भारत दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक देशों में से एक है। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफएल) के अनुसार, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन के कारण देश का कुल चीनी उत्पादन कम हो गया है।
Sugar Export: भारत सरकार ने निर्यातकों को कुछ नियम के साथ चीनी विदेशों में बेचने की अनुमति दे दी है। यह मंजूरी सिर्फ मई के अंत तक ही दी गई है।
World's Largest Sugar Producer: भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और उपभोक्ता और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक के रूप में उभरा है।
पाकिस्तान की सरकारी ट्रेडिंग कंपनी टीसीपी ने सोमवार को 50,000 टन सफेद चीनी के आयात के लिये वैश्विक निविदा जारी की है।
महासंघ ने निर्यात प्रोत्साहनों और बफर स्टॉक खर्चों की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए धन का प्रावधान करने का सुझाव दिया है।
चीनी उद्योग को संकट से उबारने के लिए यह दूसरा सरकारी वित्तीय पैकेज है। इससे पहले जून में सरकार ने 8,500 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा, बुधवार को गन्ना किसानों के उत्पादन सहायता को दोगुना से अधिक करने तथा चीनी का निर्यात करने वाली मिलों को परिवहन सब्सिडी देने के लिए कुल मिला कर 4,500 करोड़ रुपये के पैकेज पर विचार किए जाने की संभावना है।
चीनी की कम कीमतों की वजह से घाटे की मार झेल रहे देश के चीनी उद्योग की मदद के लिए सरकार आगे आई है, सरकार ने चीनी उद्योग की मदद के लिए 8000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज को मंजूरी दे दी है, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राहत पैकेज को मंजूरी दी गई है। इस पैकेज की मदद से चीनी उद्योग को गन्ना किसानों का कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी जिससे गन्ना किसानों को लाभ पहुंचेगा।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कि सानों के गन्ने के भुगतान का बकाया बढ़ने पर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकारों को किसानों के भुगतान के लिए चीनी मिलों को सख्त निर्देश जारी करना चाहिए
पेट्रोल की लागत कम हो सकती है साथ में चीनी और इथनॉल कंपनियों को होगा फायदा
सरकार ने चीनी के सस्ते आयात को रोकने के लिए चीनी के आयात शुल्क को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है। भारत चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
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