फिर लंबे समय तक टिक पाएगा?...इन सभी सवालों को लेकर अमेरिकी रक्षामंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बड़ा बयान दिया है कि अमेरिका यूक्रेन को मदद रोक भी दे तो वह अपने पैरों पर खड़ा होगा।
अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के पहले रिपब्लिकन पार्टी की ओर से ट्रंप की निकटतम प्रतिद्वंदी रही निक्की हेली का हृदय परिवर्तन हो गया है। उन्होंने ट्रंप को देश के लिए सबसे अच्छा राष्ट्रपति बताया और लोगों से एक बार फिर ट्रंप को चुनने की अपील की।
महाराष्ट्र सरकार की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे बीड लोकसभा सीट पर एनसीपी (शरद पवार) के बजरंग सोनावणे से हार गई। इसके बाद उनके कट्टर समर्थकों को बड़ा झटका लगा था, उनमें काफी निराशा देखी गई।
फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने न्यूयॉर्क में जमकर उत्पात मचाया। वह अचानक ब्रुकलिन संग्रहालय पहुंच गए और वहां छतों व दीवारों पर फिलिस्तीन का बैनर लिए चढ़ गए। प्रदर्शनकारियों ने आजाद फिलिस्तीन के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
फिलिस्तीन के समर्थकों ने ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में घुसकर उत्पात मचा दिया है। कैम्ब्रिज के एक कालेज में लगी ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड जेम्स बालफोर की 110 साल पुरानी पेंटिंग तस्वीर को तोड़ डाला है। इसे वर्ष 1914 में लगाया गया था।
पुतिन ने तीसरी बार रूस का राष्ट्रपति बनने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। समर्थकों का एक बहुत बड़ा वर्ग उनके पीछे खड़ा है। रूस के चुनाव कानून के मुताबिक वह लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते। मगर इसके लिए उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का रास्ता खोज निकाला है। समर्थकों ने पुतिन की निर्दलीय उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया।
रूस से जंग के 22 महीने बीत जाने के बाद नाटों देशों का समर्थन यूक्रेन के लिए घटने लगा है। अब नाटो और यूरोपीय देश यूक्रेन को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में यूक्रेन की हार का खतरा बहुत बढ़ गया है।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने इजरायल को हराने का संकल्प ले लिया है। दक्षिण कोरिया की खुफिया रिपोर्ट के अनुसार वह फिलिस्तीन के सपोर्ट में हैं और उन्होंने अपने अधिकारियों को फिलिस्तीनियों की हर मदद करने का ऐलान किया है। वह हमास जैसे संगठनों को भी हथियार उपलब्ध करा सकते हैं।
यूरोपीय देशों का समर्थन कम होने से यूक्रेन रूस के साथ जंग में ठंडा पड़ने लगा है। जेलेंस्की इस बात से परेशान हैं कि अब आगे उन्हें युद्धक सामग्री कैसे मिलेगी। सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन ही मजबूती से जेलेंस्की को समर्थन दे रहे हैं। बाकी देश अब सोचने लगे हैं कि आखिर जेलेंस्की को कब तक वह हथियार देते रहेंगे।
अमेरिकी सांसदों ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा युद्ध अपराध का आरोपी बनाए जाने के बावजूद दक्षिण अफ्रीका अगस्त में जोहानिसबर्ग में उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के शिखर सम्मेलन में ‘‘पुतिन को आमंत्रित करने की दिशा में काम कर रहा है।’
खाप पंचायत के दौरान उस वक्त हंगामे जैसी स्थिति हो गई जब कुछ खाप सदस्य ने पहलवानों के समर्थन में एक ठोस फैसला लेने की मांग की।
बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले पहलवानों को कई पूर्व क्रिकेटरों का समर्थन मिला है। कपिलदेव, गवास्कर समेत कई बड़े पूर्व क्रिकेटरों ने पहलवानों से अपील की है कि वे जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लें।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अब कई अधिकार समूहों का भी साथ मिलना शुरू हो गया है। पाकिस्तान के कई अधिकार समूहों ने इमरान खान के समर्थकों पर सेना के कानूनों के तहत मुकदमा चलाने के लिए आलोचना की है। इधर हाईकोर्ट ने इमरान की जमानत को 2 जून तक के लिए बढ़ा दिया है।
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