4 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर में सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलने पर SAD नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह यह बहुत गंभीर घटना है। साथ ही उन्होंने कहा कि गुरु के आशीर्वाद से उनकी जान बच गई।
सुखबीर बादल ने कहा, एएसआई जसबीर सिंह और हीरा सिंह दोनों ही प्रकाश सिंह जी बादल के समय से हमारे परिवार का हिस्सा रहे हैं। मेरा परिवार और मैं कल उनके द्वारा दिखाए गए साहस का ऋण नहीं चुका सकते।
अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले को लेकर बोलते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए।
सुखबीर बादल पर हमले की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। दरबार साहिब में, भगवान के घर में, सेवा करते व्यक्ति पर गोली चलाना गंभीर जुर्म है, पाप है। हमला करने वाले ने सिर्फ इस बात का फायदा उठाया कि दरबार साहिब की मर्यादा के मुताबिक वहां जाने वालों की चेकिंग नहीं की जाती।
‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्राप्त पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल आज सुरक्षाकर्मियों के घेरे में आनंदपुर साहिब पहुंचे। वह ‘सेवादार’ की नीली वर्दी में एक हाथ में भाला लेकर गुरुद्वारे के प्रवेश द्वार पर सुबह 9 बजे से एक घंटे के लिए बैठे।
पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर जानलेवा हमला हुआ। उनपर नारायण सिंह चौरा ने गोली चलाई। कौन है नारायण चौरा और उसने गोली क्यों चलाई?
सुखबीर सिंह बादल पर यह जानलेवा हमला तब हुआ, जब वह स्वर्ण मंदिर के बाहर दरबान बनकर धार्मिक सजा के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे। हमलावर की फायरिंग से स्वर्ण मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया।
अमृतसर में सुखवीर सिंह बादल पर फायरिंग हुई है। फिलहाल वह सुरक्षित बताए जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल को अकाल तख्त ने जूते और जूठे बर्तन साफ करने की सजा सुनाई है। जानिए उन्होंने ऐसी कौन सी गलती कर दी कि उन्हें ये कड़ी सजा सुनाई गई है। देखें वीडियो-
पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल और उनके पूर्व मंत्री आज से दी गई सजा का पालन कर रहे हैं। धार्मिक सजा के ऐलान के बाद पूर्व डिप्टी सीएम गले में पट्टिका लटकाए अमृतसर के गोल्डन टेंपल में दरबान की ड्यूटी कर रहे हैं।
श्री अकाल तख्त साहिब ने प्रकाश सिंह बादल से 'फख्र-ए-कौम' सम्मान वापस ले लिया गया है। सुखबीर बादल को भी सजा दी गई है। ये पूरा मामला गुरमीत राम रहीम से जुड़ा है।
सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार (16 नवंबर) को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, अब तक वर्किंग कमेटी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। अब पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव होगा।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित कर दिया गया है। सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने यह फैसला लिया है। इस लेख में हम जानने की कोशिश करेंगे कि तनखैया का मतलब क्या है और क्यों सुखबीर बादल पर अकाल तख्त ने यह एक्शन लिया ।
सुखबीर सिंह बादल को ‘तनखैया’ घोषित किया जा चुका है। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने भी अब सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ तख्त तेवर दिखा दिए हैं।
अकाल तख्त ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को उनकी पार्टी की सरकार द्वारा की गई गलतियों के लिए ‘तनखैया’ घोषित किया है।
भगवंत मान ने कहा कि पंथक और पंजाब समर्थक होने का दावा करने के बावजूद अकाली दल ने संसद में ‘साहिबजादों’ को श्रद्धांजलि देने का कभी कोई प्रयास नहीं किया।
सुखबीर बादल ने कहा कि हमें पहचानना चाहिए कि ‘कौम’ के गद्दार कौन हैं। आपके नेता कौन हैं? जब तक हम अच्छे और बुरे की पहचान नहीं करेंगे, हम पर हमले होते रहेंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सुक्खी का आम आदमी पार्टी में स्वागत किया और कहा कि उन्होंने हमेशा दलितों के कल्याण के लिए काम किया है और उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
भगवंत मान ने 2015 की बेअदबी की घटनाओं को लेकर सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि माफी गलतियों के लिए होती है, अपराधों के लिए नहीं।
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