सुपरटेक कंपनी द्वारा यहां दो इमारतों को ढहाने के लिए जिस कंपनी को काम सौंपा गया था उसने अवैध निर्माण को गिराने के लिए और समय मांगा है।
रविवार को दोपहर 2.30 बजे ट्रायल ब्लास्ट हुआ और इस ब्लास्ट में करीब 3 से 4 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। इमारत के 6 अलग-अलग पैनलों पर इसका ट्रायल हुआ, जिसमें अलग-अलग मात्रा में विस्फोटक लगाया गया और विभिन्न तरह के सुरक्षा मापदंडों का उपयोग भी हुआ।
टावर को ढहाने का जिम्मा संभाल रही एडीफाइस एजेंसी के परियोजना प्रमुख मयूर मेहता ने बताया कि पांच पिलर में टेस्ट ब्लास्ट होगा और दोपहर दो बजे से पहले ही संबंधित पिलर में विस्फोटक लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
प्राधिकरण ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि इन इमारतों को ध्वस्त करने के बाद पूरा मलबा 22 अगस्त तक वहां से हटा लिया जाएगा। न्याययमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने नोएडा (न्यू ओखला इंडिस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) और सुपरटेक सहित सभी हितधारकों को स्थिति रिपोर्ट में दी गई समय सीमा का सख्ती से अनुपालन करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि, इस बैठक में सभी संबंधित एजेंसियां मौजूद रहें, ताकि जल्द से जल्द नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दो 40 मंजिला टावरों को दो सप्ताह के भीतर ध्वस्त किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सुपरटेक के 915 फ्लैट और दुकानों वाले 40 मंजिला दो टॉवर्स का निर्माण नोएडा प्राधिकरण के साथ साठगांठ कर किया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि सुपरटेक के 915 फ्लैट और दुकानों वाले 40 मंजिला दो टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण के साथ साठगांठ कर किया गया है और उच्च न्यायालय का यह विचार सही था।
शीर्ष अदालत में ट्विन टावर को तीन महीने के अंदर जमींदोज करने का आदेश देते हुए कहा था कि जिला स्तरीय अधिकारियों की सांठगांठ से किए गए इस इमारत के निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि नियम कायदों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके।
बता दें कि अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी पर कई तल्ख टिप्पणियां कीं। अदालत ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और सुपरटेक की मिलीभगत से यह निर्माण हुआ।
आदेश में कहा गया है कि सुपरटेक के 40 मंजिला ट्वीन टॉवर्स में 915 फ्लैट्स और दुकानें हैं जिनका निर्माण नोएडा अथॉरिटी के साथ सांठगांठ कर किया गया है
मंगलवार को हुई सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सुपरटेक के, 915 फ्लैट और दुकानों वाले 40 मंजिला दो टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण के साथ सांठगांठ कर किया गया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वह जिले की रेरा द्वारा एक बिल्डर के खिलाफ जारी वसूली प्रमाण पत्र को तीन महीने के भीतर क्रियान्वित करें।
रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक ने शुक्रवार को कहा कि वह इस साल दिसंबर तक घर खरीदारों को 8,463 मकान सौंपेगा।
सुपरटेक समूह ने एक बयान में कहा कि कुल मिलाकर उसकी 13 परियोजनाएं चल रही हैं। जिसमें से नोएडा में पांच, ग्रेटर नोएडा में चार और दो-दो यमुना एक्सप्रेसवे और मेरठ में चल रही हैं।
रियलस्टेट कंपनी सुपरटेक विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपए का निवेश करेगी ताकि चालू वित्त वर्ष के दौरान कंपनी के ग्राहकों को 10,000 फ्लैटों की डिलीवरी का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने संकटग्रस्त रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली समूह से कहा है कि वह अपने 47 आवासीय टावरों का ब्यौरा गुरुवार तक उसे दे। इन टावरों का काम पूरा होने वाला है।
सुप्रीम कोर्ट ने रियल इस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड को निर्देश दिया है कि वह उसकी रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपए और जमा करवाए ताकि उन मकान खरीदारों को ब्याज का भुगतान किया जा सके।
उच्चतम न्यायालय ने आज अपनी रजिस्ट्री को आदेश दिया कि नोएडा में सुपरटेक की परियोजना में फ्लैट बुक कराने वाले 26 खरीदारों को मूलधन लौटाया जाये।
Supertech चालू वित्त वर्ष के दौरान दिल्ली-एनसीआर में 1500 हाउसिंग यूनिट्स को पूरा करने के लिए तकरीबन 2500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा में सुपरटेक की 40 मंजिला दो आवासीय इमारतें एमेराल्ड टावर्स यदि बिना उचित मंजूरी के बनाई गईं हैं तो इन्हें ढहा दिया जाएगा।
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