अब से कुछ ही देर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारतीय वायु सेना के फाइटर जेट सुखोई में उड़ान भरेंगी..राष्ट्रपति असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंच गईं हैं..इस समय उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू(President Droupadi Murmu) आज भारतीय वायु सेना(Indian Air Force) के फाइटर जेट सुखोई(Sukhoi Fighter Aircraft) में उड़ान भरेंगी। वो आज असम(Assam) के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई सू-30 MKI फाइटर जेट(Sukhoi 30 MKI fighter aircraft) में उड़ान भरेंगी।
द्रौपदी मुर्मू से पहले पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल और रामनाथ कोविंद वायुसेना के फाइटर जेट्स में उड़ान भर चुके हैं।
ये टक्कर उस वक्त हुई जब अमेरिका का रीपर ड्रोन और रूस के दो सुखोई फाइटर जेट ब्लैक सी के ऊपर इंटरनेश्नल सी बाउंड्री में चक्कर लगा रहे थे। अमेरिका ने दावा किया है कि इस टक्कर में उनका ड्रोन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अमेरिकी सेना का ये भी दावा है कि टक्कर के बाद रूसी फाइटर जेट भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।
अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तवांग क्षेत्र में 9 दिसंबर को भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सेना और भी अधिक चौकस हो गई है। वहीं वायुसेना भी चीन सीमा के नजदीक युद्धाभ्यास कर रही है।
भारतीय वायु सेना का एक सुखोई लड़ाकू विमान गुरुवार शाम असम में तेजपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
गाइडेड बम का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब दो दिन पहले ही भारतीय वायुसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में एक सुखोई विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया।
ढाई टन वजनी यह मिसाइल ध्वनि की गति से 3 गुना तेज, मैक 2.8 की गति से चलती है और इसकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर है...
वायुसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल का लड़ाकू विमान सुखोई से परीक्षण किया गया है। ये पहला मौका है जब सुखोई से ब्रह्मोस का परीक्षण किया गया है
इससे पहले ऐसा नहीं हुआ था कि एक बार में 17 फाइटर और कार्गो प्लेन की एक्सप्रेसवे पर लैंडिंग करवाई गई हो लेकिन आज ना सिर्फ लैंडिंग हुई बल्कि टेकऑफ भी करवाया गया और इसी के साथ एयरफोर्स ने नया कीर्तिमान रच दिया।
कार्गो विमानों का वजन फाइटर प्लेन से ज्यादा होता है और वायुसेना देखना चाहती थी कि क्या आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे को इमरजेंसी हालात में ट्रांसपोर्ट विमानों को उतारने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत है हरक्यूलिस। छोटे रनवे प
चीन के इस अड़ियल रूख के बाद भारत ने भी जोर देकर साफ कहा है कि जब तक चीन सड़क निर्माण के औजार नहीं हटाता, तब तक सेना के वापस हटने का सवाल नहीं उठता। बता दें कि 8 अगस्त को भी दोनों देशों के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी लेकिन इस बातचीत में भ
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