यूपी के गन्ना किसानों की बदहाली जगजाहिर है। प्रदेश के गन्ना किसानों का 13 हजार करोड़ रुपये चीनी मिलों पर बकाया है जबकि योगी सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा कैराना लोकसभा क्षेत्र से आने वाली थानाभवन विधानसभा सीट से विधायक हैं। बावजूद इसके गन्ना किसानों को भुगतान के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है।
केंद्र सरकार गन्ना किसानों के लिए 10 हज़ार करोड़ के पैकेज का कर सकती है ऐलान
माल एवं सेवा (जीएसटी) परिषद ने शुक्रवार को अपनी 27वीं बैठक में यह फैसला किया है कि रिटर्न प्रक्रिया को सरल बनाने और अनुपालन को बढ़ाने के लिए कारोबारियों के लिए एक सिंगल मंथली रिटर्न फॉर्म पेश किया जाएगा।
सरकार ने गन्ना किसानों को 55 रुपए प्रति टन की दर से भुगतान करने का फैसला किया है। किसानों को इस सब्सिडी का भुगतान चीनी मिलों को बेचे गए गन्ने पर किया जाएगा। बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ है।
गन्ना किसानों की बढ़ती बकाया राशि को देखते हुये एक अनौपचारिक मंत्रीस्तरीय समिति की बैठक में सोमवार को समस्या के निदान के लिये विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श किया गया।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कि सानों के गन्ने के भुगतान का बकाया बढ़ने पर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकारों को किसानों के भुगतान के लिए चीनी मिलों को सख्त निर्देश जारी करना चाहिए
ISMA का कहना है कि चीनी का एक्स मिल भाव घटकर 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गया है जो उसके उत्पादन की लागत से 500-600 रुपए प्रति क्विंटल कम है, यानि हर एक किलो चीनी पर मिलों को 5-6 रुपए का घाटा हो रहा है
Sugarcane farmers stage protest outside Vidhan Sabha in Lucknow
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