प्रतिदिन भारतीय रेलवे में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या के बराबर है और लंबाई के मामले में यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है।
इस ट्रेन में 10 डिब्बे लगाए जा सकते हैं। प्रत्येक की क्षमता 100 यात्रियों की होगी। यह ट्रेन 1,500 किलोमीटर के दायरे में यात्रा की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ समाधान है।
सरकार ने बड़ी खबर देते हुए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) ट्रेन का फर्स्ट लुक आज जारी कर दिया। यह भारत में 180 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार से दौड़ेगी । RRTS ट्रेन में मेट्रो और बुलेट ट्रेन जैसी सुविधाओं से लैस होगी। इसका उत्पादन 2022 से शुरू होगा।
भारत में अब बुलेट ट्रेन के बाद मैग्लेव ट्रेन चलाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके लिए भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BHEL) ने स्विस रैपिड एजी कंपनी के साथ एमओयू भी साइन कर लिया है।
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले रेलवे ने उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक सुपरफास्ट ट्रेन के ठहराव की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इसके लिए रेलवे से अनुरोध किया था।
कैग ने भी यह पाया कि यात्री सुपरफास्ट का किराया चुकाते हैं, लेकिन ट्रेन उस स्पीड से नहीं चलतीं, जिसके लिए शुल्क वसूला गया है। इसमें यह भी कहा गया कि जब ट्रेन सुपरफास्ट की स्पीड से नहीं चल रही हो, तो यात्रियों को उनका किराया लौटा दिया जाए। मगर इसे लेक
देश भर में चलने वाली करीब 500 ट्रेनों के ट्रैवल टाइम में 10 मिनट से लेकर 3 घंटे तक समय कम किया गया है और 50 नई ट्रेनों का ऐलान किया गया है जिसमें 9 गुजरात की होंगी। इसके अलावा 65 पुरानी ट्रेनों को सुपरफास्ट बनाया जाएगा जिनकी रफ्तार 55 किलोमीटर प्रति
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में मंगलवार को एक ही ट्रैक पर दुरंतो एक्सप्रेस, हटिया-आनंद विहार एक्सप्रेस और महाबोधि एक्सप्रेस आ गईं। समय रहते गलती को पकड़ लिया गया और एक बहुत बड़ा हादसा होने से बच गया
भारतीय रेलवे निर्भया फंड के तहत 500 करोड़ की लागत वाली राशि से रेलवे परिसरों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए 900 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों पर CCTV कैमरा लगाएगा।
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