महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन करीब 45 प्रतिशत घटा
संगठन ने बयान में कहा है कि पहले से अधिक मात्रा में बी-हेवी मलैसज (शीरा) और गन्ना रस को एथेनॉल के उत्पादन में इस्तेमाल किए जाने से भी चीनी का उत्पादन पिछले साल से कम रहने का अनुमान है।
चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का पिछले दो चीनी सत्रों का 2,400 करोड़ रुपए का बकाया है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सरकार ने अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा (एमएईक्यू) योजना के तहत 2019-20 के मौजूदा विपणन वर्ष के लिए 6,50,000 टन चीनी कोटा का नए सिरे से आवंटन किया है।
पाकिस्तान की जनता के जीवन में खुशहाली लाने का वादा करके सत्ता में आए प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों काफी टेंशन में हैं।
इस्मा को उम्मीद है कि चालू सत्र में चीनी मिलों द्वारा चीनी की बिक्री 260 लाख टन के आसपास होगी।
केंद्र सरकार द्वारा 2019-20 चीनी वर्ष के लिए एफआरपी में वृद्धि नहीं की गई है।
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 दिसंबर तक 21.2 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 15 प्रतिशत अधिक है।
चीनी सत्र 2018-19 (अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019) में निर्यात के लिए मिलवार 50 लाख टन चीनी का एमआईक्यूएम कोटा तय किया गया था।
महाराष्ट्र सरकार ने पंकजा मुंडे समेत भाजपा नेताओं के स्वामित्व वाली सात चीनी मिलों द्वारा लिए गए 300 करोड़ रुपए के ऋण पर गारंटी रद्द कर दी है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह फैसला बुधवार को उद्धव ठाकरे नीत राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया।
मुंबई में बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने उद्योगपति राहुल बजाज ने सरकार की आलोचना करते हुए डरने की बात कही तो देश में बहस छिड़ गई। इस बहाने विपक्ष भी मोदी सरकार पर हमलावर हो उठा।
देश में चीनी उत्पादन पिछले साल के मुकाबले लगभग 54 प्रतिशत पिछड़ गया है।
इस सत्र में महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने अब तक गन्ने की पेराई शुरू नहीं की है। इसकी वजह से चीनी उत्पादन में गिरावट आई है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि मिलों को गन्ने के शीरे से अतिरिक्त इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि यह प्रदूषणकारी नहीं है।
जुलाई में इस्मा ने अपने प्रारंभिक अनुमान में 2019-20 चीनी वर्ष के लिए 282 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान जारी किया था।
चीनी मिलों में गन्ने की पेराई और चीनी का उत्पादन नए पेराई सत्र 2019-20 में आरंभ होने में थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन देशभर की 28 चीनी मिलें अब चालू हो गई हैं और अब तक 14.50 लाख टन गन्ने की पेराई से कुल 1.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
2018-19 विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) में भारत का चीनी उत्पादन 331 लाख टन था, जबकि देश की वार्षिक घरेलू खपत 250-260 लाख टन के आसपास है।
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महाराष्ट्र और कर्नाटक में गांवों की फसल खराब होने के कारण एक अक्टूबर से शुरू हो रहे शुगर सीजन 2019-20 में देशभर में चीनी के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 20 फीसदी की गिरावट रहने का अनुमान है।
कैबिनेट ने चीनी वर्ष 2019-20 के लिए चीनी मिलों को चीनी का निर्यात करने के लिए 10,448 रुपए प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देने को मंजूरी दी है।
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