आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती है। यंग इंडिया के लिए आज भी वो प्रेरणा हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ये अंग्रेज इतने सीधे नहीं थे कि मांगने से आजादी दे गए। सुभाष चंद बोस कहा करते थे तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा, तब मैं कहा करता हूं- लहू के भाव से खरीदी थी हमने आजादी, इस आजादी के लिए कितने लोग शहीद हो गए।
एक आम धारणा यह है कि जापान के एक बौद्ध मंदिर में उनकी अस्थियां रखी हुई हैं और उसे पूरे सम्मान के साथ भारत लाया जाना चाहिए।
कुरुक्षेत्र | 21 अक्टूबर, 2018 | आज़ाद हिन्द की 75वीं सालगिरह पर पीएम मोदी ने नेताजी को किया याद
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