सूडान की सेना ने अपने राजदूत को संयुक्त राष्ट्र से हटाने को लेकर पत्र लिखा है। सूडानी सेना ने राजदूत पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (यूएनओसीएचए) ने कहा है कि सूडान में जारी संघर्ष के कारण इथियोपिया पहुंचने वाले लोगों की संख्या 25,700 से अधिक हो गई है। यूएनओसीएचए ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहाकि पिछले कुछ सप्ताह में सूडान से लोग रोजाना इथियोपिया आ रहे हैं।
सूडान के सैन्य प्रमुख ने प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल से संबंधित सभी बैंक खातों के लेनदेन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। पूरे सूडान में में दोनों पक्षों के बीच हफ्तों से संघर्ष जारी है।
सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है। दोनों पक्षों ने यह समझौता संघर्ष में सूडानी नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए सऊदी बंदरगाह शहर जेद्दा में किया है। इसके तहत एक समझौते पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए हैं।
सूडान के चिकित्सकों के संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जनरल अब्देल फताह बुरहान नीत सेना और जनरल मोहम्मद हमदान दालगो नीत रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच हिंसा हुई थी जिसमें कम से कम 481 आम नागरिक मारे गए।
सूडानी सेना ने संघर्ष समाप्त करने के प्रस्ताव की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। सूडानी सेना ने कहा कि उसने सऊदी-अमेरिकी पहल के हिस्से के रूप में अफ्रीकी देश में संघर्ष समाप्त करने के लिए व मानवीय युद्धविराम पर चर्चा करने के लिए वार्ताकारों को सऊदी अरब के बंदरगाह शहर जेद्दा भेजा है।
सूडान में अर्धसैनिक बलों और सेना के बीच चल रहे संघर्ष में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। ऐसे में वहां बसे तमाम लोगों की जान मुश्किल में फंसी है। काफी संख्या में भारतीय भी सूडान में रहते हैं जो मुश्किल हालात में फंसे हैं ,लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर भारत ने ऑपरेशन कावेरी चलाया है।
संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस बीच, संघर्ष विराम की अवधि और तीन दिनों के लिए बढ़ाये जाने के बावजूद राजधानी खार्तूम में दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुई हैं।
Operation Kaveri Sudan: सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाए गए ऑपरेशन कावेरी के तहत अब तक करीब 2 हजार लोगों की वतन वापसी हो चुकी है.
सूडान में जारी हिंसा के बीच अपने आम नागरिकों को वहां से बाहर निकालने के लिए अमेरिका द्वारा चलाए गए अभियान के तहत सैकड़ों अमेरिकी लोग सैन्य ड्रोन की निगरानी में शनिवार को पूर्वी अफ्रीकी देश के बंदरगाह पर पहुंचे।
वायुसेना ने एक साहसी अभियान के तहत खतरों से खेलते हुए 121 लोगों को सुरक्षित निकाला। यह एक ऐसा अभियान था जिसकी सफलता किसी चमत्कार से कम नहीं है
सेना के जनरल कमांडर अब्देल फत्ताह अल-बुरहान ने बुधवार देर रात संघर्ष विराम के विस्तार के लिए 72 घंटे के लिए प्रारंभिक स्वीकृति दी। सेना ने गुरुवार को बयान में कहा कि अब इसके विस्तार को दोहराते हुए मंजूरी दे दी गई है।
मुंबई पहुंचने के बाद एक बुजुर्ग महिला से मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें अपने देश वापस सकुशल लौटकर बेहद ही खुशी है।
विदेश सचिव ने कहा- हमारा प्रयास है कि जो भी भारतीय नागरिक युद्ध के क्षेत्र में फंसे हुए हैं, उन्हें शीघ्र वहां से निकालकर एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए।
Sudan lab news:सूडान लैब में इस समय जो हो रहा है वो पूरी मानव जाति के लिए घातक हो सकता है। क्यों और कैसे, जानते हैं।
सूडान में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स का आपस में युद्ध हो रहा है। 600 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। लोग घरों में कैद हैं, कई दिन से उन्हें खाना नहीं मिला है ऐसे हालत में वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाना कोई आसान काम नहीं था।
हिंसाग्रस्त सूडान से भारतीयों को निकालने का काम जारी है। नौसेना के जहाजों और वायुसेना के विमानों से भारतीयों को सऊदी अरब के जेद्दा लाया जा रहा है। फिर उन्हें वापस भारत लाने की तैयारी है।
सूडान हिंसा में फंसे भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी के लिए आपरेशन कावेरी को अब तेज कर दिया गया है। इससे मुश्किलों में फंसे देश के लोगों को सूडान से जल्द निकाला जा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने हिंसा प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया था।
भारत की मजबूत विदेश नीति और पीएम मोदी के करिश्माई नेतृत्व से दुनिया में देश का डंका बज रहा है। पीएम मोदी की लोकप्रियता और उनके अंदाज ने तमाम राष्ट्रों के अध्यक्षों को भी कायल बना दिया है। कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से पीएम मोदी की गहरी दोस्ती है।
माना जा रहा है कि सूडानी सेना और आरएसएफ आने वाले दिनों में सूडान पोर्ट की तरफ जाने वाले रास्तों पर हिंसा रोककर विदेशी नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना सकते हैं।
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