पिछले विपणन वर्ष में चीनी मिलों को लगभग 60 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी गई थी। ISMA ने एक बयान में कहा कि अप्रैल 2024 के अंत तक उत्पादन लगभग 314 लाख टन तक पहुंच गया है।
Sugar Export: भारत सरकार ने निर्यातकों को कुछ नियम के साथ चीनी विदेशों में बेचने की अनुमति दे दी है। यह मंजूरी सिर्फ मई के अंत तक ही दी गई है।
जानाकरों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से चीनी की कीमत आम आदमी की पहुंच में रखने में मदद मिलेगी।
इस्मा के आंकड़ों के अनुसार, अधिक गन्ना उत्पादन और बेहतर उपज के कारण इस साल अक्टूबर, 2021 से 15 मार्च, 2022 के बीच चीनी उत्पादन नौ प्रतिशत बढ़कर 283.26 लाख टन हो गया।
पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से होटल और रेस्तरां बंद होने के कारण चीनी की खपत में गिरावट आई है।
ऐस्ता ने कहा कि विपणन वर्ष 2020-21 (अक्टूबर से सितंबर) में कुल निर्यात में से, 70.6 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है, जबकि लगभग 1,66,335 टन चीनी की लदान की जा रही है।
अफगानिस्तान, भारतीय चीनी निर्यात के लिए शीर्ष तीन गंतव्यों में से एक है। वहां हर वर्ष लगभग छह-सात लाख टन चीनी का निर्यात किया जाता है।
खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार इस साल जनवरी से जून के दौरान देश से रिकॉर्ड 50 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ है।
खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि 60 लाख टन चीनी में से 57 लाख टन चीनी के लिए सौदे हो चुके हैं।
अब तक भारत रिकॉर्ड 52 लाख टन के निर्यात सौदे कर चुका है
ज्यादातर चीनी का इंडोनेशिया और ईरान को निर्यात किया गया।
चीनी मिलों को अगले हफ्ते तक रिपोर्ट देने के निर्देश
सरकार ने अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा (एमएईक्यू) योजना के तहत 2019-20 के मौजूदा विपणन वर्ष के लिए 6,50,000 टन चीनी कोटा का नए सिरे से आवंटन किया है।
चीनी सत्र 2018-19 (अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019) में निर्यात के लिए मिलवार 50 लाख टन चीनी का एमआईक्यूएम कोटा तय किया गया था।
कैबिनेट ने चीनी वर्ष 2019-20 के लिए चीनी मिलों को चीनी का निर्यात करने के लिए 10,448 रुपए प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देने को मंजूरी दी है।
इस आदेश का किसी भी तरह से उल्लंघन किए जाने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अब तक कुल मिलाकर करीब 27 लाख टन चीनी निर्यात अनुबंध किया जा चुका है, जिसमें से 21.7 लाख टन चीनी मिलों से भेजी जा चुकी है।
चीनी के अधिशेष स्टॉक के बीच देश की चीनी मिलों ने पश्चिम एशिया और श्रीलंका जैसे देशों को करीब आठ लाख टन चीनी का निर्यात करने का अनुबंध किया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा, बुधवार को गन्ना किसानों के उत्पादन सहायता को दोगुना से अधिक करने तथा चीनी का निर्यात करने वाली मिलों को परिवहन सब्सिडी देने के लिए कुल मिला कर 4,500 करोड़ रुपये के पैकेज पर विचार किए जाने की संभावना है।
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