Stubble burning Solution: जिस पराली के धुएं से हर साल दिल्ली एनसीआर समेत अन्य जगहों पर हाहाकार मच जाता था और जिसकी वजह से प्रदूषण स्तर में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी का दोष मढ़ा जाता था, अब उसका समाधान वैज्ञानिकों ने 10 वर्षों के गहन अनुसंधान के बाद खोज निकाला है।
इन परियोजनाओं से लगभग 1,200 करोड़ रुपये का निजी निवेश होने की उम्मीद है और 8,000 कुशल और अकुशल लोगों को रोजगार मिलेगा।
आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने के संबंध में तोमर ने कहा कि यह राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में है।
हरियाणा के कैथल में रहने वाले रामकुमार ने बताया कि मैंने सरकार की मदद से 2018 में 3 मशीन खरीदी। अब कृषि विभाग की मदद से 12 मशीन खरीदी और 300 लोगों को रोज़गार दिया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटना और दिल्ली में वायु गुणवत्ता के खराब होने में प्रत्यक्ष संबंध है, जैसा कि आंकड़ों से दिखता है।
पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं का दिल्ली के प्रदूषण में अहम योगदान होता है। आंकड़ों के मुताबिक छह अक्टूबर से अबतक पंजाब में पराली जलाने की 1,008 घटनाएं दर्ज की गई हैं जबकि हरियाणा में ऐसी घटनाओं की संख्या 463 है।
दिल्ली में एक बार फिर वायु गुणवत्ता खराब होनी शुरू हो गई है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच पंजाब में किसानों ने पराली जलाना फिर से शुरू कर दिया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कुछ दिन पहले भी बताया था कि फसल अवशेष जलाने के कारण किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे।
किसानों से परली जुटाकर उसे एनर्जी प्रोड्यूसर्स तक पहुंचाने के इकोसिस्टम में मजबूत पुल का काम करने वाले वर्व रिन्यूएबल्स ने 1,50,000 मीट्रिक टन कृषि अपशिष्ट जुटाने का संकल्प लिया है।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में कथित रूप से धान की पराली जलाने के आरोप में दो दिनों के भीतर कम से कम 60 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज कर उनके खिलाफ पुलिस ने निरोधात्मक कार्रवाई की है।
विशेषज्ञों ने कहा कि पंजाब के खेतों में धान की पराली जलाने के कारण पैदा हुए धुंए के 300-400 किलोमीटर दूर पहुंचकर दिल्ली की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करना लगभग नामुमकिन है।
पंजाब, हरियाणा में पराली जलने की शुरुआत से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता सोमवार को कई जगहों पर 'खतरनाक' हो गई |
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में खेतों में पराली जलाने वाले पांच किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
वर्तमान में दिल्ली में वायु गुणवत्ता हालांकि मध्यम श्रेणी में है, लेकिन आने वाले दिनों में राजधानी की हवा और दूषित हो सकती है। इसका कारण पराली जलाने की घटनाओं का बढ़ना है। यह जानकारी सोमवार को सफर ने दी।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी से पूछा कि क्या अभी भी पंजाब में पराली जलाई जा रही है? जिसका उन्होनें 'हां' में उत्तर दिया।
उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीपी वत्स ने जब पूरक प्रश्न पूछते समय यह बात कही तो सदन में बैठे सदस्यों के चेहरे पर मुस्कान उभर आयी।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने सेटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं जो स्थिति की भयावहता को बयान कर रही हैं। इस सेटेलाइट मैप में पंजाब और हरियाणा के ऊपर Red Spot दिखाई दिए हैं।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को मांग की कि हरियाणा सरकार को पराली नहीं जलाने वाले छोटे एवं सीमांत किसानों को प्रति एकड़ 2,500 रुपये का मुआवजा देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं थम नहीं रही है। पिछले दो दिनों में पंजाब के विभिन्न हिस्सों से 1,565 खेतों में पाराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं।
चरखी दादरी जिले के गांव घिकाड़ा के सरपंच ने पर्यावरण बचाने की पहल करते हुए पराली नहीं जलाने वाले किसानों को हवाई सैर कराकर जागरूकता का संदेश दिया है।
संपादक की पसंद