चीनी वर्ष 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में उत्पादन 2.74 करोड़ टन था। हालांकि नए अनुमान के मुताबिक अब देश में 3.02 करोड़ टन चीनी का उत्पादन होगा। देश में सालाना चीनी की खपत 2.6 करोड़ टन है।
आंकड़ों के मुताबिक 28 फरवरी 2021 तक देश की 502 चीनी मिलों ने कुल मिलाकर 233.77 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। जबकि पिछले साल की इसी अवधि में कुल मिलाकर 194.82 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
पाकिस्तानियों को चीनी खाने के लिए भारतीयों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।
लॉजिस्टिक्स की दिक्कतों और ईरान को निर्यात किए जाने की संभावना कम होने से देश का चीनी निर्यात चालू चीनी विपणन वर्ष 2020-21 में 24 प्रतिशत घटकर 43 लाख टन रह सकता है।
इस्मा के मुताबिक 31 जनवरी 2021 तक देश में 491 चीनी मिलों ने 176.83 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था जबकि पिछले साल की इसी अवधि तक 447 चीनी मिलों ने 141.04 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।
इस्मा के अनुमानों कें मुताबिक 2020-21 शुगर सीजन में उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें 105 लाख टन चीनी का उत्पादन कर सकती हैं। पिछले साल 126.37 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। वहीं महाराष्ट्र में 105.41 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है जो कि पिछले साल 61.69 लाख टन के स्तर पर था।
उत्पादन ज्यादा होने के बावजूद गुड़ के दाम में पिछले साल से करीब 200 रुपये प्रति क्विंटल तेजी बनी हुई है। कारोबारियों के मुताबिक इस समय गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और पंजाब से गुड़ की मांग आ रही है।
गन्ने की अधिक उपलब्धता की वजह से विपणन वर्ष 2020-21 में कुल चीनी उत्पादन 13 प्रतिशत बढ़कर 310 लाख टन होने का अनुमान जताया है। पिछले वर्ष 274.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
महाराष्ट्र में 179 चीनी मिलों ने 31 दिसंबर 2020 तक 39.86 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले साल इसी अवधि तक 135 चीनी मिलों ने 16.5 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। वहीं उत्तर प्रदेश में 2020 के अंत तक 120 चीनी मिलों ने 33.66 लाख टन चीनी का उत्पादन किया। जो कि करीब पिछले स्तरों पर ही है।
चीनी मिलों को मार्केटिंग लागत के लिए 1600 रुपये प्रति टन की मदद दी जाएगी । इसके साथ ही चीनी के ट्रांसपोर्ट के लिए 2400 रुपये प्रति टन और भारत के बंदरगाहों से चीनी के शिपमेंट के लिए 2000 रुपये प्रति टन की मदद दी जाएगी।
इस्मा ने कहा कि इस अधिक उत्पादन का कारण यह है कि महाराष्ट्र में पेराई का काम जल्दी शुरू किया गया तथा चालू सत्र में गन्ना की अधिक मात्रा में उपलब्ध है।
उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पहले के 11.46 लाख टन से बढ़कर 12.65 लाख टन हो गया। महाराष्ट्र में, चीनी उत्पादन 15.72 लाख टन रहा, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 1.38 लाख टन था।
कुल चीनी उत्पादन में, देश के अग्रणी चीनी उत्पादक राज्य -उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 नवंबर तक 3.85 लाख टन चीनी का उत्पादन किया वहीं देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में मिलों ने चालू सत्र में अब तक 5.65 लाख टन चीनी का उत्पादन किया
उद्योग संगठन का अनुमान है कि चालू सीजन 2020-21 में देशभर में चीनी का उत्पादन 311 लाख टन हो सकता है, जबकि ओपनिंग स्टॉक 107.18 लाख टन है। इस प्रकार सीजन के दौरान चीनी की कुल उपलब्धता 418.18 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि घरेलू खपत 260 लाख टन हो सकता है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चीनी मिलों ने चीनी वर्ष 2019- 20 के लिये तय किये गये 60 लाख टन चीनी निर्यात के अनिवार्य कोटा के समक्ष अब तक 57 लाख टन चीनी का निर्यात किया है।
इस्मा ने एक बयान में कहा कि विश्व में प्रति व्यक्ति चीनी की खपत लगभग 22.5 किलो है, लेकिन भारत में केवल लगभग 19 किलोग्राम चीनी की खपत होती है। वहीं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सर्वेक्षण के मुताबिक भारत के महानगरों में एक व्यक्ति रोजाना 19.5 ग्राम चीनी का सेवन करता है जो आईसीएमआर द्वारा अनुशंसित मात्रा 30 ग्राम से कम है।
भारत का चीनी उत्पादन चालू महीने से शुरू होने वाले 2020-21 के विपणन सत्र में 13 प्रतिशत बढ़कर 3.1 करोड़ टन होने का अनुमान है।
द्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने चालू सीजन 2019-20 में अब तक चीनी निर्यात के 57 लाख टन के सौदे किए हैं।
सरकार की इस योजना का मकसद चीनी मिलों को गन्ने से इथेनॉल बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना के तहत सरकार ने अनुदान को दोगुना कर दिया है,
खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि 60 लाख टन चीनी में से 57 लाख टन चीनी के लिए सौदे हो चुके हैं।
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