इंडोनेशिया भारत से चीनी खरीदने का इच्छुक है लेकिन वह इससे के लिए रिफाइंड पाम ऑयल और चीनी पर इंपोर्ट ड्यूटी को कम करवाना चाहता है।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ चीनी पर सब्सिडी को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है।
बिजनौर जिले के स्योहारा मे अवध चीनी मिल में बायलर के टूटने से उसकी चपेट में आए एक मजदूर की मौत हो गई। सोमवार तड़के हुए हादसे में तीन अन्य श्रमिक झुलस गये ।
चीनी के अधिशेष स्टॉक के बीच देश की चीनी मिलों ने पश्चिम एशिया और श्रीलंका जैसे देशों को करीब आठ लाख टन चीनी का निर्यात करने का अनुबंध किया है।
चालू विपणन वर्ष 2018-19 में देश का चीनी उत्पादन पिछले विपणन वर्ष से कुछ अधिक 321 लाख टन रह सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ISMA के मुताबिक पिछले साल का लगभग 107 लाख टन चीनी का स्टॉक बचा हुआ है और इस साल की खपत 255-260 लाख टन के बीच अनुमानित है
ब्राउन शुगर या व्हाइट शुगर इन दोनों में सबसे अच्छा कौन है?
चीनी उद्योग को संकट से उबारने के लिए यह दूसरा सरकारी वित्तीय पैकेज है। इससे पहले जून में सरकार ने 8,500 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की चीनी मिलों को राष्ट्रीयकृत एवं अन्य बैंकों के जरिए आसान शर्तों पर 4,000 करोड रुपये का कर्ज उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा, बुधवार को गन्ना किसानों के उत्पादन सहायता को दोगुना से अधिक करने तथा चीनी का निर्यात करने वाली मिलों को परिवहन सब्सिडी देने के लिए कुल मिला कर 4,500 करोड़ रुपये के पैकेज पर विचार किए जाने की संभावना है।
चीनी मिलें अगले पेराई सत्र (अक्तूबर-अप्रैल 2018-19) के दौरान एक लाख करोड़ के गन्ने की खरीद कर सकती है। उनके वर्तमान नकदी संकट को देखते हुए आगामी सत्र में गन्ने के लिए भुगतान संकट की स्थिति बढ़ है।
केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को फिर राहत देते हुए न्यूनतम सांकेतिक निर्यात कोटा यानी एमआईईक्यू के तहत चीनी निर्यात की समयसीमा तीन महीने बढ़ा दी है।
मौजूदा चीनी सीजन 2017-18 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान देश में रिकॉर्ड चीनी उत्पादन के बाद अब अगले सीजन 2018-19 में भी नया रिकॉर्ड बन सकता है। देश में चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने 2018-19 सीजन के लिए शुरुआती अनुमान जारी किया है जिसके मुताबिक अगले साल भी उत्पादन का रिकॉर्ड बनेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने जारी बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री लोक कल्याण मार्ग में 29 जून 2018 को करीब 150 गन्ना किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करेंगे।’’ इसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड और पंजाब के किसान होंगे।
देश में खरीफ फसलों की खेती शुरुआत में पिछड़ने के बाद अब सामान्य होने लगी है। मानसून के आगे बढ़ने के साथ खरीफ फसलों की बुआई ने भी रफ्तार पकड़ ली है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 15 जून तक देशभर में कुल 93.01 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती हो चुकी है, पिछल साल इस दौरान 94.12 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी, सामान्य तौर पर इस दौरान औसतन 91.48 लाख हेक्टेयर में फसल लगती है
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार, चीनी क्षेत्र को विनियमित नहीं करना चाहती है और चीनी के लिए न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को तय करना और चीनी मिलों के लिए स्टॉक रखने की सीमा निर्धारित करना महज किसानों, उपभोक्ताओं के साथ-साथ छोटी इकाइयां के हित के लिए किया गया है।
केंद्रीय कैबिनेट कि बैठक में बड़ा फैसला गन्ना किसानों के लिए वित्तीय राहत पैकेज का ऐलान
चीनी की कम कीमतों की वजह से घाटे की मार झेल रहे देश के चीनी उद्योग की मदद के लिए सरकार आगे आई है, सरकार ने चीनी उद्योग की मदद के लिए 8000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज को मंजूरी दे दी है, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राहत पैकेज को मंजूरी दी गई है। इस पैकेज की मदद से चीनी उद्योग को गन्ना किसानों का कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी जिससे गन्ना किसानों को लाभ पहुंचेगा।
यूपी के गन्ना किसानों की बदहाली जगजाहिर है। प्रदेश के गन्ना किसानों का 13 हजार करोड़ रुपये चीनी मिलों पर बकाया है जबकि योगी सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा कैराना लोकसभा क्षेत्र से आने वाली थानाभवन विधानसभा सीट से विधायक हैं। बावजूद इसके गन्ना किसानों को भुगतान के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है।
किसानों का गन्ना बकाया 22,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाने से चिंतित सरकार नकदी की तंगी से जूझ रही चीनी मिलों के लिये 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का राहत पैकेज घोषित कर सकती है ताकि किसानों का भुगतान जल्द से जल्द किया जा सके। सूत्रों ने बताया कि कल इस संबंध में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में कोई निर्णय लिये जाने की संभावना है।
संपादक की पसंद