देश में चीनी उत्पादन 261 लाख टन होने का अनुमान है। इससे पहले 251 लाख टन चीनी पैदा होने का अनुमान लगाया गया था। पिछले साल देश में 203 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सका था
ISMA ने 2017-18 में पूरे सीजन के दौरान उत्पादन 251 लाख टन अनुमानित किया है, पिछला स्टॉक 38.76 लाख टन बचा था और 2 लाख टन आयातित चीनी भी है
सरकार के चीनी दाम को निगरानी में रखने के लिए चीनी डीलरों पर स्टॉक सीमा प्रतिबंध को समाप्त करने के फैसले से जहां एक तरफ चीनी के दाम पर बढ़ता दबाव कम होगा वहीं व्यापारियों और डीलरों के स्तर पर चीनी की मांग में सुधार आएगा।
आंकड़ों के मुताबिक 30 नवंबर तक देशभर में चीनी मिलों ने 39.51 लाख टन चीनी का उत्पादन कर लिया है, पिछले साल इस दौरान उत्पादन 27.82 लाख टन दर्ज किया गया था।
अक्टूबर से शुरू हो रहे चीनी वर्ष 2017-18 के दौरान देश में 251 लाख टन का उत्पादन हो सकता है
सरकार 20-25 फीसदी आयात शुल्क पर 3 लाख टन चीनी आयात की मंजूरी दे सकती है, सामान्य तौर पर चीनी पर 50 फीसदी आयात शुल्क लागू है।
फुटकर और थोक उपभोक्ताओं की भारी मांग के चलते दिल्ली थोक बाजार में चीनी के भाव 50 रुपए क्विंटल की तेजी के साथ तीन साल के उच्चस्तर तक जा पहुंचे।
पासवान ने कहा कि खुदरा बाजार में चीनी की कीमत 40 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है, हम नहीं चाहते कि कीमतें आगे और बढ़ें। इसलिए वायदा वायदा पर रोक लगाना चाहिए।
चालू फसल वर्ष में चीनी उत्पादन 2.51 करोड़ टन रह जाने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में उत्पादन में अनुमानित गिरावट इसकी मुख्य वजह बताई गई है।
चीनी की बढ़ती कीमतों पर अंकुश रखने के लिए सरकार ने व्यापारियों के लिए चीनी की अधिकतम स्टॉक सीमा तय कर दी है।
सरकार चीनी के 32 लाख टन के अनिवार्य निर्यात आदेश को वापस ले सकती है। साथ ही चीनी कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए आयात शुल्क भी कम कर सकती है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने मौजूदा विपणन सीजन देश के चीनी उत्पाद अनुमान को लगभग 10 लाख टन घटाकर 2.5 करोड़ टन कर दिया है।
केंद्र ने चीनी का खुदरा भाव 40 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंचने के साथ राज्य सरकारों को जमाखोरी रोकने तथा बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिये कहा है।
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