केंद्र सरकार गन्ना किसानों के लिए 10 हज़ार करोड़ के पैकेज का कर सकती है ऐलान
चीनी की कम कीमत की मार से घाटे की मार झेल रही उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों की अगले सीजन में पेराई नहीं करने की धमकी के बाद सोमवार को दिल्ली में चीनी की कीमतों में जोरदार उछाल आया है। थोक बाजार में चीनी कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विन्टल की तेजी आई। चीनी मिल डिलीवरी एम-30 और एस-30 की कीमतें 100 - 100 रुपये की तेजी के साथ कारोबार के अंत में क्रमश: 3,050 - 3,220 रुपये और 3,040 - 3,210 रुपये प्रति क्विन्टल हो गई।
चीन और भारत के रिश्तों में भले ही कड़वाहट हो, लेकिन जल्द ही कारोबार में मिठास आ सकती है। खबर है कि भारत इस साल पहली बार चीन को चीनी निर्यात कर सकता है।
केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि वर्तमान आयात नीति के तहत निजी कारोबारियों को पाकिस्तान से चीनी आयात करने से नहीं रोका जा सकता है। पासवान ने पत्रकारों को बताया कि दरअसल, पाकिस्तान की चीनी कोई मसला नहीं है।
भारत सरकार ने बुधवार को बताया कि इस साल अप्रैल से लेकर अब तक पाकिस्तान से कुल 1908 टन चीनी का आयात किया गया है। इसका कुल मूल्य 6.57 लाख डॉलर है।
माल एवं सेवा (जीएसटी) परिषद ने शुक्रवार को अपनी 27वीं बैठक में यह फैसला किया है कि रिटर्न प्रक्रिया को सरल बनाने और अनुपालन को बढ़ाने के लिए कारोबारियों के लिए एक सिंगल मंथली रिटर्न फॉर्म पेश किया जाएगा।
देश में इस साल चीनी उत्पादन के सारे रिकॉर्ड टूटने जा रहे हैं, चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक चालू चीनी वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान कुल चीनी उत्पादन 315-320 लाख टन रह सकता है।
सरकार ने गन्ना किसानों को 55 रुपए प्रति टन की दर से भुगतान करने का फैसला किया है। किसानों को इस सब्सिडी का भुगतान चीनी मिलों को बेचे गए गन्ने पर किया जाएगा। बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ है।
गन्ना किसानों की बढ़ती बकाया राशि को देखते हुये एक अनौपचारिक मंत्रीस्तरीय समिति की बैठक में सोमवार को समस्या के निदान के लिये विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श किया गया।
देश में अभी भी करीब 227 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई का काम चला हुआ है। जानकार मान रहे हैं कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सीजन का कुल उत्पादन310-315 लाख टन के बीच रह सकता है
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कि सानों के गन्ने के भुगतान का बकाया बढ़ने पर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकारों को किसानों के भुगतान के लिए चीनी मिलों को सख्त निर्देश जारी करना चाहिए
ISMA का कहना है कि चीनी का एक्स मिल भाव घटकर 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गया है जो उसके उत्पादन की लागत से 500-600 रुपए प्रति क्विंटल कम है, यानि हर एक किलो चीनी पर मिलों को 5-6 रुपए का घाटा हो रहा है
चीनी उद्योग के आंकड़ों को देखें तो इस साल देश में चीनी उत्पादन 295 लाख टन तक पहुंच सकता है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन होगा, ज्यादा उत्पादन की वजह से निर्यात को मंजूरी दी गई है
सरकार ने चीनी के निर्यात पर लगने वाले 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क को समाप्त कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि चीनी के निर्यात को बढ़ावा देने और जमा स्टॉक को कम करने के मकसद से सरकार ने यह कदम उठाया है।
देश में चीनी उत्पादन के इतिहास में कभी भी इतनी ज्यादा चीनी पैदा नहीं हुई है। ISMA के मुताबिक इस साल खपत के मुकाबले देश में 45 लाख टन ज्यादा चीनी पैदा होने जा रही है
फरवरी अंत तक देश में 230.5 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जो चीनी वर्ष 2016-17 में फरवरी अंत तक हुए उत्पादन से 67.88 लाख टन ज्यादा है
चीनी की कीमतें बढ़ने की आशंका भी बढ़ गई है। हालांकि अभी रिटेल मार्केट में चीनी के दाम पहुंच में ही हैं, मंगलवार को राजधानी दिल्ली में चीनी का रिटेल दाम 37 रुपए, मुंबई में 40 रुपए और कोलकाता में भी 40 रुपए है
देश में चीनी उत्पादन 261 लाख टन होने का अनुमान है। इससे पहले 251 लाख टन चीनी पैदा होने का अनुमान लगाया गया था। पिछले साल देश में 203 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सका था
ISMA ने 2017-18 में पूरे सीजन के दौरान उत्पादन 251 लाख टन अनुमानित किया है, पिछला स्टॉक 38.76 लाख टन बचा था और 2 लाख टन आयातित चीनी भी है
सरकार के चीनी दाम को निगरानी में रखने के लिए चीनी डीलरों पर स्टॉक सीमा प्रतिबंध को समाप्त करने के फैसले से जहां एक तरफ चीनी के दाम पर बढ़ता दबाव कम होगा वहीं व्यापारियों और डीलरों के स्तर पर चीनी की मांग में सुधार आएगा।
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