सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार (16 नवंबर) को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, अब तक वर्किंग कमेटी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। अब पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव होगा।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित कर दिया गया है। सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने यह फैसला लिया है। इस लेख में हम जानने की कोशिश करेंगे कि तनखैया का मतलब क्या है और क्यों सुखबीर बादल पर अकाल तख्त ने यह एक्शन लिया ।
सुखबीर सिंह बादल को ‘तनखैया’ घोषित किया जा चुका है। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने भी अब सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ तख्त तेवर दिखा दिए हैं।
अकाल तख्त ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को उनकी पार्टी की सरकार द्वारा की गई गलतियों के लिए ‘तनखैया’ घोषित किया है।
भगवंत मान ने कहा कि पंथक और पंजाब समर्थक होने का दावा करने के बावजूद अकाली दल ने संसद में ‘साहिबजादों’ को श्रद्धांजलि देने का कभी कोई प्रयास नहीं किया।
सुखबीर बादल ने कहा कि हमें पहचानना चाहिए कि ‘कौम’ के गद्दार कौन हैं। आपके नेता कौन हैं? जब तक हम अच्छे और बुरे की पहचान नहीं करेंगे, हम पर हमले होते रहेंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सुक्खी का आम आदमी पार्टी में स्वागत किया और कहा कि उन्होंने हमेशा दलितों के कल्याण के लिए काम किया है और उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
भगवंत मान ने 2015 की बेअदबी की घटनाओं को लेकर सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि माफी गलतियों के लिए होती है, अपराधों के लिए नहीं।
पंजाब से एक बड़ी खबर सामने आई है। शिअद के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने अकाल तख्त जत्थेदार को पत्र लिखकर शासन के दौरान की गई सभी गलतियों के लिए माफी मांगी है।
बगावत करने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व सांसद चंदूमाजरा, एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला, पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका, परमिंदर सिंह ढींडसा, सरवन सिंह फिल्लौर और सुरजीत सिंह रखड़ा तथा पार्टी के नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर शामिल थे।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष को 15 दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से अकाल तख्त साहिब के समक्ष उपस्थित होकर आरोपों का लिखित स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।
अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं ने सुखबीर बादल से इस्तीफा मांगा है। नेताओं का कहना है कि सुखबीर को लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।
अमृतपाल सिंह के साथ अपनी पार्टी के राजनीतिक एवं वैचारिक मतभेद से ऊपर उठते हुए बादल ने कहा कि इस मामले में रासुका बढ़ाने का फैसला ‘‘संविधान तथा मूल मानवाधिकारों एवं नागरिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन’’ है।
पंजाब में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार करते हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने संवादातओं से बात की। उन्होंने इस दौरान AAP प्रमुख केजरीवाल पर बड़ा आरोप लगाया है।
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने राष्ट्रीय दलों पर तीखा निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि हम राष्ट्रीय पार्टियों की तरह पंजाब के मूल मुद्दों पर कभी समझौता नहीं कर सकते।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पार्टी कोई छोटी-मोटी राजनीतिक पार्टी नहीं है, यह सिद्धांतों की पार्टी है। उन्होंने सरकार बनाने के लिए पार्टी नहीं बनाई है।
'पंजाब बचाओ' यात्रा के दौरान सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को राज्य के लिए 'दोहरा खतरा' बताया। लोगों से लोकसभा चुनाव में उन्हें पंजाब से उखाड़ फेंकने की अपील की।
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब की 'आप' सरकार से एक मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में फसलों पर एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने को कहा।
शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने 'दिल्ली चलो' मार्च पर निकले किसानों को समर्थन दिया। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की मांग को मानने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को किसानों के लिए किए उनके वादे को याद दिलाया।
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