यूपी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। अब गन्ना 370 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा। पिछ्ले 6 सालों में अब तक गन्ने के मूल्य में 55 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को एलान किया कि सूबे में गन्ने की कीमतों में प्रति क्विंटल 11 रुपये की बढ़ोत्तरी की जाएगी जिससे पूरी कीमत 391 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएगी।
पिछले सत्र में गन्ने का न्यूनतम मूल्य 305 रुपये प्रति क्विंटल था। ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा ‘अन्नदाता’ के साथ हैं। सरकार हमेशा कृषि और किसानों को प्राथमिकता देती रही है।
Farmers News: गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी आई है। यूपी सरकार ने किसानों के भुगतान के लिए राशि जारी कर दी है। आइए जानते हैं कि सरकार ने क्या कहा है?
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने की उपज बढ़ाने के लिए पंचामृत योजना शुरू की है जो न सिर्फ किसानों की खेतीबाड़ी की पांच विधियों को बखूबी से समझाएगा, बल्कि अधिक उत्पादन देकर गन्ना किसानों की आय दोगुनी करेगी।
Uttar Pradesh News: गन्ना किसानों के लिए समय पर भुगतान हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है, सालों साल तक उनके फसलों का भुगतान ना हो पाना उनके जीवन पर भी असर डालता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में गन्ने की पैदावार में हुई वृद्धि पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर उपज इसी तरह जारी रही तो एक दिन आएगा, जब आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
अगले साल यानी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश के किसानों को बड़ा तोहफा दिया हैं।
यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने शुक्रवार को कहा कि योगी सरकार गन्ना किसानों के लिए बड़ा कदम उठाएगी। सुरेश राणा के मुताबिक, योगी सरकार जल्द गन्ना मूल्य के दाम बढ़ाएगी, इसके लिए सभी अधिकारियों के स्तर पर बैठक हो चुकी है। सभी किसान संगठनों के साथ बात करेंगे और जल्द ही इसका ऐलान किया जाएगा और गन्ना किसानों का मूल्य हर हाल में बढ़ाया जाएगा।
पिछले 20 वर्षों में यह पहली बार है जब आपात स्थिति में गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान की सुविधा दी गई है।
इस साल चीनी की कुल अनुमानित खपत 290 लाख टन, वहीं कुल आपूर्ति 415 लाख टन संभव
चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का पिछले दो चीनी सत्रों का 2,400 करोड़ रुपए का बकाया है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
देश में चीनी उत्पादन पिछले साल के मुकाबले लगभग 54 प्रतिशत पिछड़ गया है।
कैबिनेट ने चीनी वर्ष 2019-20 के लिए चीनी मिलों को चीनी का निर्यात करने के लिए 10,448 रुपए प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देने को मंजूरी दी है।
देश में गन्ने का कुल रकबा 2019-20 में लगभग 49.31 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो 2018-19 के कुल रकबे 55.02 लाख हेक्टेयर से लगभग 10 प्रतिशत कम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को गन्ना किसानों की समस्याओं की समीक्षा की और चीनी मिलों को अगस्त तक गन्ने के बकाए का भुगतान करने का निर्देश दिया। लेकिन हकीकत यह है कि गन्ना पेराई सत्र खत्म हो चुका है और मिलों पर किसानों की बकाया रकम 10343.94 करोड़ रुपये है।
फसल के भुगतान में देरी से आक्रोशित किसानों ने महाराष्ट्र के सतारा, सांगली और कोल्हापुर जिलों में चीनी कारखानों के दफ्तरों पर हमला कर दिया और उनमें से कुछ को आग के हवाले कर दिया।
चालू विपणन वर्ष 2018-19 में देश का चीनी उत्पादन पिछले विपणन वर्ष से कुछ अधिक 321 लाख टन रह सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने जारी बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री लोक कल्याण मार्ग में 29 जून 2018 को करीब 150 गन्ना किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करेंगे।’’ इसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड और पंजाब के किसान होंगे।
केंद्रीय कैबिनेट कि बैठक में बड़ा फैसला गन्ना किसानों के लिए वित्तीय राहत पैकेज का ऐलान
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