Indian Navy: रक्षा के क्षेत्र में भारत की धमक लगातार दुनिया में यूं ही नहीं बढ़ रही, बल्कि इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी का मजबूत नेतृत्व और देश के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों व सेना के जवानों का अभूतपूर्व प्रयास भी है। तभी तो मेक इन इंडिया का मंत्र अब नित सफलता के नये-नये आयाम गढ़ रहा है।
भारत ने गुरुवार को सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के अपडेट वर्जन का सफल परीक्षण किया है। ओडिशा के बालासोर तट से इस इस मिसाइल को दागा गया। डिफेंस सूत्रों ने बताया कि इस ब्रह्मोस मिसाइल में नई टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है।
भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और सफलता हासिल की है। अपनी नौसेना की युद्ध क्षमताओं को बढ़ाते हुए सोमवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित एक एंटी-सबमरीन शस्त्र प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
ब्रह्मोस एरोस्पेस के सीईओ सुधीर कुमार मिश्रा ने कहा है कि 500 किलोमीटर तक की बढ़ी हुई रेंज के साथ स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल का उन्नत संस्करण तैयार है।
भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा।
नाम से ही दुश्मनों के पसीने छुड़ाने वाली विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस अगले छह महीने में 75 प्रतिशत स्वदेशी हो जाएगा। अभी इसमें 65 प्रतिशत स्थानीय कल-पुर्जों का इस्तेमाल किया जाता है।
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